भोपाल : मध्य प्रदेश की राजनीति में जारी घमासान के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बहुमत का दावा किया है. उन्होंने मंगलवार की देर शाम विधायकों की बैठक के बाद कहा, चिंता की बात नहीं है, हमारे पास बहुमत है और हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
पार्टी सूत्रों की मानें तो कमलनाथ ने विधायकों की बैठक में उनसे राज्य में मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को भी कहा है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में तेजी से बदल रहे सियासी समीकरणों के चलते कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस की सदस्यता त्याग भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है.
सिंधिया आज शाम को ही भाजपा की सदस्यता लेने वाले थे. लेकिन अन्यान्य कारणों से यह कार्यक्रम टाल दिया गया. वहीं कांग्रेस के 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन को अपना इस्तीफा दे दिया. इन सब के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के गवर्नर से छह मंत्रियों को तत्काल उनके पद से हटाने की मांग की.
इस बीच कमलनाथ के बाद पार्टी प्रवक्ता शोभा ओझा और कांग्रेस नेता पी.सी. शर्मा ने भी मुख्यमंत्री की तरह दावा किया कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है और उसके पास बहुमत है.
शोभा ओझा ने बैठक के बाद कहा, 'बैठक बहुत अच्छी थी और कांग्रेस के तमा विधायक मौजूद थे. साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि हमारे पास विधयकों की गिनती है. हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे.'
उन्होंने कहा कि जो विधायक सिंधिया जी के साथ गए, उन्हें गुमराह करके इकट्ठा किया गया था और कहा गया था कि सिंधिया को राज्यसभा सीट के लिए मांग करनी है. इसलिए वे इकट्ठा हुए थे. लेकिन सिंधिया के भाजपा में जाने से वे रुष्ट हैं और सभी विधायक मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं.
विधायकों से धोखे से हस्ताक्षर कराए गए : पीसी शर्मा
उधर पीसी शर्मा ने कहा कि विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि जो विधायक बेंगलुरु गए हैं, उनमें से कई हमारे संपर्क में हैं. उन विधायकों ने बताया है कि उन्हें राज्यसभा के लिए लाया गया है, लेकिन धोखे से उनसे हस्ताक्षर करा लिए गए.
पीसी शर्मा ने कहा, 'हम विधानसभा सत्र शुरू होने पर बहुमत साबित करेंगे. हमारे सभी विधायक हमारे साथ है. हम बहुमत में हैं.'