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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : हिमाचल की 'कल्पना' देशवासियों के लिए बनी मिसाल - नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 21वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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प्लास्टिक के खिलाफ हिमाचल की कल्पना
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Published : Jan 1, 2020, 7:02 AM IST

कुल्लू: प्लास्टिक आज हमारे समाज में बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है. प्लास्टिक कचरा न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इसको नष्ट करना भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. समस्या से निपटने के लिए और लोगों को भी प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने के लिए अब प्रदेश और केंद्र सरकार ने भी अपनी मुहिम शुरू की है.

पर्यावरण को बचाने के लिए मनाली की कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है. कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं.

देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान तो छेड़ दिया गया है, लेकिन हिमाचल के जिला कुल्लू के मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर ने अपने तरीके से प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है जो काफी हद तक कामयाब भी रहा है. वैसे तो कल्पना ठाकुर जिला लाहौल स्पीति के चौंखग गांव की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले कई साल से वे अपने परिवार संग मनाली में ही रहती हैं.

ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट

कई संस्थाएं कल्पना को कर चुकी हैं सम्मानित
कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर इस कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. साथ ही इसके दोबारा इस्तेमाल के बारे में लोगों को जागरूक भी कर रही हैं. कल्पना की चलाई मुहिम की आज हर कोई तारीफ कर रहा है. अब तक कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित भी कर चुकी हैं.

प्लास्टिक के कचरे से कल्पना बनाती हैं खूबसूरत कलाकृतियां
वहीं, ईटीवी भारत से अपने विचार साझा करते हुए कल्पना ने बताया कि वे आज से लगभग 22 साल पहले से प्लास्टिक कचरे से कई तरह का सजावटी सामान बनाती आई हैं. कल्पना ने बताया कि वे पहले काफी प्लास्टिक का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन बाद में मनाली में प्लास्टिक से बने लिफाफों पर रोक लगने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कल्पना की मुहिम
इसके बाद जब उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में पता लगा तो उन्होंने इसका कम इस्तेमाल करना शुरू किया और पुराने प्लास्टिक के कचरे को ही दोबारा इस्तेमाल में लाकर कई तरह की कलाकृतियां बनानी शुरू कर दी. वहीं, सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ सरकार के छेड़े अभियान की कल्पना ने तारीफ की. उन्होंने आम जनता से प्लास्टिक की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की.

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कुल्लू: प्लास्टिक आज हमारे समाज में बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है. प्लास्टिक कचरा न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इसको नष्ट करना भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. समस्या से निपटने के लिए और लोगों को भी प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने के लिए अब प्रदेश और केंद्र सरकार ने भी अपनी मुहिम शुरू की है.

पर्यावरण को बचाने के लिए मनाली की कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है. कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं.

देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान तो छेड़ दिया गया है, लेकिन हिमाचल के जिला कुल्लू के मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर ने अपने तरीके से प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है जो काफी हद तक कामयाब भी रहा है. वैसे तो कल्पना ठाकुर जिला लाहौल स्पीति के चौंखग गांव की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले कई साल से वे अपने परिवार संग मनाली में ही रहती हैं.

ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट

कई संस्थाएं कल्पना को कर चुकी हैं सम्मानित
कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर इस कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. साथ ही इसके दोबारा इस्तेमाल के बारे में लोगों को जागरूक भी कर रही हैं. कल्पना की चलाई मुहिम की आज हर कोई तारीफ कर रहा है. अब तक कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित भी कर चुकी हैं.

प्लास्टिक के कचरे से कल्पना बनाती हैं खूबसूरत कलाकृतियां
वहीं, ईटीवी भारत से अपने विचार साझा करते हुए कल्पना ने बताया कि वे आज से लगभग 22 साल पहले से प्लास्टिक कचरे से कई तरह का सजावटी सामान बनाती आई हैं. कल्पना ने बताया कि वे पहले काफी प्लास्टिक का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन बाद में मनाली में प्लास्टिक से बने लिफाफों पर रोक लगने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कल्पना की मुहिम
इसके बाद जब उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में पता लगा तो उन्होंने इसका कम इस्तेमाल करना शुरू किया और पुराने प्लास्टिक के कचरे को ही दोबारा इस्तेमाल में लाकर कई तरह की कलाकृतियां बनानी शुरू कर दी. वहीं, सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ सरकार के छेड़े अभियान की कल्पना ने तारीफ की. उन्होंने आम जनता से प्लास्टिक की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की.

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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुणे नगर निगम कचरे से बना रहा ईंधन

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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : हिमाचल की कल्पना देशवासियों के लिए बनी मिसाल





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पर्यावरण को बचाने के लिए मनाली की कल्पना ठाकुर ने प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है. कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं.



कुल्लू: प्लास्टिक आज हमारे समाज में बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है. प्लास्टिक कचरा न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इसको नष्ट करना भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. समस्या से निपटने के लिए और लोगों को भी प्लास्टिक के प्रति जागरूक करने के लिए अब प्रदेश और केंद्र सरकार ने भी अपनी मुहिम शुरू की है.

देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान तो छेड़ दिया गया है, लेकिन हिमाचल के जिला कुल्लू के मनाली की रहने वाली कल्पना ठाकुर ने अपने तरीके से प्लास्टिक को ठिकाने लगाने का नया तरीका ढूंढ निकाला है जो काफी हद तक कामयाब भी रहा है. वैसे तो कल्पना ठाकुर जिला लाहौल स्पीति के चौंखग गांव की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले कई साल से वे अपने परिवार संग मनाली में ही रहती हैं.

कई संस्थाएं कल्पना को कर चुकी हैं सम्मानित

कल्पना प्लास्टिक के कचरे को फिर से इस्तेमाल में लाकर इस कचरे से खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं. साथ ही इसके दोबारा इस्तेमाल के बारे में लोगों को जागरूक भी कर रही हैं. कल्पना की चलाई मुहिम की आज हर कोई तारीफ कर रहा है. अब तक कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित भी कर चुकी हैं.

प्लास्टिक के कचरे से कल्पना बनाती हैं खूबसूरत कलाकृतियां

वहीं, ईटीवी भारत से अपने विचार साझा करते हुए कल्पना ने बताया कि वे आज से लगभग 22 साल पहले से प्लास्टिक कचरे से कई तरह का सजावटी सामान बनाती आई हैं. कल्पना ने बताया कि वे पहले काफी प्लास्टिक का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन बाद में मनाली में प्लास्टिक से बने लिफाफों पर रोक लगने के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कल्पना की मुहिम

इसके बाद जब उन्हें प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में पता लगा तो उन्होंने इसका कम इस्तेमाल करना शुरू किया और पुराने प्लास्टिक के कचरे को ही दोबारा इस्तेमाल में लाकर कई तरह की कलाकृतियां बनानी शुरू कर दी. वहीं, सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ सरकार के छेड़े अभियान की कल्पना ने तारीफ की. उन्होंने आम जनता से प्लास्टिक की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करने की अपील की.


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