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कडक्कवूर पॉक्सो मामला : हाई कोर्ट ने दी बच्चे की मां को जमानत - केरल HC

कडककवूर पॉक्सो (POCSO) मामले में केरल हाई कोर्ट ने बच्चे की मां को जमानत दे दी है. अदालत ने एक विशेषज्ञ समिति के जरिए बच्चे के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जांच करने का भी निर्देश दिया.

कडक्कवूर पोक्सो मामला : केरल HC ने बच्चे की मां को जमानत दी
कडक्कवूर पोक्सो मामला : केरल HC ने बच्चे की मां को जमानत दी
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Published : Jan 22, 2021, 4:16 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 4:43 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल उच्च न्यायालय ने कडककवूर पॉक्सो केस में बच्चे की मां को जमानत दे दी है. अदालत ने एक महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक नई जांच टीम बनाने का भी आदेश दिया है. अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया की कोर्ट को इस जांच की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराए.

अदालत ने एक विशेषज्ञ समिति के जरिए बच्चे के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जांच करने का भी निर्देश दिया. इस उद्देश्य के लिए एक महिला चिकित्सक सहित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की एक टीम की नियुक्त के भी आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चे को जरूरत पड़ने पर पिता की कस्टडी से शिफ्ट किया जा सकता है.

इससे पहले तिरुवनंतपुरम में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मां को जमानत देने से इनकार कर दिया था. सरकार ने दूसरे दिन मां की जमानत याचिका का विरोध किया था. सरकार का कहना है कि बच्चे के बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 45 वर्षीय महिला को पॉक्सो अधिनियम, 2012 के तहत गिरफ्तार किया गया था, उस पर आरोप था कि उसने अपने 13 वर्षीय बेटे का यौन उत्पीड़न किया था. हालांकि महिला की मां ने अपने दामाद पर अपनी बेटी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाने के बाद एक दिन पहले मामले को एक मोड़ ले लिया.

शिकायत में कथित तौर पर पुरुष की अपनी पत्नी के प्रति शत्रुता के कारण उसकी पत्नी द्वारा दूसरी बार तलाक दिए बिना शादी करने के फैसले पर सवाल उठाया गया था. दंपती के छोटे बेटे ने यह भी दावा किया कि उनके भाई, जोकि इस केस में पीड़ित थे. उसको उनके पिता ने उनकी मां के खिलाफ शिकायत करने की धमकी दी थी.

पढ़ें : बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाली महिला आध्यपिका को पांच साल की जेल

तिरुवनंतपुरम : केरल उच्च न्यायालय ने कडककवूर पॉक्सो केस में बच्चे की मां को जमानत दे दी है. अदालत ने एक महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक नई जांच टीम बनाने का भी आदेश दिया है. अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया की कोर्ट को इस जांच की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराए.

अदालत ने एक विशेषज्ञ समिति के जरिए बच्चे के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति की जांच करने का भी निर्देश दिया. इस उद्देश्य के लिए एक महिला चिकित्सक सहित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की एक टीम की नियुक्त के भी आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चे को जरूरत पड़ने पर पिता की कस्टडी से शिफ्ट किया जा सकता है.

इससे पहले तिरुवनंतपुरम में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मां को जमानत देने से इनकार कर दिया था. सरकार ने दूसरे दिन मां की जमानत याचिका का विरोध किया था. सरकार का कहना है कि बच्चे के बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, 45 वर्षीय महिला को पॉक्सो अधिनियम, 2012 के तहत गिरफ्तार किया गया था, उस पर आरोप था कि उसने अपने 13 वर्षीय बेटे का यौन उत्पीड़न किया था. हालांकि महिला की मां ने अपने दामाद पर अपनी बेटी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाने के बाद एक दिन पहले मामले को एक मोड़ ले लिया.

शिकायत में कथित तौर पर पुरुष की अपनी पत्नी के प्रति शत्रुता के कारण उसकी पत्नी द्वारा दूसरी बार तलाक दिए बिना शादी करने के फैसले पर सवाल उठाया गया था. दंपती के छोटे बेटे ने यह भी दावा किया कि उनके भाई, जोकि इस केस में पीड़ित थे. उसको उनके पिता ने उनकी मां के खिलाफ शिकायत करने की धमकी दी थी.

पढ़ें : बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाली महिला आध्यपिका को पांच साल की जेल

Last Updated : Jan 22, 2021, 4:43 PM IST
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