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NRC की डेडलाइन बढ़ाने की याचिका पर कांग्रेस सांसद का विरोध, कहा-विकल्प तलाशें

NRC के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के अनुरोध का असम से कांग्रेस सांसद ने विरोध किया है. सांसद ने कहा कि सरकार को अपनें ही अधिकारियों के काम पर भरोसा नहीं है. जानें क्या है मामला...

कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक
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Published : Jul 20, 2019, 12:08 AM IST

नई दिल्लीःअसम के राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के मुद्दे पर शुक्रवार को केंद्र और असम राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में NRC के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया. इस पर असम के बारपेटा सीट से कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक ने विरोध जताया है.

अब्दुल खलीक ने कहा कि, इतने चरणों के बाद अब जब NRC की प्रक्रिया पूरी होने वाली है तब केंद्र सरकार कह रही है कि NRC के ड्राफ्ट में 20 प्रतिशत नामों का फिर से वेरिफिकेशन होना चाहिए.
केंद्र और असम राज्य में भाजपा की सरकार है, उन्होंने सभी कागजातों का वेरिफ़िकेशन कराया और अब वही सुप्रीम कोर्ट में दोबारा NRC ड्राफ्ट के समीक्षा की मांग कर रहे हैं. इसका मतलब यह है कि सरकार को अपने ही कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों पर भरोसा नहीं है.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक का बयान

खलीक ने कहा कि जब मैं अपने क्षेत्र बारपेटा गया तब देखा कि वहां पर लोगों के कागजात असम में आई बाढ़ में बह गए. उन लोगों ने अपने कागजात बचाने की कोशिश की लेकिन बाढ़ में सब कुछ बह गया.

पढ़ें-NRC के बहाने वास्तविक भारतीयों को परेशान कर रही है सरकार: रिपुन बोरा

अब्दुल खलीक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं मौजूद है, तो फिर जो गरीब हैं पर भारतीय नागरिक हैं उनके भी कुछ कागजात हो सकता हैं नहीं हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें इसका विकल्प निकालना होगा.

नई दिल्लीःअसम के राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के मुद्दे पर शुक्रवार को केंद्र और असम राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में NRC के कार्यकाल को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया. इस पर असम के बारपेटा सीट से कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक ने विरोध जताया है.

अब्दुल खलीक ने कहा कि, इतने चरणों के बाद अब जब NRC की प्रक्रिया पूरी होने वाली है तब केंद्र सरकार कह रही है कि NRC के ड्राफ्ट में 20 प्रतिशत नामों का फिर से वेरिफिकेशन होना चाहिए.
केंद्र और असम राज्य में भाजपा की सरकार है, उन्होंने सभी कागजातों का वेरिफ़िकेशन कराया और अब वही सुप्रीम कोर्ट में दोबारा NRC ड्राफ्ट के समीक्षा की मांग कर रहे हैं. इसका मतलब यह है कि सरकार को अपने ही कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों पर भरोसा नहीं है.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक का बयान

खलीक ने कहा कि जब मैं अपने क्षेत्र बारपेटा गया तब देखा कि वहां पर लोगों के कागजात असम में आई बाढ़ में बह गए. उन लोगों ने अपने कागजात बचाने की कोशिश की लेकिन बाढ़ में सब कुछ बह गया.

पढ़ें-NRC के बहाने वास्तविक भारतीयों को परेशान कर रही है सरकार: रिपुन बोरा

अब्दुल खलीक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं मौजूद है, तो फिर जो गरीब हैं पर भारतीय नागरिक हैं उनके भी कुछ कागजात हो सकता हैं नहीं हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमें इसका विकल्प निकालना होगा.

Intro:नई दिल्ली। असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के
मुद्दे पर शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एनाआरसी के कार्यकाल बढ़ाये जाने के अनुरोध पर असम के बारपेटा सीट से कांग्रेस सांसद अब्दुल खलीक ने विरोध किया है और कहा कि उन्हें खुद के ही अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।

अब्दुल खलीक ने कहा कि मैं केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए एनाअरसी के समर्थन में नहीं हूँ लेकिन जब इतने चरणों के बाद एनाआरसी की प्रक्रिया पूरी होने वाली है तब केंद्र सरकार यह कह रही है कि एनआरसी ड्राफ्ट में 20 फ़ीसदी सैंपल के फिर से वेरिफिकेशन की जरूरत है।




Body:अब्दुल खलीक ने कहा कि केंद्र और राज्य में भी भाजपा की सरकार है और उन्हीं ने सभी कागजातों का वेरिफ़िकेशन किया और अब वह सुप्रीम कोर्ट में दोबारा एनआरसी ड्राफ्ट के रिव्यु की मांग कर रहे हैं इसका मतलब यह है कि सरकार को अपने ही कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों पर भरोसा नहीं है।

सांसद ने कहा कि जब मैं अपने क्षेत्र बारपेटा में गया तब देखा कि वहां पर लोगों के कागज़ात वहां पर आई बाढ़ के कारण बह गए। उन लोगों ने अपने कागजात बचाने की कोशिश की लेकिन कुछ कह बाढ़ में बह गए।


Conclusion:अब्दुल खलीक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब उनकी डिग्री नहीं मौजूद है तब फिर जो गरीब भारतीय लोग हैं उनके भी कागजात नहीं हो सकते हैं। लेकिन, फिर भी हमें इसका विकल्प सोचना होगा।
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