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कोविड-19 जांच में अस्पतालों की लापरवाही, स्वास्थ्य मंत्री ने लगाई फटकार - mandatory for medical colleges to set up covid testing lab

कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को कोविड परीक्षण की उपेक्षा करने पर लताड़ लगाई है. मंत्री ने इनकी प्रयोगशालाओं को 10-15 दिनों के भीतर प्रति दिन न्यूनतम 1000 नमूनों की जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर
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Published : Jul 15, 2020, 10:47 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 8:10 AM IST

बेंगलुरु : चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने चेतावनी दी है अगर कोई भी मेडिकल संस्थान कोविड-19 परीक्षण की उपेक्षा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

प्रयोगशालाओं को अगले 10-15 दिनों में अपने परीक्षण संख्या को न्यूनतम 1000 नमूने प्रतिदिन तक बढ़ाना होगा. इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा. सुधाकर ने मंगलवार को आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये यह निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी आवश्यक सहायता को बढ़ाया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस के द्वारा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अगर संस्थाएं अभी भी सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.

मेडिकल कॉलेजों के लिए एमसीआई के निर्देशों के अनुसार कोविड परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना अनिवार्य है. फिर भी कुछ संस्थान प्रयोगशाला स्थापित करने से हिचकते हैं. राज्य में मामले बढ़ रहे हैं और लोगों की शिकायतें हैं कि परीक्षण रिपोर्ट में हफ्तों की देरी हो रही है. रिपोर्ट 24 से 30 घंटों तक पहुंच जानी चाहिए. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शालिनी रजनीश को परीक्षण की देखरेख के लिए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है.

लैब्स को एक समर्पित डेटा ऑपरेटर नियुक्त करना चाहिए जो सभी डेटा को स्टेट डैश बोर्ड और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड करेंगे. मंत्री ने 25-30 प्रयोगशालाएं जल्द से जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए.

बेंगलुरु : चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने चेतावनी दी है अगर कोई भी मेडिकल संस्थान कोविड-19 परीक्षण की उपेक्षा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

प्रयोगशालाओं को अगले 10-15 दिनों में अपने परीक्षण संख्या को न्यूनतम 1000 नमूने प्रतिदिन तक बढ़ाना होगा. इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा. सुधाकर ने मंगलवार को आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये यह निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी आवश्यक सहायता को बढ़ाया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस के द्वारा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. अगर संस्थाएं अभी भी सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.

मेडिकल कॉलेजों के लिए एमसीआई के निर्देशों के अनुसार कोविड परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना अनिवार्य है. फिर भी कुछ संस्थान प्रयोगशाला स्थापित करने से हिचकते हैं. राज्य में मामले बढ़ रहे हैं और लोगों की शिकायतें हैं कि परीक्षण रिपोर्ट में हफ्तों की देरी हो रही है. रिपोर्ट 24 से 30 घंटों तक पहुंच जानी चाहिए. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शालिनी रजनीश को परीक्षण की देखरेख के लिए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है.

लैब्स को एक समर्पित डेटा ऑपरेटर नियुक्त करना चाहिए जो सभी डेटा को स्टेट डैश बोर्ड और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड करेंगे. मंत्री ने 25-30 प्रयोगशालाएं जल्द से जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए.

Last Updated : Jul 16, 2020, 8:10 AM IST
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