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पीएसएलवी ने रचा 'स्वर्णिम' इतिहास, 50वें मिशन में 9 उपग्रहों का प्रक्षेपण

इसरो के पीएसएलवी ने बुधवार को अपना 50वां मिशन पूरा किया. इस सफल उड़ान पर इसरो प्रमुख के सिवन ने ने कहा कि पीएसएलवी ने 'स्वर्णिम' इतिहास रच दिया है. उन्होंने पीएसएलवी में पूर्व और वर्तमान नेतृत्व के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की. पढ़ें पूरी खबर...

k sivan on 50th mission of pslv
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Published : Dec 12, 2019, 8:53 AM IST

Updated : Dec 12, 2019, 10:26 AM IST

श्रीहरिकोटा : इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि अत्यंत विश्वसनीय माने जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का बुधवार को '50वां' मिशन था. उन्होंने कहा कि इसी के साथ पीएसएलवी ने 'स्वर्णिम' इतिहास रच दिया है.

के सिवन ने कहा कि पीएसएलवी द्वारा पृथ्वी निगरानी उपग्रह 'रिसैट-2बीआर1' और नौ विदेशी उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जो स्वर्णिम इतिहास है.

भारतीय अंतरिक्ष अनसुंधान संगठन (इसरो) ने पिछले दो दशक से अधिक समय में पीएसएलवी के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसके 50वें मिशन को 'ऐतिहासिक' करार दिया.

k sivan on 50th mission of pslv
ISRO के 2019 के मिशन

सिवन ने कहा, 'मैं 50वें पीएसएलवी यान सी 48 द्वारा 'रिसैट-2बीआर1' और नौ ग्राहक उपग्रहों को 576 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिए जाने की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्न हूं.'

पीएसएलवी के पांच संस्करण हैं. इसकी यात्रा का वर्णन करते हुए सिवन ने कहा कि इसकी भार क्षमता शुरू में लगभग 860 किलोग्राम तक थी जो अंतत: बढ़कर 1.9 टन तक हो गई है.

उन्होंने कहा कि इसने 52.7 टन भार अंतरिक्ष में पहुंचाया है जिसमें 17 प्रतिशत ग्राहक उपग्रह शामिल हैं.

इसरो प्रमुख ने उल्लेख किया कि यह मिशन एक और वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र से 75वें प्रक्षेपण के साथ एक और नए मील का पत्थर तय किया है.

सिवन ने पीएसएलवी की 26 साल की सफल यात्रा में पूर्व और वर्तमान नेतृत्व के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की.

पीएसएलवी को 'शानदार यान' करार देते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवासन ने जहां इसकी अभिकल्पना की और मूर्त रूप दिया, वहीं डॉ. जी माधवन नायर ने इसे क्रियाशील किया.

उन्होंने कहा कि आर वी पेरुमल, रामकृष्णन तथा जॉर्ज कोशी सहित और भी कई अन्य हस्तियों के अगाध योगदान ने पीएसएलवी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

इसरो प्रमुख ने कहा कि 'रिसैट-2बीआर1' हालांकि एक जटिल उपग्रह था, लेकिन इसे कम समय में ही बना लिया गया. उन्होंने इस कार्य से जुड़ी टीम को बधाई दी.

पढ़ें-ISRO ने अमेरिका के 6 उपग्रहों समेत चार देशों के सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया

सिवन ने कहा कि पीएसएलवी ने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने सहित 'चंद्रयान-1' और 'मंगलयान' (मॉम) जैसे मिशनों सहित अंतरिक्ष में हर ओर अपनी धाक जमाई है.

उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल पीएसएलवी के माध्यम से कई और मिशनों को अंजाम देने को लेकर आशान्वित है.

इसरो प्रमुख ने कहा, 'अब हम सूर्य की कक्षा में उपग्रह भेजने जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'अगले साल हम सिलसिलेवार पीएसएलवी मिशनों को अंजाम देंगे. हम जीएसएलवी प्रक्षेपण भी करेंगे. हम अगले साल पहले एसएसएलवी (लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान) मिशन को भी अंजाम देंगे.'

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस सोमनाथ ने 50वें मिशन की सराहना करते हुए कहा, 'पीएसएलवी ने आज 'स्वर्ण' पर निशाना लगाया.'

सिवन ने इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में 'पीएसएलवी 50' नाम की पुस्तक भी जारी की जिसमें विभिन्न मिशनों और इनसे जुड़ी अंतरिक्ष हस्तियों का वर्णन है.

श्रीहरिकोटा : इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि अत्यंत विश्वसनीय माने जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का बुधवार को '50वां' मिशन था. उन्होंने कहा कि इसी के साथ पीएसएलवी ने 'स्वर्णिम' इतिहास रच दिया है.

के सिवन ने कहा कि पीएसएलवी द्वारा पृथ्वी निगरानी उपग्रह 'रिसैट-2बीआर1' और नौ विदेशी उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जो स्वर्णिम इतिहास है.

भारतीय अंतरिक्ष अनसुंधान संगठन (इसरो) ने पिछले दो दशक से अधिक समय में पीएसएलवी के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसके 50वें मिशन को 'ऐतिहासिक' करार दिया.

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ISRO के 2019 के मिशन

सिवन ने कहा, 'मैं 50वें पीएसएलवी यान सी 48 द्वारा 'रिसैट-2बीआर1' और नौ ग्राहक उपग्रहों को 576 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिए जाने की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्न हूं.'

पीएसएलवी के पांच संस्करण हैं. इसकी यात्रा का वर्णन करते हुए सिवन ने कहा कि इसकी भार क्षमता शुरू में लगभग 860 किलोग्राम तक थी जो अंतत: बढ़कर 1.9 टन तक हो गई है.

उन्होंने कहा कि इसने 52.7 टन भार अंतरिक्ष में पहुंचाया है जिसमें 17 प्रतिशत ग्राहक उपग्रह शामिल हैं.

इसरो प्रमुख ने उल्लेख किया कि यह मिशन एक और वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र से 75वें प्रक्षेपण के साथ एक और नए मील का पत्थर तय किया है.

सिवन ने पीएसएलवी की 26 साल की सफल यात्रा में पूर्व और वर्तमान नेतृत्व के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की.

पीएसएलवी को 'शानदार यान' करार देते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवासन ने जहां इसकी अभिकल्पना की और मूर्त रूप दिया, वहीं डॉ. जी माधवन नायर ने इसे क्रियाशील किया.

उन्होंने कहा कि आर वी पेरुमल, रामकृष्णन तथा जॉर्ज कोशी सहित और भी कई अन्य हस्तियों के अगाध योगदान ने पीएसएलवी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

इसरो प्रमुख ने कहा कि 'रिसैट-2बीआर1' हालांकि एक जटिल उपग्रह था, लेकिन इसे कम समय में ही बना लिया गया. उन्होंने इस कार्य से जुड़ी टीम को बधाई दी.

पढ़ें-ISRO ने अमेरिका के 6 उपग्रहों समेत चार देशों के सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया

सिवन ने कहा कि पीएसएलवी ने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने सहित 'चंद्रयान-1' और 'मंगलयान' (मॉम) जैसे मिशनों सहित अंतरिक्ष में हर ओर अपनी धाक जमाई है.

उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल पीएसएलवी के माध्यम से कई और मिशनों को अंजाम देने को लेकर आशान्वित है.

इसरो प्रमुख ने कहा, 'अब हम सूर्य की कक्षा में उपग्रह भेजने जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'अगले साल हम सिलसिलेवार पीएसएलवी मिशनों को अंजाम देंगे. हम जीएसएलवी प्रक्षेपण भी करेंगे. हम अगले साल पहले एसएसएलवी (लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान) मिशन को भी अंजाम देंगे.'

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस सोमनाथ ने 50वें मिशन की सराहना करते हुए कहा, 'पीएसएलवी ने आज 'स्वर्ण' पर निशाना लगाया.'

सिवन ने इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में 'पीएसएलवी 50' नाम की पुस्तक भी जारी की जिसमें विभिन्न मिशनों और इनसे जुड़ी अंतरिक्ष हस्तियों का वर्णन है.

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पीएसएलवी ने रचा 'स्वर्णिम' इतिहास, '50वें' मिशन के साथ नए मील का पत्थर तय किया



श्रीहरिकोटा : इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि अत्यंत विश्वसनीय माने जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का बुधवार को '50वां' मिशन था. उन्होंने कहा कि इसी के साथ पीएसएलवी ने 'स्वर्णिम' इतिहास रच दिया है.

के सिवन ने कहा कि पीएसएलवी द्वारा पृथ्वी निगरानी उपग्रह 'रिसैट-2बीआर1' और नौ विदेशी उपग्रहों को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया, जो स्वर्णिम इतिहास है.

भारतीय अंतरिक्ष अनसुंधान संगठन (इसरो) ने पिछले दो दशक से अधिक समय में पीएसएलवी के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए इसके 50वें मिशन को 'ऐतिहासिक' करार दिया.

सिवन ने कहा, 'मैं 50वें पीएसएलवी यान सी 48 द्वारा 'रिसैट-2बीआर1' और नौ ग्राहक उपग्रहों को 576 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिए जाने की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्न हूं.'

पीएसएलवी के पांच संस्करण हैं. इसकी यात्रा का वर्णन करते हुए सिवन ने कहा कि इसकी भार क्षमता शुरू में लगभग 860 किलोग्राम तक थी जो अंतत: बढ़कर 1.9 टन तक हो गई है.

उन्होंने कहा कि इसने 52.7 टन भार अंतरिक्ष में पहुंचाया है जिसमें 17 प्रतिशत ग्राहक उपग्रह शामिल हैं.

इसरो प्रमुख ने उल्लेख किया कि यह मिशन एक और वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष केंद्र से 75वें प्रक्षेपण के साथ एक और नए मील का पत्थर तय किया है.

सिवन ने पीएसएलवी की 26 साल की सफल यात्रा में पूर्व और वर्तमान नेतृत्व के योगदान को याद किया और उसकी सराहना की.

पीएसएलवी को 'शानदार यान' करार देते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. श्रीनिवासन ने जहां इसकी अभिकल्पना की और मूर्त रूप दिया, वहीं डॉ. जी माधवन नायर ने इसे क्रियाशील किया.

उन्होंने कहा कि आर वी पेरुमल, रामकृष्णन तथा जॉर्ज कोशी सहित और भी कई अन्य हस्तियों के अगाध योगदान ने पीएसएलवी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.

इसरो प्रमुख ने कहा कि 'रिसैट-2बीआर1' हालांकि एक जटिल उपग्रह था, लेकिन इसे कम समय में ही बना लिया गया. उन्होंने इस कार्य से जुड़ी टीम को बधाई दी.

सिवन ने कहा कि पीएसएलवी ने उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने सहित 'चंद्रयान-1' और 'मंगलयान' (मॉम) जैसे मिशनों सहित अंतरिक्ष में हर ओर अपनी धाक जमाई है.

उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल पीएसएलवी के माध्यम से कई और मिशनों को अंजाम देने को लेकर आशान्वित है.

इसरो प्रमुख ने कहा, 'अब हम सूर्य की कक्षा में उपग्रह भेजने जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'अगले साल हम सिलसिलेवार पीएसएलवी मिशनों को अंजाम देंगे. हम जीएसएलवी प्रक्षेपण भी करेंगे. हम अगले साल पहले एसएसएलवी (लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान) मिशन को भी अंजाम देंगे.'

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस सोमनाथ ने 50वें मिशन की सराहना करते हुए कहा, 'पीएसएलवी ने आज 'स्वर्ण' पर निशाना लगाया.'

सिवन ने इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के उपलक्ष्य में 'पीएसएलवी 50' नाम की पुस्तक भी जारी की जिसमें विभिन्न मिशनों और इनसे जुड़ी अंतरिक्ष हस्तियों का वर्णन है.


Conclusion:
Last Updated : Dec 12, 2019, 10:26 AM IST
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