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जस्टिस एसए बोबडे ने 47वें CJI के तौर पर शपथ ली

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ली. जस्टिस बोबडे प्रधान न्यायाधीश के रूप में 18 महीने कार्य करेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई.

जस्टिस बोबडे
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Published : Nov 18, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Nov 18, 2019, 10:33 AM IST

नई दिल्ली : जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ली. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति बोबड़े (63) को शपथ ग्रहण कराई. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई रविवार को सेवानिवृत्त हुए जिसके बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली.

एस ए बोबडे ने ली शपथ.

प्रधान न्यायाधीश को तौर पर न्यायमूर्ति बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.

बता दें कि अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस बोबडे शामिल थे. आज सुबह 9.30 बजे उन्होंने शपथ ली.

निर्वतमान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 18 अक्टूबर को जस्टिस बोबडे को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की थी.

ये भी पढ़ें: जस्टिस बोबडे को पसंद है बाइक की सवारी

जस्टिस बोबडे प्रधान न्यायाधीश के रूप में 18 महीने कार्य करेंगे. वह 23 अप्रैल 2021 को रिटायर होंगे. जस्टिस बोबडे का जन्म नागपुर में 24 अप्रैल 1956 को हुआ. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की. वह 1978 में बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र में पंजीकृत हुए और 1998 में वरिष्ठ वकील मनोनीत हुए.

पढ़ें- अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले जस्टिस नजीर को z श्रेणी सुरक्षा

वह 29 मार्च 2000 को बंबई हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त हुए. वह 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. सुप्रीम कोर्ट में वह 12 अप्रैल 2013 में जज बनाए गए.

जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को प्रधान न्यायाधीश बनाए गए और रविवार को वह सेवानिवृत्त हुए.

नई दिल्ली : जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भारत के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ली. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति बोबड़े (63) को शपथ ग्रहण कराई. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई रविवार को सेवानिवृत्त हुए जिसके बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली.

एस ए बोबडे ने ली शपथ.

प्रधान न्यायाधीश को तौर पर न्यायमूर्ति बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.

बता दें कि अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस बोबडे शामिल थे. आज सुबह 9.30 बजे उन्होंने शपथ ली.

निर्वतमान प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 18 अक्टूबर को जस्टिस बोबडे को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की थी.

ये भी पढ़ें: जस्टिस बोबडे को पसंद है बाइक की सवारी

जस्टिस बोबडे प्रधान न्यायाधीश के रूप में 18 महीने कार्य करेंगे. वह 23 अप्रैल 2021 को रिटायर होंगे. जस्टिस बोबडे का जन्म नागपुर में 24 अप्रैल 1956 को हुआ. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की. वह 1978 में बार काउंसिल आफ महाराष्ट्र में पंजीकृत हुए और 1998 में वरिष्ठ वकील मनोनीत हुए.

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वह 29 मार्च 2000 को बंबई हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त हुए. वह 16 अक्टूबर 2012 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए. सुप्रीम कोर्ट में वह 12 अप्रैल 2013 में जज बनाए गए.

जस्टिस रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को प्रधान न्यायाधीश बनाए गए और रविवार को वह सेवानिवृत्त हुए.

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CJI-BOBDE-PROFILE
Next CJI Bobde part of historic verdicts like Ayodhya, Right to Privacy

By Sanjeev Kumar

          New Delhi, Nov 17 (PTI) Justice Sharad Arvind Bobde, who would take oath as the 47th Chief Justice of India on Monday, has decided several key cases and was part of the recent historic verdict that cleared the way for the construction of a Ram Temple at the disputed site in Ayodhya.
          Justice Bobde, 63, who would succeedCJI Ranjan Gogoi, would prefer a conservative approach on the issue of disclosing the Collegium's entire deliberations on rejection of names for appointment in the higher judiciary.
          The CJI-designate, in an interview to PTI, had said that people's reputation cannot be sacrificed just to satisfy the desire of citizens to know.
          On the issue of huge vacancies of judges in courts across the country and lack of judicial infrastructure, Justice Bobde wishes to take to the "logical end" the steps taken by his predecessor CJI Gogoi.
          Justice Gogoi had taken note of vacancies and lack of infrastructure in courts and has been monitoring them by issuing directions to all states and respective high courts to do the needful.
          A five-judge constitution bench, of which Justice Bobde was also a part, rendered a unanimous verdict to put the curtains down on the vexatious Ayodhya land dispute which was pending in courts since 1950.
          A nine-judge bench of the apex court headed by the then CJI J S Khehar and which included Justice Bobde held unanimously in August 2017 that the Right to Privacy was a constitutionally protected fundamental right in India.
          Justice Bobde will have a tenure of over 17 months as the CJI and is due to retire on April 23, 2021.
          Hailing from a family of lawyers from Maharashtra, he is the son of eminent senior advocate Arvind Shriniwas Bobde.
         Justice Bobde has been chosen following the rule of seniority and his name was recommended by Justice Gogoi in a letter to the Centre.
          His Warrant of Appointment was signed by President Ram Nath Kovind following which the Law Ministry issued a notification naming the judge as the next head of the Indian judiciary.
          Justice Bobde also headed a three-member in-house committee which gave a clean chit to CJI Gogoi on a sexual harassment complaint against him by a former apex court staffer. The committee also included Justices Indira Banerjee and Indu Malhotra.
          Justice Bobde was part of the three-judge bench which in 2015 clarified that no citizen of India without an Aadhaar card can be denied basic services and government services.
          Recently, a two-judge bench headed by Justice Bobde directed the Committee of Administrators (CoA) headed by former Comptroller and Auditor General (CAG) Vinod Rai, appointed by it for the purpose of running the BCCI administration, to demit office paving the way for elected members to run the affairs of the cricket board.
          Born on April 24, 1956 in Nagpur, Maharashtra, Justice Bobde completed Bachelor of Arts and LLB degrees from Nagpur University. He was enrolled as an advocate of the Bar Council of Maharashtra in 1978.
          Justice Bobde practised law at the Nagpur Bench of the Bombay High Court with appearances at Bombay before the Principal Seat and before the Supreme Court for over 21 years.
          He was designated as senior advocate in 1998.
          Justice Bobde was elevated to the Bombay High Court on March 29, 2000, as Additional Judge and sworn in as Chief Justice of Madhya Pradesh High Court on October 16, 2012.
          He was elevated as a judge of the Supreme Court on April 12, 2013. PTI SJK RKS
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Last Updated : Nov 18, 2019, 10:33 AM IST
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