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संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से खुद को अलग किया - असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की

41 संघों वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करके दिल्ली हिंसा में शामिल लोगों से खुद को अलग कर लिया है. ज्ञात हो कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की ट्रैक्टर रैली बेकाबू हो गई. किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और दिल्ली के लाल किले तक पहुंच गए. इस दौरान पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

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Published : Jan 26, 2021, 5:57 PM IST

Updated : Jan 26, 2021, 6:50 PM IST

नई दिल्ली : किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में शामिल लोगों से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया कि कुछ 'असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली है, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था. संघ ने 'अवांछित' और 'अस्वीकार्य' घटनाओं की निंदा की है और खेद जताया है. कुछ किसान समूहों द्वारा पहले से तय रास्ता बदलने के बाद परेड हिंसक हो गई.

संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के 41 संघ हैं. वह दिल्ली की कई सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की अगुआई कर रहे हैं. किसान संगठन ने एक बयान में कहा कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं. हम अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते और खेद भी जताते हैं, जो आज हुई है और ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों से खुद को अलग करते हैं.

असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की

बयान में कहा गया है कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में शामिल हुए. असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की है, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था. हमने हमेशा यह माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी तरह का उल्लंघन आंदोलन को नुकसान पहुंचाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा का बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय राजधानी के कई स्थानों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. एक ट्रैक्टर के पलट जाने के बाद एक किसान की दिल्ली के आईटीओ पर मौत हो गई. पुलिस ने शहर के कई स्थानों पर किसानों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.

जिन्होंने अनुशासन तोड़ा, हम उनसे अलग

संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से खुद को अलग किया

बयान में कहा गया है कि हम अपने आप को ऐसे सभी तत्वों से अलग करते हैं, जिन्होंने हमारा अनुशासन तोड़ा है. हम परेड के मार्ग और नियमों पर चलने के लिए और किसी भी हिंसक कृत्य या ऐसी किसी भी चीज़ में लिप्त नहीं होने की सभी से दृढ़ता से अपील करते हैं, जो राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा को प्रभावित करती है. हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें. बयान में कहा गया है कि हम आज तय की गई कई परेडों के संबंध में सभी घटनाओं की पूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही पूरा बयान साझा करेंगे. हमारी सूचना के मुताबिक, कुछ खेदजनक उल्लंघनों के अलावा परेड योजना के अनुसार शांतिपूर्ण निकाली जा रही है.

यह भी पढ़ें-LIVE : ट्रैक्टर परेड में प्रदर्शनकारियों का उत्पात, बैरिकेड तोड़े, महिला पुलिसकर्मी घायल

हाथों में डंडे, तिरंगा व किसान संघ के झंडे थामे हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर बैरिकेड तोड़ दिए और कई स्थान पर पुलिस के साथ संघर्ष किया तथा लाल किले को घेर लिया एवं झंडे फहराने वाले खंभे पर चढ़ गए. अधिकतर पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए.

नई दिल्ली : किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में शामिल लोगों से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया कि कुछ 'असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली है, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था. संघ ने 'अवांछित' और 'अस्वीकार्य' घटनाओं की निंदा की है और खेद जताया है. कुछ किसान समूहों द्वारा पहले से तय रास्ता बदलने के बाद परेड हिंसक हो गई.

संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के 41 संघ हैं. वह दिल्ली की कई सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की अगुआई कर रहे हैं. किसान संगठन ने एक बयान में कहा कि आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं. हम अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते और खेद भी जताते हैं, जो आज हुई है और ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों से खुद को अलग करते हैं.

असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की

बयान में कहा गया है कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में शामिल हुए. असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ की है, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था. हमने हमेशा यह माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी तरह का उल्लंघन आंदोलन को नुकसान पहुंचाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा का बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रीय राजधानी के कई स्थानों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. एक ट्रैक्टर के पलट जाने के बाद एक किसान की दिल्ली के आईटीओ पर मौत हो गई. पुलिस ने शहर के कई स्थानों पर किसानों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.

जिन्होंने अनुशासन तोड़ा, हम उनसे अलग

संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से खुद को अलग किया

बयान में कहा गया है कि हम अपने आप को ऐसे सभी तत्वों से अलग करते हैं, जिन्होंने हमारा अनुशासन तोड़ा है. हम परेड के मार्ग और नियमों पर चलने के लिए और किसी भी हिंसक कृत्य या ऐसी किसी भी चीज़ में लिप्त नहीं होने की सभी से दृढ़ता से अपील करते हैं, जो राष्ट्रीय प्रतीकों और गरिमा को प्रभावित करती है. हम सभी से अपील करते हैं कि वे ऐसे किसी भी कृत्य से दूर रहें. बयान में कहा गया है कि हम आज तय की गई कई परेडों के संबंध में सभी घटनाओं की पूरी जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही पूरा बयान साझा करेंगे. हमारी सूचना के मुताबिक, कुछ खेदजनक उल्लंघनों के अलावा परेड योजना के अनुसार शांतिपूर्ण निकाली जा रही है.

यह भी पढ़ें-LIVE : ट्रैक्टर परेड में प्रदर्शनकारियों का उत्पात, बैरिकेड तोड़े, महिला पुलिसकर्मी घायल

हाथों में डंडे, तिरंगा व किसान संघ के झंडे थामे हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर बैरिकेड तोड़ दिए और कई स्थान पर पुलिस के साथ संघर्ष किया तथा लाल किले को घेर लिया एवं झंडे फहराने वाले खंभे पर चढ़ गए. अधिकतर पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए.

Last Updated : Jan 26, 2021, 6:50 PM IST
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