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जेएनयूएसयू प्रेजीडेंशियल डिबेट में अनुच्छेद 370 और लिंचिंग के मुद्दे उठे

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कल, छह सितंबर को छात्रसंघ चुनाव के चलते बुधवार देर रात प्रेजीडेंशियल डिबेट हुई. इस डिबेट में उम्मीदवारों ने जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370, भीड़ द्वारा हत्या, शिक्षी के निजीकरण आदि जैसे राष्ट्रीय मुद्दे उठाए. पढ़ें पूरी खबर...

जेएनयू में प्रेजीडेंशियल डिबेट आयोजित
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Published : Sep 5, 2019, 2:31 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 1:03 PM IST

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में छह सितंबर को होने जा रहे छात्र संघ चुनाव के मद्देनजर लाल सलाम, वंदे मातरम के नारों और मामूली झड़पों के बीच बुधवार देर रात को प्रेजीडेंशियल डिबेट हुई.

जेएनयूएसयू प्रेजीडेंशियल डिबेट के दौरान छात्र

इस बहस में उम्मीदवारों ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान लेने जैसे राष्ट्रीय मुद्दे उठाए.

आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारों के साथ डिबेट शुरू की.

उन्होंने कहा, 'टुकड़े-टुकड़े गिरोह नौ फरवरी को विश्वविद्यालय पर धब्बा लगाने के लिए जिम्मेदार है. जब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया गया तो हम इस कदम का जश्न मना रहे थे लेकिन वामपंथी सेना को गालियां दे रहे थे.'

उन्होंने कहा कि निर्वाचित होने पर एबीवीपी 'कैम्पस केंद्रित' राजनीति का मॉडल पेश करेगी.

बहस के दौरान वाम समर्थकों और एनएसयूआई सदस्यों ने लगातार जांगिड़ के खिलाफ नारेबाजी की.

पढ़ें-कैंपस का 'कप्तान': UGBM में छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर जमकर बोला हमला

कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के उम्मीदवार प्रशांत कुमार ने देशद्रोह विवाद का जिक्र करने के लिए जांगिड़ की आलोचना की और कहा कि यह मामला 'न्यायालय के विचाराधीन' है. इस पर उन्हें कई वाम और बापसा (बीएपीएसए) समर्थकों से तालियां मिलीं.

उन्होंने कहा, 'हमें दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन नौकरियां कहां हैं? नजीब के साथ जो हुआ मैं उसकी निंदा करता हूं.' जानकारी के लिए बता दें, जेएनयू छात्र नजीब कैम्पस से लापता हो गया था और आज तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है.

वाम एकता के अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आईशी घोष ने पत्रकार गौरी लंकेश और विद्वान कलबुर्गी के विचारों से समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि वे अखलाक, जुनैद और पहलू खान को नहीं भूलेंगे जिनकी अलग-अलग घटनाओं में भीड़ ने कथित तौर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

एबीवीपी और वाम समर्थकों के बीच झड़प के कारण घोष का भाषण थोड़ी देर के लिए बाधित हुआ.

बापसा उम्मीदवार जितेंद्र सुना ने 'जीतेगा जितेंद्र' के नारों के बीच मंच संभाला. उन्होंने कश्मीरियों को सलाम करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की जो 'अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं' और साथ ही असमियों को भी सलाम किया 'जो अपनी नागरिकता के लिए लड़ रहे हैं.'

सुना ने कहा कि वह मजदूर थे और उनकी प्रेजीडेंशियल डिबेट में 'उनकी जिंदगी का संघर्ष' दिखता है. उन्होंने दक्षिणपंथियों और वामपंथियों पर निशाना साधा.

दूसरी ओर, छात्र राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार प्रियंका भारती ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है और वह वंचित पृष्ठभूमियों से आने वाले छात्रों को इससे दूर करना चाहती है.

अनुच्छेद 370 हटाने के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'ये लोग केवल कश्मीरी लड़कियां और वहां जमीन चाहते हैं लेकिन कश्मीरी नहीं.'

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में छह सितंबर को होने जा रहे छात्र संघ चुनाव के मद्देनजर लाल सलाम, वंदे मातरम के नारों और मामूली झड़पों के बीच बुधवार देर रात को प्रेजीडेंशियल डिबेट हुई.

जेएनयूएसयू प्रेजीडेंशियल डिबेट के दौरान छात्र

इस बहस में उम्मीदवारों ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान लेने जैसे राष्ट्रीय मुद्दे उठाए.

आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारों के साथ डिबेट शुरू की.

उन्होंने कहा, 'टुकड़े-टुकड़े गिरोह नौ फरवरी को विश्वविद्यालय पर धब्बा लगाने के लिए जिम्मेदार है. जब जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया गया तो हम इस कदम का जश्न मना रहे थे लेकिन वामपंथी सेना को गालियां दे रहे थे.'

उन्होंने कहा कि निर्वाचित होने पर एबीवीपी 'कैम्पस केंद्रित' राजनीति का मॉडल पेश करेगी.

बहस के दौरान वाम समर्थकों और एनएसयूआई सदस्यों ने लगातार जांगिड़ के खिलाफ नारेबाजी की.

पढ़ें-कैंपस का 'कप्तान': UGBM में छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर जमकर बोला हमला

कांग्रेस से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के उम्मीदवार प्रशांत कुमार ने देशद्रोह विवाद का जिक्र करने के लिए जांगिड़ की आलोचना की और कहा कि यह मामला 'न्यायालय के विचाराधीन' है. इस पर उन्हें कई वाम और बापसा (बीएपीएसए) समर्थकों से तालियां मिलीं.

उन्होंने कहा, 'हमें दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन नौकरियां कहां हैं? नजीब के साथ जो हुआ मैं उसकी निंदा करता हूं.' जानकारी के लिए बता दें, जेएनयू छात्र नजीब कैम्पस से लापता हो गया था और आज तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है.

वाम एकता के अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आईशी घोष ने पत्रकार गौरी लंकेश और विद्वान कलबुर्गी के विचारों से समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि वे अखलाक, जुनैद और पहलू खान को नहीं भूलेंगे जिनकी अलग-अलग घटनाओं में भीड़ ने कथित तौर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

एबीवीपी और वाम समर्थकों के बीच झड़प के कारण घोष का भाषण थोड़ी देर के लिए बाधित हुआ.

बापसा उम्मीदवार जितेंद्र सुना ने 'जीतेगा जितेंद्र' के नारों के बीच मंच संभाला. उन्होंने कश्मीरियों को सलाम करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की जो 'अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं' और साथ ही असमियों को भी सलाम किया 'जो अपनी नागरिकता के लिए लड़ रहे हैं.'

सुना ने कहा कि वह मजदूर थे और उनकी प्रेजीडेंशियल डिबेट में 'उनकी जिंदगी का संघर्ष' दिखता है. उन्होंने दक्षिणपंथियों और वामपंथियों पर निशाना साधा.

दूसरी ओर, छात्र राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार प्रियंका भारती ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है और वह वंचित पृष्ठभूमियों से आने वाले छात्रों को इससे दूर करना चाहती है.

अनुच्छेद 370 हटाने के लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'ये लोग केवल कश्मीरी लड़कियां और वहां जमीन चाहते हैं लेकिन कश्मीरी नहीं.'

Intro:नोट : फ़ोटो wrap से सेंड किया है ।

नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रेसीडेंशियल डिबेट का आयोजन किया गया. वहीं लेफ्ट यूनिटी की ओर से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष के भाषण के दौरान कुछ छात्रों के बीच झड़प हो गई. इस झड़प को लेकर एसएफआई की जेएनयू यूनिट की सचिव दीपाली ने बताया कि इस झड़प में एसएफआई के जेएनयू यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट वेंकटेश के सिर पर चोट आई है. उन्होंने इस मामले की पुलिस से शिकायत करने की बात कही है.


Body:बता दें कि जेएनयू में आयोजित प्रेसिडेंशियल डिबेट में लेफ्ट यूनिटी की ओर से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आइशी घोष जब छात्रों को संबोधित कर रही थी उस दौरान यह हादसा हुआ. जिसमें एसएफआई के जेएनयू यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट वेंकटेश को चोट लगी है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसएफआई की जेएनयू यूनिट की सचिव दीपाली ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर इस मारपीट का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह नया नहीं है यह लोग अक्सर छात्रों के साथ गुंडागर्दी करते हैं. यह लोग किसी और की बात सुनना नहीं चाहते हैं और अगर कोई इनके द्वारा किए गए कार्यों से पर्दा हटा है तो वह गुंडागर्दी पर उतर आते हैं. साथ ही कहा कि इन लोगों को जेएनयू के छात्र 6 सितंबर को होने वाले मतदान में अपने वोटों से जवाब दे देंगे.


Conclusion:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए 6 सितंबर को मतदान होगा और उसी दिन देर शाम वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में एबीवीपी की ओर से मनीष जांगिड़, लेफ्ट यूनिटी आइशी घोष
बापसा जितेंद्र सुना, एनएसयूआई प्रशांत कुमार, छात्र राजद प्रियंका भारती और राघवेंद्र मिश्रा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं.
Last Updated : Sep 29, 2019, 1:03 PM IST
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