नई दिल्ली: बढ़ी हुई फीस को वापस करने समेत कई मांगों को लेकर विरोध कर रहे जवाहरलाल नेहरु युनिवर्सिटी (जेएनयू )छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा. प्रदर्शनकारी छात्रों ने अब मामले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट खारिज कर दी है.
'मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा विरोध'
जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून का कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने तक विरोध जारी रहेगा. पहले बैठक कर थोड़ी छूट दी जाती है और दोबारा समिति कर और थोड़ी छूट दे दी जाती है, लेकिन हमारी मांग है कि पूरी तरह से बढ़ी हुई फीस वापस हो. साकेत ने ये भी कहा कि जब भी छात्र अपने अधिकार की लड़ाई लड़ते हैं तो जेएनयू प्रशासन उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करता है, या फिर लाठीचार्ज और धमकी भरे सर्कुलर जारी कर उन्हें डराने की कोशिश करता है.
छात्रों ने जलाया सर्कुलर
छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून और महासचिव सतीश चंद्र यादव समेत कई छात्र-छात्राओं ने समिति की ओर से जारी सर्कुलर को जलाकर विरोध जताया. छात्रों की मांग है कि नई आईएचए समिति गठित की जाए, जिसमें छात्रों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए. छात्रों ने ये भी कहा कि अगर इस समिति की रिपोर्ट मान ली जाती है तो आगे से विश्वविद्यालय प्रशासन बगैर छात्रों को जानकारी दिये ही फीस बढ़ा देगा.ऐसे में हम इस समिति की रिपोर्ट को खारिज करते हैं.
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समिति की सर्कुलर में क्या है ?
बता दें कि समिति ने जो सर्कुलर जारी किया है. उसमें बीपीएल छात्रों को 75 फीसदी और सामान्य वर्ग के छात्रों को 50 प्रतिशत छूट दी गई है. मतलब बढ़ी हुई फीस से सामान्य वर्ग के छात्रों को 50 प्रतिशत छूट दी गई है, लेकिन छात्रों का कहना है कि बढ़ी हुई फीस पूरी वापस होनी चाहिए.