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उपराज्यपाल बोले- जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स नहीं, कांग्रेस बोली- कर आतंकवाद

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पंचायती संस्थानों एवं शहरी स्थानीय निकायों के प्रति केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में किसी प्रकार की कमी करने की योजना नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लगाने और अधिक टोल प्लाजा स्थापित करने को 'कर आतंकवाद' करार दिया है.

जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
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Published : Oct 20, 2020, 4:20 AM IST

श्रीनगर : पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में कार्य कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में प्रदेश में संपत्ति कर लगाने और स्थानीय निकायों को दिए जाने वाले मानदेय को लेकर चर्चाएं की जा रही हैं.

सोमवार को इस संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पर टिप्पणी की. बारामूला जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में मनोज सिन्हा ने कहा, 'कुछ निहित स्वार्थों के लिये तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को भ्रमित करने के लिये जानबूझ कर मानदेय के मुद्दे पर इस तरह की अफवाह उड़ाई जा रही हैं.'

जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में संविधान के 73 वें संशोधन को लागू करने के लिए नियम जारी किए हैं. इसके बाद इन अटकलों को हवा मिलने लगी कि सरकार पंच और सरपंचों को दिए जाने वाले मानदेय को खत्म कर सकती है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र शाषित क्षेत्र प्रशासन संपत्ति कर भी लगाने नहीं जा रही है जैसा कि कुछ लोग इस बारे में गलत बोल रहे हैं.

उन्होंने हालांकि कहा कि शहरी स्थानीय निकाय जनता के परामर्श से और अपने स्वयं के विकास के लिए इस तरह के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने प्रदेश में संपत्ति कर लगाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी ने संपत्ति कर लगाने और अधिक टोल प्लाजा स्थापित करने को 'कर आतंकवाद' करार दिया है.

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने कहा, 'भाजपा जन विरोधी है और उसने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने और भूतपूर्व राज्य का विभाजन करने के बाद अलग अलग कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर में कर आतंकवाद की शुरुआत की है.'

जम्मू में शहीदी चौक पर पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमण भल्ला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें रैली नहीं निकालने दी.

शर्मा ने कहा, 'कांग्रेस, भाजपा की जन विरोधी नीतियों को लेकर मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती है. भाजपा किसान विरोधी, युवा विरोधी है तथा उसने जम्मू क्षेत्र में और टोल प्लाजा स्थापित करके एवं संपत्ति कर लागू करने का रास्ता साफ करके कर आतंकवाद शुरू किया है.'

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मांग करती है कि 'जन-विरोधी' फैसलों को वापस लिया जाए और जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए तथा विधानसभा चुनाव कराएं जाएं.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को संपत्ति कर लगाने की शक्ति प्रदान कर दी है. केंद्र सरकार ने इसके लिए दो कानूनों में संशोधन भी किया है.

  • जम्मू कश्मीर नगर निगम कानून, 2000
  • जम्मू-कश्मीर नगरपालिका अधिनियम, 2000

बता दें कि उक्त दोनों कानूनों में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों में बदलाव) आदेश, 2020 के जरिए संशोधन किया है.

श्रीनगर : पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में कार्य कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में प्रदेश में संपत्ति कर लगाने और स्थानीय निकायों को दिए जाने वाले मानदेय को लेकर चर्चाएं की जा रही हैं.

सोमवार को इस संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पर टिप्पणी की. बारामूला जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में मनोज सिन्हा ने कहा, 'कुछ निहित स्वार्थों के लिये तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को भ्रमित करने के लिये जानबूझ कर मानदेय के मुद्दे पर इस तरह की अफवाह उड़ाई जा रही हैं.'

जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी टैक्स पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में संविधान के 73 वें संशोधन को लागू करने के लिए नियम जारी किए हैं. इसके बाद इन अटकलों को हवा मिलने लगी कि सरकार पंच और सरपंचों को दिए जाने वाले मानदेय को खत्म कर सकती है.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि केंद्र शाषित क्षेत्र प्रशासन संपत्ति कर भी लगाने नहीं जा रही है जैसा कि कुछ लोग इस बारे में गलत बोल रहे हैं.

उन्होंने हालांकि कहा कि शहरी स्थानीय निकाय जनता के परामर्श से और अपने स्वयं के विकास के लिए इस तरह के मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने प्रदेश में संपत्ति कर लगाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी ने संपत्ति कर लगाने और अधिक टोल प्लाजा स्थापित करने को 'कर आतंकवाद' करार दिया है.

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने कहा, 'भाजपा जन विरोधी है और उसने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने और भूतपूर्व राज्य का विभाजन करने के बाद अलग अलग कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर में कर आतंकवाद की शुरुआत की है.'

जम्मू में शहीदी चौक पर पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमण भल्ला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें रैली नहीं निकालने दी.

शर्मा ने कहा, 'कांग्रेस, भाजपा की जन विरोधी नीतियों को लेकर मूक दर्शक नहीं बनी रह सकती है. भाजपा किसान विरोधी, युवा विरोधी है तथा उसने जम्मू क्षेत्र में और टोल प्लाजा स्थापित करके एवं संपत्ति कर लागू करने का रास्ता साफ करके कर आतंकवाद शुरू किया है.'

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मांग करती है कि 'जन-विरोधी' फैसलों को वापस लिया जाए और जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए तथा विधानसभा चुनाव कराएं जाएं.

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को संपत्ति कर लगाने की शक्ति प्रदान कर दी है. केंद्र सरकार ने इसके लिए दो कानूनों में संशोधन भी किया है.

  • जम्मू कश्मीर नगर निगम कानून, 2000
  • जम्मू-कश्मीर नगरपालिका अधिनियम, 2000

बता दें कि उक्त दोनों कानूनों में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों में बदलाव) आदेश, 2020 के जरिए संशोधन किया है.

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