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जितेंद्र सिंह का उमर-फारुक-महबूबा पर निशाना, बोले- तीनों को नजरबंद रखना ही बेहतर - पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विषेश राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसी क्रम में वहां के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था, इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. नेताओं की नजरबंदी के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बयान दिया है. जानें क्या कुछ कहा उन्होंने

फाइल फोटो
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Published : Nov 15, 2019, 8:28 PM IST

श्रीनगर : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अगर घाटी में शांति बरकरार रखने में मदद मिलती है तो जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद ही रहना चाहिए. अधिकारी उन्हें नव गठित केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति के बारे में जानकारी देने पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि सुशासन और क्षेत्र में विकास तथा युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास के तहत सरकार को जम्मू-कश्मीर पर विमर्श में बदलाव लाना होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'उनके नजरबंद रहने के कारण अगर स्थिति शांतिपूर्ण है तब यही बेहतर है कि वो नजरबंद रहें.'

वह दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. इस सम्मेलन में क्षेत्र में अच्छी शासन व्यवस्थाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस सम्मेलन में उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे.

सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर विमर्श को बदलना होगा, जिससे सुशासन और विकास का फल लोगों तक पहुंच सके.

उन्होंने कहा, 'लोगों का एक वर्ग ऐसा है जो यह नहीं जानता कि वे किस चीज से वंचित थे. वंचित होना उस सीमा तक पहुंच गया था.'

मंत्री ने कहा, 'हमारे पास एक नयी व्यवस्था है और नयी व्यवस्था सीधे केंद्र को रिपोर्ट करती है और हम इसे इस क्षेत्र के लोगों के साथ सहयोग करने और सफल बनाने के लिये इसका श्रेय देते हैं.'

पढ़ें-भारत, चीन इतने समझदार हैं कि तनाव कम कर सकें: राजनाथ

उन्होंने कहा, 'हम इसका श्रेय युवाओं को देते हैं क्योंकि वे आबादी का 70 फीसद हैं. वे पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तमाम अवसरों से वंचित रहे. युवाओं की अकांक्षाएं हमारे लिये लिटमस टेस्ट हैं.'

केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिये गए विशेष प्रावधान को रद्द करने के मद्देनजर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत मुख्यधाराओं के नेताओं को ऐहतियातन नजरबंद कर लिया गया था.

जम्मू में क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा किया जा रहा है.

श्रीनगर : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अगर घाटी में शांति बरकरार रखने में मदद मिलती है तो जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद ही रहना चाहिए. अधिकारी उन्हें नव गठित केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति के बारे में जानकारी देने पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि सुशासन और क्षेत्र में विकास तथा युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास के तहत सरकार को जम्मू-कश्मीर पर विमर्श में बदलाव लाना होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'उनके नजरबंद रहने के कारण अगर स्थिति शांतिपूर्ण है तब यही बेहतर है कि वो नजरबंद रहें.'

वह दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. इस सम्मेलन में क्षेत्र में अच्छी शासन व्यवस्थाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस सम्मेलन में उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी मौजूद थे.

सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर विमर्श को बदलना होगा, जिससे सुशासन और विकास का फल लोगों तक पहुंच सके.

उन्होंने कहा, 'लोगों का एक वर्ग ऐसा है जो यह नहीं जानता कि वे किस चीज से वंचित थे. वंचित होना उस सीमा तक पहुंच गया था.'

मंत्री ने कहा, 'हमारे पास एक नयी व्यवस्था है और नयी व्यवस्था सीधे केंद्र को रिपोर्ट करती है और हम इसे इस क्षेत्र के लोगों के साथ सहयोग करने और सफल बनाने के लिये इसका श्रेय देते हैं.'

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उन्होंने कहा, 'हम इसका श्रेय युवाओं को देते हैं क्योंकि वे आबादी का 70 फीसद हैं. वे पिछले पांच सालों के दौरान मोदी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तमाम अवसरों से वंचित रहे. युवाओं की अकांक्षाएं हमारे लिये लिटमस टेस्ट हैं.'

केंद्र द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिये गए विशेष प्रावधान को रद्द करने के मद्देनजर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत मुख्यधाराओं के नेताओं को ऐहतियातन नजरबंद कर लिया गया था.

जम्मू में क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा किया जा रहा है.

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JK-JITENDRA
Better to keep '3 persons' in detention if Kashmir remains peaceful: Jitendra Singh to officers
          Jammu, Nov 15 (PTI) The three former Jammu and Kashmir chief ministers should remain in detention if it helps in maintaining peace in the Valley, Union minister Jitendra Singh on Friday told a group of officers who briefed him about the situation in the newly created Union Territory.
          He said the government has to change the narrative on Jammu and Kashmir in a bid to have good governance and development in the region with a focus on the youth.
          Referring to the detention of former chief ministers Farooq Abdullah, Omar Abdullah and Mehbooba Mufti, Singh said, "If the situation is peaceful, because they are detained, then it is better that they remain detained."
          He was addressing the officers after inaugurating a two-day regional conference here, which will focus on the implementation of good governance practices in the region.
          The regional conference, which is being organised on the theme of "replication of good governance practices in the union territories of Jammu and Kashmir and Ladakh", also witnessed the presence of LG Girish Chandra Murmu.
          Singh said the narrative on J and K has to change so that the fruits of good governance and development reach to the people.
          "There is a section of people who don't know what they have been deprived of. The deprivation happened to that extent," he said.
          "We have a new dispensation and new order reporting directly to the Centre and we owe it to the people of this region to cooperate with them and make it successful," the minister said.
          "We owe it to youth because they comprise 70 per cent of the population. They have deprived of enormous opportunities that were unfolded by the Modi government in the last five years. Aspiration of the youth is litmus test for us", he said.
         Mainstream leaders, including the three former chief ministers, were taken into preventive custody in the wake of the Centre's decision to revoke the special status of Jammu and Kashmir under Article 370 on August 5.
          While Omar Abdullah and Mehbooba Mufti remain under house arrest, Farooq Abdullah has been detained under the controversial Public Safety Act.
          The regional conference in Jammu is being organised by the Department of Administrative Reforms and Public Grievances (DARPG).
          The main objective of the conference is to bring national and state-level organisations on the same platform to share experiences in digital governance, citizen-centric governance and capacity building and personnel administration. PTI AB
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