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कोयला खदानों की नीलामी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा झारखंड - coal mines

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कोयला खदानों का वर्चुअल ऑक्‍शन शुरू कर दिया गया है. फिलहाल झारखंड सरकार ने इस योजना का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की है.

coal mines
कोयला खदान
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Published : Jun 20, 2020, 1:55 PM IST

रांची : झारखंड में मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली सरकार ने वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की अनुमति देने के सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है. वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी से देश में अगले पांच से सात साल में 33,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की उम्मीद है.

झारखंड सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के चलते खदानों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा. वहीं इन खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होगी.

पढ़ें :- कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया आज से शुरू, झारखंड के भी 18 कोल ब्लॉक की होगी निलामी

बता दें कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा था कि यह देश के कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकालने जैसा है. भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए. इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.

रांची : झारखंड में मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली सरकार ने वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की अनुमति देने के सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल माइनिंग की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है. वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी से देश में अगले पांच से सात साल में 33,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश की उम्मीद है.

झारखंड सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के चलते खदानों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा. वहीं इन खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी भी प्रभावित होगी.

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बता दें कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा था कि यह देश के कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकालने जैसा है. भारत का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा कोयला निर्यातक होना चाहिए. इस कदम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है.

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