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झारखंड से अमेरिका पहुंची 16 साल की मोनिका, पूरी दुनिया में सिर्फ 8 लोगों का हुआ चयन

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Published : Jul 19, 2019, 5:09 PM IST

झारखंड की राजधानी रांची में ओरमांझी प्रखंड है. यहां कई गांवों के बच्चे फर्राटेदार इंग्लिश बोलने के साथ-साथ खेलकूद में भी माहिर हो गए हैं. यह मुमकिन हो पाया है 'युवा इंडिया' और अमेरिकी शख्स फ्रांज गैसलर के कारण. राज्य की एक बेटी का अमेरिका में पर्वतारोहन के लिए चयन किया गया है. जानें क्या है पूरी कहानी

विदेशी मेहमानों के साथ झारखंड की बेटियां

रांची: जिले के नक्शे पर एक पिछड़े इलाके के रूप में जाना जानेवाला ओरमांझी प्रखंड अब कामयाबी की नई इबारत लिख रहा है. यहां रहने वाले युवा पिछड़ेपन की दुहाई न देकर दुनिया के साथ कदमताल कर रहे हैं. यहां के बच्चे अब फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं.

झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी प्रखंड में आता है एक छोटा सा गांव 'हुटुप'. आज यह गांव 16 साल की मोनिका की वजह से चर्चा में है. मोनिका पूरे विश्व की 8 लड़कियों में से एक है जिसका चयन वाशिंगटन में पर्वतारोहण अभियान के लिए हुआ है. इस अभियान को नाम दिया गया है- गर्ल्स ऑन आइस केसकैड.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

USA में पर्वतारोहण अभियान में रांची की मोनिका
इस सपने को साकार करने में ओरमांझी में स्थापित युवा इंडिया नामक संस्था ने निभाई है जिसे 'बुक ए स्माइल' ने सपोर्ट किया है. मोनिका इस अभियान में शामिल होने के लिए अपने गांव से 14 जुलाई को निकली थी और 16 जुलाई को वॉशिंगटन स्थित पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुई. यह अभियान माउंट बेकर पर्वत पर दो सप्ताह तक चलेगा. जहां जागृत ज्वालामुखी भी है, फिलहाल मोनिका वॉशिंगटन के माउंटेन रेंज में बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक छटा के बीच साकार हो रहे अपने सपनों की दुनिया में खोई हुई होगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'युवा इंडिया' ने की मदद
अब सवाल है कि एक छोटे से गांव की लड़की को इतना बड़ा मौका कैसे मिला.यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची रांची के गेतलसूद डैम रोड के बगल में मौजूद युवा स्कूल में जहां मोनिका भी छात्रा है. एक सामान्य से भाड़े के घर में चल रहे इस स्कूल की व्यवस्था देख एक पल के लिए हम आश्चर्य में थे. लेकिन आस-पास के गांव की बच्चियों को एक दूसरे से बात करता देख यह समझते देर नहीं लगी कि बदलाव की बयार चल पड़ी है.

jharkhand girl in america
विदेशी मेहमानों के साथ झारखंड की बेटियां

हाई-फाई कान्वेंट स्कूल की तरह पढ़ाई
जब हमारी टीम पहुंची तब लंच का वक्त हो चुका था, कुछ विदेशी भी नजर आ रहे थे. बच्चियों के शोरगुल के बीच यह स्पष्ट हो गया कि बच्चियां हिंदी में नहीं बल्कि फर्राटेदार अंग्रेजी में एक दूसरे से बात कर रही थी. स्कूल के संचालन में सहयोग करने वाली नेहा मैडम ने हमें कुछ बच्चियों से मिलवाया. इस स्कूल में बेंच डेस्क नहीं था, बच्चे चटाई पर बैठे थे. लेकिन पढ़ाई का स्टैंडर्ड एक हाई-फाई कान्वेंट स्कूल से कम नहीं था. अमेरिका के एक शख्स फ्रांज गैसलर की वजह से इस पिछड़े क्षेत्र की बच्चियां अपने सपने को साकार कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- चतरा के 10 मजदूरों की चेन्नई में मौत, काम पर जाने के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा

क्या है युवा इंडिया और कौन हैं फ्रांज गैसलर
फ्रांज गैसलर एक अमेरिकी नौजवान हैं जिन्होंने साल 2009 में ओरमांझी में आकर युवा इंडिया नामक संस्था की स्थापना की थी. सबसे पहले उन्होंने इलाके के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे टीम बनाकर फुटबॉल खेल से जुड़ा, फ्रांज इस बात से दुखी रहते थे कि क्षेत्र की लड़कियों को सपने देखने की छूट नहीं थी. उन्होंने धीरे-धीरे लोगों के बीच विश्वास बनाया. आज युवा इंडिया के तहत डहु, हेसातु, गगारी, कुचू, कामता, कुल्ही जैसे ओरमांझी प्रखंड के कई गांवों में शाम के वक्त बच्चियां फुटबॉल खेलती हैं.

आज इस संस्था के पास फुटबॉल की 25 टीम है जिससे करीब 450 खिलाड़ी जुड़े हुए हैं और 44 महिला कोच हैं. इसी साल 18 फरवरी 2019 को युवा इंडिया फाउंडेशन की फुटबॉल महिला टीम को मोनाको में आयोजित लोरियस अवॉर्ड फंक्शन के दौरान सम्मानित भी किया गया था.

रांची: जिले के नक्शे पर एक पिछड़े इलाके के रूप में जाना जानेवाला ओरमांझी प्रखंड अब कामयाबी की नई इबारत लिख रहा है. यहां रहने वाले युवा पिछड़ेपन की दुहाई न देकर दुनिया के साथ कदमताल कर रहे हैं. यहां के बच्चे अब फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं.

झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी प्रखंड में आता है एक छोटा सा गांव 'हुटुप'. आज यह गांव 16 साल की मोनिका की वजह से चर्चा में है. मोनिका पूरे विश्व की 8 लड़कियों में से एक है जिसका चयन वाशिंगटन में पर्वतारोहण अभियान के लिए हुआ है. इस अभियान को नाम दिया गया है- गर्ल्स ऑन आइस केसकैड.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

USA में पर्वतारोहण अभियान में रांची की मोनिका
इस सपने को साकार करने में ओरमांझी में स्थापित युवा इंडिया नामक संस्था ने निभाई है जिसे 'बुक ए स्माइल' ने सपोर्ट किया है. मोनिका इस अभियान में शामिल होने के लिए अपने गांव से 14 जुलाई को निकली थी और 16 जुलाई को वॉशिंगटन स्थित पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुई. यह अभियान माउंट बेकर पर्वत पर दो सप्ताह तक चलेगा. जहां जागृत ज्वालामुखी भी है, फिलहाल मोनिका वॉशिंगटन के माउंटेन रेंज में बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक छटा के बीच साकार हो रहे अपने सपनों की दुनिया में खोई हुई होगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'युवा इंडिया' ने की मदद
अब सवाल है कि एक छोटे से गांव की लड़की को इतना बड़ा मौका कैसे मिला.यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची रांची के गेतलसूद डैम रोड के बगल में मौजूद युवा स्कूल में जहां मोनिका भी छात्रा है. एक सामान्य से भाड़े के घर में चल रहे इस स्कूल की व्यवस्था देख एक पल के लिए हम आश्चर्य में थे. लेकिन आस-पास के गांव की बच्चियों को एक दूसरे से बात करता देख यह समझते देर नहीं लगी कि बदलाव की बयार चल पड़ी है.

jharkhand girl in america
विदेशी मेहमानों के साथ झारखंड की बेटियां

हाई-फाई कान्वेंट स्कूल की तरह पढ़ाई
जब हमारी टीम पहुंची तब लंच का वक्त हो चुका था, कुछ विदेशी भी नजर आ रहे थे. बच्चियों के शोरगुल के बीच यह स्पष्ट हो गया कि बच्चियां हिंदी में नहीं बल्कि फर्राटेदार अंग्रेजी में एक दूसरे से बात कर रही थी. स्कूल के संचालन में सहयोग करने वाली नेहा मैडम ने हमें कुछ बच्चियों से मिलवाया. इस स्कूल में बेंच डेस्क नहीं था, बच्चे चटाई पर बैठे थे. लेकिन पढ़ाई का स्टैंडर्ड एक हाई-फाई कान्वेंट स्कूल से कम नहीं था. अमेरिका के एक शख्स फ्रांज गैसलर की वजह से इस पिछड़े क्षेत्र की बच्चियां अपने सपने को साकार कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- चतरा के 10 मजदूरों की चेन्नई में मौत, काम पर जाने के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा

क्या है युवा इंडिया और कौन हैं फ्रांज गैसलर
फ्रांज गैसलर एक अमेरिकी नौजवान हैं जिन्होंने साल 2009 में ओरमांझी में आकर युवा इंडिया नामक संस्था की स्थापना की थी. सबसे पहले उन्होंने इलाके के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे टीम बनाकर फुटबॉल खेल से जुड़ा, फ्रांज इस बात से दुखी रहते थे कि क्षेत्र की लड़कियों को सपने देखने की छूट नहीं थी. उन्होंने धीरे-धीरे लोगों के बीच विश्वास बनाया. आज युवा इंडिया के तहत डहु, हेसातु, गगारी, कुचू, कामता, कुल्ही जैसे ओरमांझी प्रखंड के कई गांवों में शाम के वक्त बच्चियां फुटबॉल खेलती हैं.

आज इस संस्था के पास फुटबॉल की 25 टीम है जिससे करीब 450 खिलाड़ी जुड़े हुए हैं और 44 महिला कोच हैं. इसी साल 18 फरवरी 2019 को युवा इंडिया फाउंडेशन की फुटबॉल महिला टीम को मोनाको में आयोजित लोरियस अवॉर्ड फंक्शन के दौरान सम्मानित भी किया गया था.

Intro:Note - Monika achievement slug से लाइव यू के जरिए पूरी फीड भेजी गई है


USA में पर्वतारोहण अभियान के लिए विश्व की 8 लड़कियों में रांची की मोनिका भी शामिल



रांची/यूएसए

झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी प्रखंड क्षेत्र में आता है एक छोटा सा गांव " हुटुप "। आज यह गांव 16 साल की मोनिका की वजह से चर्चा में है। मोनिका,,, पूरे विश्व की 8 लड़कियों में से एक है जिसका चयन वाशिंगटन में पर्वतारोहण अभियान के लिए हुआ है। इस अभियान को नाम दिया गया है - Girls on Ice Cascades . मोनिका के इस सपने को साकार करने में ओरमांझी में स्थापित युवा इंडिया नामक संस्था ने निभाई है जिसे BookASmile ने सपोर्ट किया है। मोनिका इस अभियान में शामिल होने के लिए अपने गांव से 14 जुलाई को निकली थी और 16 जुलाई को वॉशिंगटन स्थित पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुई। यह अभियान माउंट बेकर पर्वत पर 2 सप्ताह तक चलेगा जहां जागृत ज्वालामुखी भी है। फिलहाल मोनिका, वॉशिंगटन के माउंटेन रेंज में बर्फीले पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक छटा के बीच साकार हो रहे अपने सपनों की दुनिया में खोई हुई होगी।

अब सवाल है कि एक छोटे से गांव की लड़की को इतना बड़ा मौका कैसे मिला। यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची रांची के गेतलसूद डैम रोड के बगल में मौजूद युवा स्कूल में जहां मोनिका भी छात्रा है। एक सामान्य से भाड़े के घर में चल रहे हैं इस स्कूल की व्यवस्था देख एक पल के लिए हम आश्चर्य में थे। लेकिन आस-पास के गांव की बच्चियों को एक दूसरे से बात करता देख यह समझते देर नहीं लगी कि बदलाव की बयार चल पड़ी है। जब हमारी टीम पहुंची तब लंच का वक्त था। कुछ विदेशी भी नजर आ रहे थे। बच्चियों के शोरगुल के बीच यह स्पष्ट हो गया कि बच्चियां हिंदी में नहीं बल्कि फराटे दार अंग्रेजी में एक दूसरे से बात कर रही थी। स्कूल के संचालन में सहयोग करने वाली नेहा मैडम ने हमें कुछ बच्चियों से मिलवाया। इस स्कूल में बेंच डेस्क नहीं था। बच्चे चटाई पर बैठे थे। लेकिन पढ़ाई का स्टैंडर्ड एक हाई फाई कान्वेंट स्कूल से कम नहीं था। अमेरिका के एक शख्स फ्रांज़ गैसलर की वजह से इस पिछड़े क्षेत्र की बच्चियां अपने सपने को साकार कर रही हैं।

Body:क्या है युवा इंडिया और कौन हैं फ्रांज गैसलर ? फ्रांज गैसलर एक अमेरिकी नौजवान हैं जिन्होंने साल 2009 में ओरमांझी में आकर युवा इंडिया नामक संस्था की स्थापना की थी। सबसे पहले उन्होंने इलाके के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया। फिर धीरे धीरे टीम बनाकर फुटबॉल खेल से जुड़ा। फ्रांज़ इस बात से दुखी रहते थे कि क्षेत्र की लड़कियों को सपने देखने की छूट नहीं थी। उन्होंने धीरे धीरे लोगों के बीच विश्वास बनाया। आज युवा इंडिया के तहत डहु, हेसातु, गगारी, कुचू, कामता, कुल्ही जैसे ओरमांझी प्रखंड के कई गांव में शाम के वक्त बच्चियां फुटबॉल खेलती हैं। आज इस संस्था के पास फुटबॉल की 25 टीम है जिससे करीब 450 खिलाड़ी जुड़े हुए हैं और 44 महिला कोच हैं। इसी साल 18 फरवरी 2019 को युवा इंडिया फाउंडेशन की फुटबॉल महिला टीम को मोनाको में आयोजित लोरियस अवॉर्ड फंक्शन के दौरान सम्मानित भी किया गया था।

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