दुमका : यह विधानसभा सीट झारखंड के संथाल क्षेत्र का हिस्सा है. इसकी 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है और 22 फीसदी आबादी शहरी है. इस विधानसभा सीट में 6.55 फीसदी अनुसूचित जाति और 43.41 फीसदी अनुसूचित जनजाति की आबादी है. दुमका सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हेमंत सोरेन की जीत हुई थी. हेमंत सोरेन ने दुमका के साथ बरहेट सीट से भी चुनाव लड़ा था. दोनों ही सीटों से उनकी जीत हुई थी. इसके बाद हेमंत ने दुमका सीट छोड़ दी थी.
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दुमका विधानसभा सीट पर अपनी जीत का दावा किया है. झामुमो ने दुमका सीट से बसंत सोरेन को उम्मीदवार बनाया है. बसंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं. जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने इस बात की जानकारी दी.
क्या कहा झामुमो महासचिव ने
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने दुमका में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे उम्मीदवार बसंत सोरेन होंगे, बसंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं. वहीं दुमका के शिकारीपाड़ा विधानसभा से झामुमो के विधायक नलिन सोरेन ने यह दावा किया कि दुमका विधानसभा सीट पर हमारी जीत सुनिश्चित है. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार हैं, कल भी अगर मतदान हो जाता है तो जीत हमारी ही होगी.
झामुमो ने कृषि कानून के खिलाफ दिया धरना
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ एक दिवसीय धरना का आयोजन किया. जेएमएम ने इसे काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की है.
2019 विधानसभा चुनाव
बेरमो विधानसभा सीट पर साल 2019 में हुए चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हेमंत सोरेन की जीत हुई थी. हेमंत सोरेन ने दुमका के साथ बरहेट सीट से भी चुनाव लड़ा था. दोनों ही सीटों से उनकी जीत हुई थी. इसके बाद हेमंत ने दुमका सीट छोड़ दी थी, जिसके बाद दुमका उपचुनाव कराया जा रहा है. दुमका में हेमंत सोरेन ने बीजेपी की लुईस मरांडी को हराया था.
दुमका विधानसभा चुनाव 2019
- विजयी झामुमो हेमंत सोरेन- 81,007 वोट
- बीजेपी की लुईस मरांडी- 67,819 वोट
2014 विधानसभा चुनाव
वर्ष 2014 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लईस मरांडी ने जीत हासिल की थी, जिन्हें 44.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर 2014 विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार दूसरे, झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी तीसरे, कांग्रेस के उम्मीदवार चौथे और निर्दलीय प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहे थे. 2014 चुनाव में इस सीट के मतदाताओं में से 3,200 ने नोटा का विकल्प चुना था.
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2009 विधानसभा चुनाव
2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर बीजेपी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी रहे थे.
2005 विधानसभा चुनाव
2005 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय स्टीफन मरांडी ने जीत हासिल की थी, जबकि दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर भारतीय जनता पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार रहे थे.