ETV Bharat / bharat

धारा 370 के रद्द होने पर JDU ने बदला स्टैंड, आई मोदी के साथ

एनडीए सरकार में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनियन (जेडीयू) ने केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के फैसले पर साथ आने का निर्णय लिया है. बता दें, जेडीयू ने मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 से जुड़े प्रस्ताव पर संसद में विरोध किया था. पढ़ें जेडीयू का पक्ष....

नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी.
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 5:39 PM IST

नई दिल्ली/पटना: धारा 370 पर पहली बार जनता दल यू ने अपना स्टैंड बदला है. यह मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. जदयू ने कहा कि हम इस कानून को मानते हैं. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा में पार्टी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एक बार कानून बन गया है, तो सभी को इसका पालन करना चाहिेए. हालांकि, पार्टी ने संसद में इसका विरोध किया था.

जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा में पार्टी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने पटना में कहा कि अब चूंकि यह विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, इसलिए यह कानून बन गया है और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि संसद में विधेयक पारित होने के साथ जो कानून लागू हुआ है, वह देश का कानून है. इसे सभी को मानना चाहिए. इस मुद्दे पर भाजपा के साथ हमारे मतभेद हमेशा ज्ञात रहे हैं और हमने समर्थन में मतदान नहीं करके अपना विरोध दर्ज कराया.

etvbharat rcp singh
आरसीपी सिंह.

संसद के दोनों सदनों में जद (यू) के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया था.

सिंह ने कहा कि हम लोहिया और जेपी जैसे समाजवादी हस्तियों के पदचिन्हों पर चलने वाले हैं, ऐसे में अपनी वैचारिक स्थिति के मद्देनजर हम विधेयक का समर्थन नहीं कर सकते थे. विधेयक लाने से पहले केंद्र द्वारा हमसे परामर्श नहीं लिया गया था.

पढ़ें-अधीर रंजन ने कश्मीर की तुलना हिटलर के नाजी कैंप से की

उन्होंने कहा, 'अब जबकि विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, हम आगे वैचारिक मतभेद में शामिल नहीं होना चाहते. अब, हमारी चिंता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र के बेहतर शासन के वादे का लाभ हासिल कर सकें.

जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले सिंह ने यह भी कहा, 'हमारे वैचारिक मतभेदों का बिहार में राजग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गठबंधन बरकरार है और हम अगले साल एक साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.'

सिंह ने जद (यू) विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी के एक बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी लोगों को अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का अधिकार है.

बलियावी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि अब कोई राजग नहीं रहा है. बल्कि केवल भाजपा है.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में अपना पक्ष रखा और अब वह केंद्र में सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती है. सिंह ने कहा कि पार्टी का रुख नीतीश कुमार की सोच के अनुरूप है, जो हमारे सर्वोच्च नेता हैं.

पढ़ें-अनुच्छेद 370 : दो समूहों में विभाजित दिख रही कांग्रेस, मोदी-शाह को मिल रही बधाई

उल्लेखनीय है भाजपा के साथ बिहार में सत्ता में शामिल जद (यू) लगातार यह कहती रही है कि वह अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या विवाद जैसे मुद्दों पर भाजपा के विचारों से सहमत नहीं है.

नई दिल्ली/पटना: धारा 370 पर पहली बार जनता दल यू ने अपना स्टैंड बदला है. यह मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. जदयू ने कहा कि हम इस कानून को मानते हैं. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा में पार्टी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एक बार कानून बन गया है, तो सभी को इसका पालन करना चाहिेए. हालांकि, पार्टी ने संसद में इसका विरोध किया था.

जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा में पार्टी नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने पटना में कहा कि अब चूंकि यह विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, इसलिए यह कानून बन गया है और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि संसद में विधेयक पारित होने के साथ जो कानून लागू हुआ है, वह देश का कानून है. इसे सभी को मानना चाहिए. इस मुद्दे पर भाजपा के साथ हमारे मतभेद हमेशा ज्ञात रहे हैं और हमने समर्थन में मतदान नहीं करके अपना विरोध दर्ज कराया.

etvbharat rcp singh
आरसीपी सिंह.

संसद के दोनों सदनों में जद (यू) के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया था.

सिंह ने कहा कि हम लोहिया और जेपी जैसे समाजवादी हस्तियों के पदचिन्हों पर चलने वाले हैं, ऐसे में अपनी वैचारिक स्थिति के मद्देनजर हम विधेयक का समर्थन नहीं कर सकते थे. विधेयक लाने से पहले केंद्र द्वारा हमसे परामर्श नहीं लिया गया था.

पढ़ें-अधीर रंजन ने कश्मीर की तुलना हिटलर के नाजी कैंप से की

उन्होंने कहा, 'अब जबकि विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, हम आगे वैचारिक मतभेद में शामिल नहीं होना चाहते. अब, हमारी चिंता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र के बेहतर शासन के वादे का लाभ हासिल कर सकें.

जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले सिंह ने यह भी कहा, 'हमारे वैचारिक मतभेदों का बिहार में राजग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गठबंधन बरकरार है और हम अगले साल एक साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.'

सिंह ने जद (यू) विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी के एक बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी लोगों को अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का अधिकार है.

बलियावी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि अब कोई राजग नहीं रहा है. बल्कि केवल भाजपा है.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में अपना पक्ष रखा और अब वह केंद्र में सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती है. सिंह ने कहा कि पार्टी का रुख नीतीश कुमार की सोच के अनुरूप है, जो हमारे सर्वोच्च नेता हैं.

पढ़ें-अनुच्छेद 370 : दो समूहों में विभाजित दिख रही कांग्रेस, मोदी-शाह को मिल रही बधाई

उल्लेखनीय है भाजपा के साथ बिहार में सत्ता में शामिल जद (यू) लगातार यह कहती रही है कि वह अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या विवाद जैसे मुद्दों पर भाजपा के विचारों से सहमत नहीं है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.