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जम्मू-कश्मीर : उप राज्यपाल के सलाहकार फारूक बोले- कश्मीर था 100% हिन्दू राज्य - उपराज्यपाल के सलाहकार का दावा

जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन हुए करीब तीन दशक हो गए हैं. पलायन के बाद पुनर्वास की आस में राज्य से अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद जगी है. इस क्रम में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के सलाहकार फारूक खान ने कश्मीर पंडितों को लेकर बयान दिया है. जानें विस्तार से...

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जेके एलजी के सलाहकार फारूक खान
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Published : Mar 1, 2020, 1:45 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 1:32 AM IST

केवड़िया : जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के सलाहकार फारुक खान ने कश्मीर पंडितों को लेकर बड़ा बयान दिया है. फारूक खान ने यहां शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'हममें से बहुत कम लोग जानते हैं कि कश्मीर एक 100% हिन्दू राज्य था.'

उप राज्यपाल के सलाहकार ने कहा, 'हमारे लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि हमारे सभी कश्मीरी पंडित भाइयों और बहनों को, जिन्हें बंदूक की धमकी के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा, पूरे सम्मान के साथ आएं और बिना खतरे और भय के कश्मीर में आनंद लें.'

इसके साथ खान ने पर्यटकों को सलाह देते हुए कहा कि जो लोग वहां जाते हैं, उन्हें कश्मीर संग्रहालय का दौरा करना चाहिए और देखना चाहिए कि वहां क्या है, प्राचीन कश्मीर के इतिहास की तस्वीर. जो आपको एक स्पष्ट संकेत देती है.

आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि कश्मीर में उनका पुनर्वास नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आपको ससम्मान कश्मीर में फिर से बसाया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद तेज गति से हो रहा विकास : रवींद्र रैना

गौरतलब है, 1989 के अंत में और 90 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों को इस्लामिक आतंकियों की धमकी की वजह से अपने घरों को छोड़ना पड़ा था.

उल्लेखनीय है कि बीते पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

केवड़िया : जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के सलाहकार फारुक खान ने कश्मीर पंडितों को लेकर बड़ा बयान दिया है. फारूक खान ने यहां शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'हममें से बहुत कम लोग जानते हैं कि कश्मीर एक 100% हिन्दू राज्य था.'

उप राज्यपाल के सलाहकार ने कहा, 'हमारे लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि हमारे सभी कश्मीरी पंडित भाइयों और बहनों को, जिन्हें बंदूक की धमकी के कारण कश्मीर छोड़ना पड़ा, पूरे सम्मान के साथ आएं और बिना खतरे और भय के कश्मीर में आनंद लें.'

इसके साथ खान ने पर्यटकों को सलाह देते हुए कहा कि जो लोग वहां जाते हैं, उन्हें कश्मीर संग्रहालय का दौरा करना चाहिए और देखना चाहिए कि वहां क्या है, प्राचीन कश्मीर के इतिहास की तस्वीर. जो आपको एक स्पष्ट संकेत देती है.

आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि कश्मीर में उनका पुनर्वास नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आपको ससम्मान कश्मीर में फिर से बसाया जाएगा.

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गौरतलब है, 1989 के अंत में और 90 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों को इस्लामिक आतंकियों की धमकी की वजह से अपने घरों को छोड़ना पड़ा था.

उल्लेखनीय है कि बीते पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

Last Updated : Mar 3, 2020, 1:32 AM IST
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