नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में गलत अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने जवाब में भाजपा को ही फर्जी खबरों का कारखाना बताया है. कांग्रेस का कहना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का उनका संस्करण मूल रूप से घातक है. उन्होंने कहा कि यह अपने ही देश के नागरिकों को गैर नागरिक बनाने का मात्र एक हथियार है.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी चुनौती दी थी कि वे नागरिकता संशोधन अधिनियम में एक भी खंड दिखाएं, जिसमें किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान है.
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भाजपा के इस बयान का जवाब देते हुए कहा कि यह हंसी का विषय है. गृह मंत्री खुद भाजपा के झूठे समाचारों के कारखाने के सीईओ हैं, और वह कांग्रेस पर ऐसे कामों के लिए आरोप लगा रहे हैं.
हाल ही में भाजपा नेता राम माधव ने यह भी कहा कि एनपीआर मात्र मस्तिष्क की उपज थी. इसरा एनआरसी से कोई लेना देना नहीं है. इस पर कांग्रेस नेता जयवीर ने जवाब में कहा, मामले की सच्चाई यह है कि कांग्रेस का एनपीआर विचार एक उचित जनसंख्या रजिस्टर सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपकरण था, जबकि बीजेपी का एनपीआर और एनआरसी का संस्करण लोगों को अपने देश में विदेशी और गैर-नागरिक बनाने के लिए एक घातक हथियार है.
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राम माधव ने आगे कहा कि उनके बयानों पर विश्वास मत करिए. उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, बहुत सारे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. विपक्षी दलों पर आरोप लगाने के बजाय, भाजपा को सड़कों पर विरोध कर रहे लोगों का सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए. भाजपा मूल रूप से जिन्ना के देश को विभाजित करने के मॉडल के तहत काम करने की कोशिश कर रही है.
इससे पूर्व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर यह कहकर हमला किया था कि एनपीआर और एनआरसी गरीब लोगों पर कर है.
शेरगिल ने अपने बयान में कहा कि एनआरसी और सीएए इस देश की आबादी पर लगने वाले कर की तरह हैं जो आम आदमी की जेब पर कुल्हाड़ी मारने और इस देश की धर्मनिरपेक्षता की धुरी में लाने के लिए लाया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने सबसे पहले कहा कि पूरा देश रोजगार के लिए एक लाइन में है, और अब सभी नागरिक नागरिकता साबित करने के लिए कतार में होंगे.