अमरावती : आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार द्वारा सोमवार को विधानसभा में राज्य की तीन राजधानियों की अपनी योजना को आकार देने के लिए पेश किया गया विधयेक पारित हो गया है. इस विधेयक में विशाखापत्तनम में कार्यकारी राजधानी, अमरावती में विधानसभा राजधानी और कुरनूल में न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था.
आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और समावेशी विकास विधेयक 2020, के माध्यम से राज्य को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित कर, क्षेत्रीय योजना और विकास बोर्ड को स्थापित किया जा सकेगा.
बिल का विरोध कर रहे आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को राज्य विधानसभा के बाहर हिरासत में लिया गया है, क्योंकि वह अमरावती के गांवों में जाना चाहते थे. पुलिस ने उन्हें और अन्य लोगों को एक पुलिस वैन में ले गई और उनके आवास पर छोड़ दिया गया.
मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि सभी विधायकों ने स्पीकर से विधयेक पर चर्चा करने के लिए 10 मिनट देने को कहा ताकि मैं अपनी बात पूरी कर सकूं, लेकिन उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं थी. उन्होंने मुझे बात पूरी करने के लिए समय नहीं दिया जबकि यह एक अहम मुद्दा है. इस बिल को लेकर वह काफी जल्दी में हैं.
दुनिया में कहीं भी एक राज्य के लिए 3 राजधानियां नहीं हैं. आज एक काला दिन है, हम अमरावती और आंध्र प्रदेश को बचाना चाहते थे. मैं ही नहीं, पूरे राज्य में लोग सड़कों पर लड़ रहे हैं और आ रहे हैं. सरकार सभी को गिरफ्तार कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए बुरा है.
इससे पहले मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बैठक की और विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी. इसके अलावा बैठक में मंत्रिमंडल ने राजधानियों के मुद्दे पर मंत्रियों और नौकरशाहों की उच्च-शक्ति समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी दी.
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शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधेयक को आगे बढ़ाते हुए, वित्त और विधायी मामलों के मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ ने कहा कि सरकार ने आंध्र प्रदेश के संतुलित और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में सभी क्षेत्रों के विकेंद्रीकरण और समावेशी विकास के लिए एक नया कानून बनाने का फैसला किया है.