अमरावती: आंध्र प्रदेश की सरकार ने पोलावरम हाइडल पावर प्रोजेक्ट के अनुबंध को रद्द कर दिया है. इस प्रोजेक्ट की कीमत 3,216.11 करोड़ रुपये थी. अब दोबारा टेंडरिंग प्रक्रिया में नए निविदाओं को आमंत्रित किया जाएगा. राज्य कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अनुबंध रद्द करने के अलावा नवयुग को दी गई अग्रिम राशि को वसूलने का भी फैसला हुआ है. नवयुग से यह दूसरा प्रमुख अनुबंध वापस लिया गया है.
बता दें इसके पहले तेलुगु देशम पार्टी की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ करार किया था.
इसके पहले रेड्डी सरकार ने अगस्त में पोलावरम सिंचाई परियोजना से संबंधित कार्यों के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को समाप्त कर दिया था.
केन्द्र सरकार के वित्तीय मद से गोदावरी नदी के पार 58,000 करोड़ रुपये की पोलावरम परियोजना बनाई जा रही है. उल्लेखनीय है की आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत इसे एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.
कैबिनेट की बैठक के दौरान मछलीपट्टनम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एमपीपीएल) को आवंटित 412.5 एकड़ जमीन की मंजूरी भी वापस ले लिया. इसके पीछे कारण यह है की कंपनी ने न तो काम शुरू किया था और न ही आवंटित जमीन का अभी तक किराया दिया.
गौरतलब है की फरवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अनुमानत: 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विशाल बंदरगाह के लिए आधारशिला रखी थी.
पढ़ें- तिरुमाला मंदिर के गैर-हिन्दू कर्मचारी पद छोड़ें : जगन सरकार
फैसलों की कड़ी में जगन कैबिनेट ने माओवादियों पर प्रतिबंध का विस्तार और एक वर्ष बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में 3,000 रुपये से 10,000 रुपये तक की वृद्धि की भी मंजूरी दी.