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पोलावरम पावर प्रोजेक्ट : जगन सरकार ने रद्द किया चंद्रबाबू नायडू का फैसला - तेलुगु देशम पार्टी की सरकार ने किया था करार

केन्द्र सरकार के वित्तीय मद से गोदावरी नदी पर 58,000 करोड़ रुपये की पोलावरम परियोजना का निर्माण होना है. इसका कॉन्ट्रैक्ट नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को मिला था, लेकिन जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है. इससे पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू की सरकार का फैसला रद्द हो गया है. जानें क्या है पूरा मामला...

Andhra govt cancels polavaram power project contract
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Published : Sep 7, 2019, 6:36 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:53 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश की सरकार ने पोलावरम हाइडल पावर प्रोजेक्ट के अनुबंध को रद्द कर दिया है. इस प्रोजेक्ट की कीमत 3,216.11 करोड़ रुपये थी. अब दोबारा टेंडरिंग प्रक्रिया में नए निविदाओं को आमंत्रित किया जाएगा. राज्य कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया.

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अनुबंध रद्द करने के अलावा नवयुग को दी गई अग्रिम राशि को वसूलने का भी फैसला हुआ है. नवयुग से यह दूसरा प्रमुख अनुबंध वापस लिया गया है.

बता दें इसके पहले तेलुगु देशम पार्टी की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ करार किया था.

इसके पहले रेड्डी सरकार ने अगस्त में पोलावरम सिंचाई परियोजना से संबंधित कार्यों के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को समाप्त कर दिया था.

केन्द्र सरकार के वित्तीय मद से गोदावरी नदी के पार 58,000 करोड़ रुपये की पोलावरम परियोजना बनाई जा रही है. उल्लेखनीय है की आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत इसे एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.

कैबिनेट की बैठक के दौरान मछलीपट्टनम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एमपीपीएल) को आवंटित 412.5 एकड़ जमीन की मंजूरी भी वापस ले लिया. इसके पीछे कारण यह है की कंपनी ने न तो काम शुरू किया था और न ही आवंटित जमीन का अभी तक किराया दिया.

गौरतलब है की फरवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अनुमानत: 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विशाल बंदरगाह के लिए आधारशिला रखी थी.

पढ़ें- तिरुमाला मंदिर के गैर-हिन्दू कर्मचारी पद छोड़ें : जगन सरकार

फैसलों की कड़ी में जगन कैबिनेट ने माओवादियों पर प्रतिबंध का विस्तार और एक वर्ष बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में 3,000 रुपये से 10,000 रुपये तक की वृद्धि की भी मंजूरी दी.

अमरावती: आंध्र प्रदेश की सरकार ने पोलावरम हाइडल पावर प्रोजेक्ट के अनुबंध को रद्द कर दिया है. इस प्रोजेक्ट की कीमत 3,216.11 करोड़ रुपये थी. अब दोबारा टेंडरिंग प्रक्रिया में नए निविदाओं को आमंत्रित किया जाएगा. राज्य कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया.

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में अनुबंध रद्द करने के अलावा नवयुग को दी गई अग्रिम राशि को वसूलने का भी फैसला हुआ है. नवयुग से यह दूसरा प्रमुख अनुबंध वापस लिया गया है.

बता दें इसके पहले तेलुगु देशम पार्टी की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ करार किया था.

इसके पहले रेड्डी सरकार ने अगस्त में पोलावरम सिंचाई परियोजना से संबंधित कार्यों के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को समाप्त कर दिया था.

केन्द्र सरकार के वित्तीय मद से गोदावरी नदी के पार 58,000 करोड़ रुपये की पोलावरम परियोजना बनाई जा रही है. उल्लेखनीय है की आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत इसे एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.

कैबिनेट की बैठक के दौरान मछलीपट्टनम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (एमपीपीएल) को आवंटित 412.5 एकड़ जमीन की मंजूरी भी वापस ले लिया. इसके पीछे कारण यह है की कंपनी ने न तो काम शुरू किया था और न ही आवंटित जमीन का अभी तक किराया दिया.

गौरतलब है की फरवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अनुमानत: 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले विशाल बंदरगाह के लिए आधारशिला रखी थी.

पढ़ें- तिरुमाला मंदिर के गैर-हिन्दू कर्मचारी पद छोड़ें : जगन सरकार

फैसलों की कड़ी में जगन कैबिनेट ने माओवादियों पर प्रतिबंध का विस्तार और एक वर्ष बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में 3,000 रुपये से 10,000 रुपये तक की वृद्धि की भी मंजूरी दी.

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Andhra cancels Polavaram power project contract



Amaravati, Sep 4 The Andhra Pradesh cabinet on Wednesday cancelled the Rs 3,216.11 crore worth Polavaram Hydel Power Project contract and called for new tenders in the reverse tendering process.



Chief Minister Y.S. Jagan Mohan Reddy chaired the meeting that decided to cancel the contract given to Navayuga Engineering Company Limited by the earlier Telugu Desam Party government.



It also decided to recover the advance amount given to Navayuga.



This is the second major contract lost by Navayuga. The government had in August terminated the contract for works relating to the Polavaram Irrigation Project valued around Rs 3,000 crore.



Both the contracts were awarded by the TDP government.



The Centre is funding the Rs 58,000 crore Polavaram project being built across the Godavari river. It was declared a national project under the Andhra Pradesh Reorganisation Act, 2014.



The Jagan cabinet also withdrew approval of 412.5 acres of land allotted to Machilipatnam Port Private Limited (MPPL) as the company neither started the work nor paid the rent for the land given.



Navayuga is the lead promoter in MPPL.



In February, the then Chief Minister N. Chandrababu Naidu had laid the foundation stone for the deep seaport to be constructed at an estimated cost of Rs 12,000 crore.



The Jagan cabinet also approved the extension of the ban on Maoists for another year, besides approving increase of salaries of ASHA workers from Rs 3,000 to Rs 10,000.


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:53 PM IST
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