भुवनेश्वर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) अध्यक्ष के. सिवन IIT भुवनेश्वर के आमंत्रण पर 8वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए ओडिशा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने चंद्रयान-2 मिशन पर व्याख्यान भी दिया. उन्होंने मिशन के बारे में अपना अनुभव आईआईटी छात्रों के साथ साझा किया.
बता दें, ISRO अध्यक्ष ने अपनी ओडिशा यात्रा के दौरान आईआईटी भुवनेश्वर के टॉपर एवं डिग्री धारकों को प्रमाण-पत्र के साथ बधाई संदेश भी दिए.
इस बारे में संवाददाताओं से बात करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा है कि चंद्रयान -2 ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि ऑर्बिटर में 8 इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं और प्रत्येक इंस्ट्रूमेंट वही करता है, जो उसका काम निर्धारित होता है.
ISRO चीफ ने बताया कि लैंडर के साथ हम संचार स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं. लेकिन अब हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है.
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गौरतलब है कि शनिवार यानि आज से चांद पर अंधेरा घिर आएगा और अंधकार छाने के साथ ही 'चंद्रयान-2 के लैंडर' विक्रम से सपंर्क की सभी संभावनाएं अब लगभग खत्म हो जाएंगी.
उल्लेखनीय है 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था. संपर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था.