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कांग्रेस का प्रहार - सरकार जश्न न मनाए, राफेल घोटाले की जांच कराए, SC ने जांच से नहीं रोका - राफेल घोटाले की जांच कराए

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा को नसीहत दी है. कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट ने जांच से नहीं रोका है. यह भाजपा के जश्न मनाने का समय नहीं है बल्कि घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने का समय है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा से कुछ सवाल भी किए. पढ़ें विस्तार से...

रणदीप सुरजेवाला
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Published : Nov 14, 2019, 8:12 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 8:29 PM IST

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. SC के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में भाजपा सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस घोटाले की जांच करानी चाहिए.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में मांग रखी कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं.

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मीडिया से बात करते सुरजेवाला.

सुरजेवाला ने कहा, 'न्यायालय ने कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है.' न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.

सुरजेवाला ने कहा कि जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. भाजपा जश्न नहीं मनाए, जांच कराए.

उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए, जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं.

पढ़ें : मोदी सरकार को बड़ी राहत, 'राफेल सौदे की नहीं होगी जांच'

सुरजेवााला ने कुछ सवाल किए

  • पहला सवाल यह कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया?
  • यह ठेका 12 दिन पुरानी कम्पनी को क्यों दे दिया गया?
  • विमान की कीमत क्यों बढ़ायी गयी?
  • जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान ही क्यों खरीदे गये?
  • रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गयी?
  • भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया?
  • विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है?
  • नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को गुरुवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.

न्यायालय ने अपने 14 दिसम्बर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं.'

उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का भी निबटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में किसी भी टिप्पणी से पहले सावधानी बरतनाी चाहिए.

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. SC के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में भाजपा सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस घोटाले की जांच करानी चाहिए.

कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में मांग रखी कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं.

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मीडिया से बात करते सुरजेवाला.

सुरजेवाला ने कहा, 'न्यायालय ने कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है.' न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.

सुरजेवाला ने कहा कि जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. भाजपा जश्न नहीं मनाए, जांच कराए.

उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए, जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं.

पढ़ें : मोदी सरकार को बड़ी राहत, 'राफेल सौदे की नहीं होगी जांच'

सुरजेवााला ने कुछ सवाल किए

  • पहला सवाल यह कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया?
  • यह ठेका 12 दिन पुरानी कम्पनी को क्यों दे दिया गया?
  • विमान की कीमत क्यों बढ़ायी गयी?
  • जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान ही क्यों खरीदे गये?
  • रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गयी?
  • भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया?
  • विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है?
  • नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को गुरुवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.

न्यायालय ने अपने 14 दिसम्बर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं.'

उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का भी निबटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में किसी भी टिप्पणी से पहले सावधानी बरतनाी चाहिए.

Intro:New Delhi: After the Supreme Court gave a clean chit to the Modi government for the second time on the purchase of 36 fully loaded Rafael fighter jets, Congress party takes a dig at the party saying, "BJP has a habit of celebrating without going into details" and the party needs to "investigate not celebrate" after the verdict.


Body:Congress Spokesperson Randeep Singh Surjewala said, "BJP is in habit of celebrating without going into details of the verdict. The Supreme Court order has paved the way for a probe into the Rafael deal. The birthday cards open the window for a detailed enquiry into the matter, it has said that 14 December 2018 or today's verdict is not an obstacle in way of the CBI from taking action in the case in future."

"As expected and as usual, BJP government and its ministers are misleading the nation on the impact of the judgement. The Supreme Court has not given a 'clean chit' but paves the way for full investigation. The layers of corruption in the Rafael scam can be answered only through a fact finding impartial Joint Parliamentary Committee's investigation," he added.

The apex court dismissed the please seeking review of the December 14, 2018 verdict in which it had said that there was no occasion to doubt the decision making process in the procurement of 36 Rafael fighter jets.

Congress party's former President Rahul Gandhi also demanded a fresh probe in this matter. He tweeted, "Justice Joseph of the Supreme Court has opened a huge door into investigation of the Rafael scam. An investigation must now begin in full earnest. A Joint Parliamentary Committee must also be set up to probe this scam."


Conclusion:Surjewala said, "Rather than indulging in celebrations, BJP government should agree to a JPC investigation. Otherwise, it would be proves beyond doubt that BJP government is not 'corruption free' and actually wants to remain 'investigation free'."
Last Updated : Nov 14, 2019, 8:29 PM IST
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