नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है. SC के फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में भाजपा सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस घोटाले की जांच करानी चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में मांग रखी कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं.
सुरजेवाला ने कहा, 'न्यायालय ने कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है.' न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.
सुरजेवाला ने कहा कि जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. भाजपा जश्न नहीं मनाए, जांच कराए.
उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए, जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं.
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सुरजेवााला ने कुछ सवाल किए
- पहला सवाल यह कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स को क्यों अलग कर दिया?
- यह ठेका 12 दिन पुरानी कम्पनी को क्यों दे दिया गया?
- विमान की कीमत क्यों बढ़ायी गयी?
- जब 126 विमानों की जरूरत थी तो 36 विमान ही क्यों खरीदे गये?
- रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अहवेलना क्यों की गयी?
- भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से उपेक्षित क्यों किया?
- विमानों की आपूर्ति आठ साल में क्यों की जा रही है?
- नरेंद्र मोदी ने विमान की बुनियादी कीमत में 40 फीसदी बढ़ोतरी क्यों की?
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को गुरुवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं.
न्यायालय ने अपने 14 दिसम्बर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हमने पाया कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं.'
उच्चतम न्यायालय ने राफेल सौदे के संबंध में टिप्पणियों के लिए राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका का भी निबटारा करते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में किसी भी टिप्पणी से पहले सावधानी बरतनाी चाहिए.