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अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन देना SC के फैसले की अवहेलना : जिलानी - सोहावल तहसील

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के एलान के समय को लेकर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या जिले के सोहावल तहसील में दिए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई है. पढे़ं पूरा विवरण...

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बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी
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Published : Feb 5, 2020, 9:54 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 8:06 AM IST

लखनऊ : अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित किए जाने की घोषणा कर दी. फिलहाल ट्रस्ट के एलान के समय को लेकर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या जिले के सोहावल तहसील में दिए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई.

सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन का समय दिया था, लेकिन आज एलान करने से मालूम होता है कि जब दिल्ली में चुनाव हो रहा है तो उसमें सियासी फायदा उठाने के लिए इस वक्त ट्रस्ट का एलान किया गया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते जफरयाब जिलानी.

जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन सुहावल तहसील में दिए जाने के फैसले पर एतराज जताते हुए कहा कि अयोध्या एक्यूजेशन एक्ट के खिलाफ यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और यह बात रखी जानी चाहिए कि जब फैसला अयोध्या में जमीन देने का हुआ था तो उससे दूर जमीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है.

अयोध्या में दी जाए 5 एकड़ जमीन : जिलानी
जिलानी ने कहा कि प्रदेश सरकार का अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है. मस्जिद के लिए सरकार को या तो 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन में से ही जगह देनी चाहिए या फिर अयोध्या में ही कहीं पर 5 एकड़ जमीन दी जाए.

पढ़ें : श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्टियों के नाम आए सामने, के. पारासरन होंगे अध्यक्ष

सुहावल तहसील में जमीन दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए जिलानी ने कहा कि सुहावल जिला अयोध्या में नहीं था और बाद में इसको अयोध्या जिले में शामिल किया गया जबकि मुकदमा अयोध्या म्युनिसिपल बोर्ड के तहत चला था.

लखनऊ : अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित किए जाने की घोषणा कर दी. फिलहाल ट्रस्ट के एलान के समय को लेकर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या जिले के सोहावल तहसील में दिए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई.

सीनियर एडवोकेट जफरयाब जिलानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन का समय दिया था, लेकिन आज एलान करने से मालूम होता है कि जब दिल्ली में चुनाव हो रहा है तो उसमें सियासी फायदा उठाने के लिए इस वक्त ट्रस्ट का एलान किया गया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते जफरयाब जिलानी.

जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन सुहावल तहसील में दिए जाने के फैसले पर एतराज जताते हुए कहा कि अयोध्या एक्यूजेशन एक्ट के खिलाफ यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और यह बात रखी जानी चाहिए कि जब फैसला अयोध्या में जमीन देने का हुआ था तो उससे दूर जमीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है.

अयोध्या में दी जाए 5 एकड़ जमीन : जिलानी
जिलानी ने कहा कि प्रदेश सरकार का अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है. मस्जिद के लिए सरकार को या तो 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन में से ही जगह देनी चाहिए या फिर अयोध्या में ही कहीं पर 5 एकड़ जमीन दी जाए.

पढ़ें : श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्टियों के नाम आए सामने, के. पारासरन होंगे अध्यक्ष

सुहावल तहसील में जमीन दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए जिलानी ने कहा कि सुहावल जिला अयोध्या में नहीं था और बाद में इसको अयोध्या जिले में शामिल किया गया जबकि मुकदमा अयोध्या म्युनिसिपल बोर्ड के तहत चला था.

Intro:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट के नाम की घोषड़ा कर दी है वहीं ट्रस्ट के एलान के समय को लेकर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने सवाल खड़े किए है साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन अयोध्या ज़िले के सोहावल तहसील में दिए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई है।


Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीनियर एडवोकेट और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिन का समय दिया था लेकिन आज एलान करने से यह मालूम देता है कि जब दिल्ली में चुनाव हो रहा है तो उसमें सियासी फायदा उठाने के लिए इस वक्त ट्रस्ट का एलान किया गया है। जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन सुहावल तहसील में दिए जाने के फैसले पर ऐतराज़ जताते हुए कहा कि अयोध्या एक्यूज़ेशन एक्ट के खिलाफ यह फैसला लिया गया है। जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए और यह बात रखी जानी चाहिए कि जब फैसला अयोध्या में ज़मीन देने का हुआ था तो उससे दूर ज़मीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है।

67 एकड़ जमीन या अयोध्या में दी जाए 5 एकड़ जमीन: जिलानी

जफरयाब जिलानी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार का अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है और मस्जिद के लिए सरकार को या तो 67 एकड़ अधिग्रहित जमीन में से ही जगह देनी चाहिए या फिर अयोध्या में ही कहीं पर 5 एकड़ जमीन दी जाए। सुहावल तहसील में ज़मीन दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए जिलानी ने कहा कि सुहावल ज़िला अयोध्या में नही था और बाद में इसको अयोध्या ज़िले में शामिल किया गया जबकि मुकदमा अयोध्या म्युनिसिपल बोर्ड के तहत चला था।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 8:06 AM IST
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