नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश बन गया है, जो स्पेस 'वॉर' की योग्यता रखता है. इस तरह का प्रस्ताव मनमोहन सरकार के सामने भी रखा गया था, लेकिन उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी थी.
यह जानकारी वैज्ञानिक डॉ वीके सारस्वत ने दी है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए सारस्वत ने कहा कि हमारे पास क्षमता पहले से थी. 2012-13 में ऐसा प्रस्ताव यूपीए सरकार के पास आया था. लेकिन मनमोहन सरकार ने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया. अगर दे दिया जाता, तो 2014-15 में ही यह संभव हो पाता.
सारस्वत ने बताया कि इस बार डॉ सतीश रेड्डी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पीएम मोदी के सामने प्रस्ताव रखा. पीएम मोदी ने तुरंत इसको हरी झंडी दे दी. उन्होंने कहा कि आप मिशन की शुरुआत कीजिए.
सारस्वत ने बताया कि भारत अब परंपरागत और गैर परंपरागत दोनों ही क्षेत्रों में अपना लोहा मनवा लिया है.
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सारस्वत ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है. तकनीक के क्षेत्र में भारत ने बड़ी उन्नति हासिल की है. यह अतुलनीय है. वैज्ञानिकों से साबित कर दिया है कि हम किसी ने कम नहीं हैं.
एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैज्ञानिक एक दशक पहले ही एंटी सैटेलाइट मिसाइल बनाने में सक्षम थे, लेकिन उस समय की सरकार ने उन्हें कभी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी.