लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. बातचीत करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने तमाम सवालों के जवाब दिए.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जब यह पूछा गया कि उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को उनके गांवों में सफलतापूर्वक कैसे भेजा, इस पर उन्होंने कहा कि 'मैं इस समय राजनीतिक दृ्ष्टि से आरोप-प्रत्यारोप का समर्थक नहीं हूं. मैं तो यह सदा मानता हूं कि जो भी बात सही है, उसे मानना चाहिए, बताना चाहिए. लेकिन उस समय दिल्ली सरकार को जिम्मेदार सरकार के नाते पूरा प्रयास करना चाहिए था, सहयोग करना चाहिए, जब संक्रमण की सीमाओं का कोई पता नहीं था कि वो कैसे कहां से कहां चला जाए.'
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दिल्ली सरकार ने उस समय थोड़ा सा कम प्रयास किया और एकाएक यूपी बॉर्डर पर श्रमिक आ गए, तो जिनमें उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी मजदूर शामिल थे. ऐसे में सरकार में होने के नाते नैतिक दायित्व होने के नाते हमने बसों को भेजने का काम किया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों को जहां जाना था, वहां उनको भेज दिया गया. इसके साथ ही उनको गांव, जिलों में क्वारंटाइन होने के बाद 14 दिन के लिए घरों में भी क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए.