बेंगलुरु : आंध्रप्रदेश के वाहन लुटेरों के एक अंतरराज्यीय गिरोह का सोमवार को बेंगलुरु पुलिस ने भंडाफोड़ किया. पुलिस ने कहा कि संदिग्ध की पहचान जे रियाज, शेख मुक्तियार, वाई विनोद कुमार, रमेश नायडू, नरसिम्हा रेड्डी, टी प्रभाकरन और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर निवासी चकली नरेश के रूप में हुई है.
इन लुटेरों ने उन कार मालिकों को निशाना बनाया जिन्होंने ईएमआई से वाहन खरीदा था. लॉकडाउन अवधि के दौरान गिरोह ने कार मालिकों से संपर्क किया और ईएमआई का भुगतान न करने के लिए मूल कार रिकॉर्ड प्राप्त कर लिया. बाद में वे कार को चोरी कर लेते और आंध्र प्रदेश में बहुत कम कीमत पर बेचते थे. गोविंदपुरा नूर अहमद की शिकायत के आधार पर इन सात अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस ने कहा कि 4 इनोवा क्रिस्टा, 3 इनोवा, 16 टोयोटा और 17 स्विफ्ट डिजायर सहित विभिन्न कंपनियों की 48 कारें जब्त की गई हैं. आरोपी रियाज, शेख मुक्तियार एक कार डीलर और दलाल के रूप में काम करता है. कुछ कार मालिक लॉकडाउन के दौरान बैंक और निजी वित्त में खरीदी गई कारों पर ईएमआई भुगतान नहीं कर पाते थे. आरोपी रियाज कार को दस्तावेजों के साथ खरीदता था. यह विश्वास दिलाते हुए कि वह कार के शेष ईएमआई का भुगतान करेगा.
आरटीओ कार्यालय से खेल
हालांकि केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है कि समय के दौरान तीन महीने के लिए ईएमआई भुगतान अनिवार्य नहीं है. पुलिस ने कहा कि उनके गुर्गों की मदद से आंध्र प्रदेश के आरटीओ कार्यालय में चोरी की गई कारों को अवैध रूप से पंजीकृत किया गया था और बाद में वे दूसर राज्यों में कार को बेच दिया जाता था. कर्नाटक में कार लूटने वाले रमेश नायडा, नरसिम्हा रेड्डी, प्रभाकरन, चकली नरेश, अपने दोस्त विनोद के माध्यम से अनंतपुर के RTO कार्यालय में पंजीकरण कराते थे.
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नियमों के अनुसार एक राज्य से दूसरे राज्य में एक वाहन को पंजीकृत करने के लिए निकासी प्रमाणपत्र (सीसी) पहले राज्य के आरटीओ कार्यालय से और एनओसी प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए. फिर उन वाहनों को दूसरे राज्य में कार का पंजीकरण करके बेचने का अवसर है. लेकिन जालसाजों ने नियमों का उल्लंघन करके अवैध रूप से इन कारों को बेच दिया.