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इन विधायकों पर टिका मध्य प्रदेश सरकार का भविष्य - कमलनाथ सरकार का भविष्य

मध्य प्रदेश के निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों की गायब होने की खबर से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि भाजपा नेताओं ने निर्दलीय, सपा-बसपा और कांग्रेस के कुछ विधायकों को खरीदने की कोशिश की है. ईटीवी भारत आपकों उन विधायकों की जानकारी दे रहा है, जिनपर भाजपा द्वारा दांव लगाने की खबर है.

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Published : Mar 4, 2020, 2:56 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस का दावा है कि उसके तीन से चार विधायक अब भी गायब हैं. कांग्रेस ने इन विधायकों के भाजपा के कब्जे में होने का दावा किया है. हम आपकों उन विधायकों के बारें में बता रहे हैं, जिन पर कमलनाथ सरकार टिकी है.

कमलनाथ सरकार को चार निर्दलीय और बसपा के दो और सपा के एक विधायक समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि इनमें से बसपा और सपा के एक-एक विधायक और तीन निर्दलीय विधायक भी गायब हैं. जबकि कांग्रेस के भी तीन विधायक गायब हैं. ऐसे में हम आपकों बताएंगे कि कमलनाथ सरकार की चाबी किन विधायकों के हाथ में हैं.

यह विधायक जिनके हाथ में सत्ता की चाबी
राजेश शुक्ला छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से पहली बार समाजवादी पार्टी के विधायक बने हैं. राजेश शुक्ला कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं. लेकिन कांग्रेस का दावा है कि वह फिलहाल गायब हैं. संजीव सिंह कुशवाहा भिंड से पहली बार विधायक बने हैं, कांग्रेस का कहना है कि उनका भी कोई पता नहीं चल पा रहा है.

निर्दलीय विधायक
खरगोन जिले की भगवानपुरा सीट से निर्दलीय विधायक केदारचिड़ा भाई डावर और बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के भी गायब होने का दावा कांग्रेस ने किया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, इन सभी विधायकों को भाजपा के नेताओं ने अपने साथ रखा है.

कांग्रेस के दावों में दम भी नजर आ रहा है, क्योंकि इनमें से कई विधायक सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते रहे हैं. निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह लगातार उन्हें कमलनाथ सरकार में शामिल किए जाने का दवाब बना रहे थे. जबकि बसपा विधायक रामबाई सिंह भी मंत्री पद की मांग कर रही थीं.

पढ़ें-मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक जारी, खरीद-फरोख्त का वीडियो वायरल

भोपाल : मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस का दावा है कि उसके तीन से चार विधायक अब भी गायब हैं. कांग्रेस ने इन विधायकों के भाजपा के कब्जे में होने का दावा किया है. हम आपकों उन विधायकों के बारें में बता रहे हैं, जिन पर कमलनाथ सरकार टिकी है.

कमलनाथ सरकार को चार निर्दलीय और बसपा के दो और सपा के एक विधायक समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि इनमें से बसपा और सपा के एक-एक विधायक और तीन निर्दलीय विधायक भी गायब हैं. जबकि कांग्रेस के भी तीन विधायक गायब हैं. ऐसे में हम आपकों बताएंगे कि कमलनाथ सरकार की चाबी किन विधायकों के हाथ में हैं.

यह विधायक जिनके हाथ में सत्ता की चाबी
राजेश शुक्ला छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से पहली बार समाजवादी पार्टी के विधायक बने हैं. राजेश शुक्ला कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं. लेकिन कांग्रेस का दावा है कि वह फिलहाल गायब हैं. संजीव सिंह कुशवाहा भिंड से पहली बार विधायक बने हैं, कांग्रेस का कहना है कि उनका भी कोई पता नहीं चल पा रहा है.

निर्दलीय विधायक
खरगोन जिले की भगवानपुरा सीट से निर्दलीय विधायक केदारचिड़ा भाई डावर और बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के भी गायब होने का दावा कांग्रेस ने किया है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, इन सभी विधायकों को भाजपा के नेताओं ने अपने साथ रखा है.

कांग्रेस के दावों में दम भी नजर आ रहा है, क्योंकि इनमें से कई विधायक सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते रहे हैं. निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह लगातार उन्हें कमलनाथ सरकार में शामिल किए जाने का दवाब बना रहे थे. जबकि बसपा विधायक रामबाई सिंह भी मंत्री पद की मांग कर रही थीं.

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