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भारतीय नौसेना के दल को स्वीडन लेकर पहुंचा तरकश, समुद्री सहयोग पर होगी बातचीत - Tarkash

शुक्रवार को भारतीय जल सेना का जहाज तरकश कैप्टन सतीश वासुदेव के की अगुवाई में स्वीडन के कार्लस्क्रोन पोर्ट पर पहुंचा. 15 सालों में यह पहला मौका है जब भारतीय नौसैनिक जहाज की स्वीडिश तट पर पहुंचा है. पढ़ें पूरी खबर....

भारतीय जल सेना का जहाज तरकश स्वीडिश तट पर पहुंचा
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Published : Jul 20, 2019, 7:32 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय जल सेना और भारतीय नौसेना के जहाज ( तरकश) तीन दिन की यात्रा पर स्वीडन के कार्लस्क्रोन के पोर्ट पर पहुंचा. जहां भारतीय जल सेना और स्वीडिश सेना के बीच समुद्री सहयोग पर बातचीच होगी.

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भारतीय जल सेना का जहाज तरकश स्वीडिश तट पर पहुंचा

यह 15 सालों में भारतीय नौसैनिक जहाज की स्वीडिश तट पर पहली यात्रा है. यह यात्रा भारतीय नौसेना के 'ब्रिज ऑफ फ्रेंडशिप' के निर्माण और देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के मिशन का हिस्सा है.

अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने और खेल व सामाजिक संबंध को और मजबूत करने के लिए पेशेवर बातचीतह होगी.
यह यात्रा भारतीय नौसेना के 'ब्रिज ऑफ फ्रेंडशिप' के निर्माण और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के मिशन का हिस्सा है.

पढ़ें: एडमिरल करमबीर सिंह ने संभाला 24वें नौसेना प्रमुख का कार्यभार

वर्तमान यात्रा भारत की शांतिपूर्ण उपस्थिति और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ एकजुटता को रेखांकित करती है. इस यात्रा से भारत और स्वीडन को समुद्री तटों पर मिलने वाली चुनोतियों से निपटने के लिए बातचीत की जाएगी.

INS तारकेश, जिसकी कमान कैप्टन सतीश वासुदेव के पास है, भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट है, जो तीनों आयामों में खतरों को संबोधित करने में सक्षम हथियारों और सेंसर की बहुमुखी रेंज से लैस है.

पढ़ें: पूर्वी तटों का निरीक्षण करते पूर्वी तटरक्षक बल के महानिदेशक राजेंद्र सिंह

यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का एक हिस्सा है और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान के संचालन कमान के अधीन है.

भारत और स्वीडन के बीच कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय मुलाकातों और बातचीत हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यापक स्पेक्ट्रम में संबंधों में तेजी से वृद्धि हुई है. दोनों नौसेनाओं का समुद्री डकैती के खिलाफ वैश्विक अभियानों में नियमित योगदान रहा है.

नई दिल्ली: भारतीय जल सेना और भारतीय नौसेना के जहाज ( तरकश) तीन दिन की यात्रा पर स्वीडन के कार्लस्क्रोन के पोर्ट पर पहुंचा. जहां भारतीय जल सेना और स्वीडिश सेना के बीच समुद्री सहयोग पर बातचीच होगी.

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यह 15 सालों में भारतीय नौसैनिक जहाज की स्वीडिश तट पर पहली यात्रा है. यह यात्रा भारतीय नौसेना के 'ब्रिज ऑफ फ्रेंडशिप' के निर्माण और देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के मिशन का हिस्सा है.

अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने और खेल व सामाजिक संबंध को और मजबूत करने के लिए पेशेवर बातचीतह होगी.
यह यात्रा भारतीय नौसेना के 'ब्रिज ऑफ फ्रेंडशिप' के निर्माण और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाने के मिशन का हिस्सा है.

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वर्तमान यात्रा भारत की शांतिपूर्ण उपस्थिति और मैत्रीपूर्ण देशों के साथ एकजुटता को रेखांकित करती है. इस यात्रा से भारत और स्वीडन को समुद्री तटों पर मिलने वाली चुनोतियों से निपटने के लिए बातचीत की जाएगी.

INS तारकेश, जिसकी कमान कैप्टन सतीश वासुदेव के पास है, भारतीय नौसेना का एक अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट है, जो तीनों आयामों में खतरों को संबोधित करने में सक्षम हथियारों और सेंसर की बहुमुखी रेंज से लैस है.

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यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का एक हिस्सा है और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान के संचालन कमान के अधीन है.

भारत और स्वीडन के बीच कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय मुलाकातों और बातचीत हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यापक स्पेक्ट्रम में संबंधों में तेजी से वृद्धि हुई है. दोनों नौसेनाओं का समुद्री डकैती के खिलाफ वैश्विक अभियानों में नियमित योगदान रहा है.

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