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बालाकोट हमले के बाद 21 दिनों तक गायब रही PAK की पनडुब्बी, समुद्री हमले का था डर !

बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान दबाव में था. उसे समुद्र में भी हमले का डर सता रहा था. इसी कारण उसने अपनी पनडुब्बी को 21 दिनों तक भारत से छिपा कर रखने की कोशिश की थी. जानें क्या है पूरा मामला....

पीएम मोदी
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Published : Jun 24, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Jun 24, 2019, 12:08 AM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने नौसेनिकों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया था. इसमें परमाणु और पारंपरिक पनडुब्बियों के बेड़े की तैनाती भी शामिल थी. पाक की जल सीमा से लगे इलाकों में पनडुब्बी की तैनाती की गई थी.

समुद्र में भारतीय नौसेना के बेड़े की तैनाती को लेकर पाकिस्तान में भय व्यापत हो गया था. उसे डर था कि भारत बदला लेने के लिए समुद्र में भी हमला कर सकता है. इसके लिए तटरक्षक बलों की मदद ली जा सकती है.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने सबसे एडवांस्ड पनडुब्बी में से एक अगोस्ता क्लास पनडुब्बी PNS साद को बालाकोट हमले के बाद अपनी जगह से हटा लिया था.
सूत्रों ने बताया कि एक सीमित समय में PNS साद जहां भी जा सकती थी, उन सभी इलाकों में भारतीय नौसेना ने सघन तलाशी ली थी. भारतीय नौसेना ने P-8ls की मदद से गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य तटीय इलाकों में PNS साद की तलाश की थी.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

21 दिनों तक चली सघन तलाशी के बाद भारतीय नौसेना ने PNS साद को पाकिस्तान के पश्चिमी इलाके में पाया. इसे वहां छिपने के लिए भेजा गया था. इसका मकसद शत्रुता विस्तार के मामले में एक गुप्त क्षमता सुनिश्चित करना था.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

बालाकोट के समय जारी तनाव के समय भारतीय नेवी के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा था 'तीनों क्षेत्रों मे भारत की श्रेष्ठता के कारण पाकिस्तान माकरन कोस्ट में तैनाती के लिए मजबूर हुआ था. इसी कारण वह खुले समुद्र में नहीं आ सका.'

बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने विगत 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमला किया था. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे.

इसके बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में असैन्य कार्रवाई कर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने नौसेनिकों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया था. इसमें परमाणु और पारंपरिक पनडुब्बियों के बेड़े की तैनाती भी शामिल थी. पाक की जल सीमा से लगे इलाकों में पनडुब्बी की तैनाती की गई थी.

समुद्र में भारतीय नौसेना के बेड़े की तैनाती को लेकर पाकिस्तान में भय व्यापत हो गया था. उसे डर था कि भारत बदला लेने के लिए समुद्र में भी हमला कर सकता है. इसके लिए तटरक्षक बलों की मदद ली जा सकती है.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने सबसे एडवांस्ड पनडुब्बी में से एक अगोस्ता क्लास पनडुब्बी PNS साद को बालाकोट हमले के बाद अपनी जगह से हटा लिया था.
सूत्रों ने बताया कि एक सीमित समय में PNS साद जहां भी जा सकती थी, उन सभी इलाकों में भारतीय नौसेना ने सघन तलाशी ली थी. भारतीय नौसेना ने P-8ls की मदद से गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य तटीय इलाकों में PNS साद की तलाश की थी.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

21 दिनों तक चली सघन तलाशी के बाद भारतीय नौसेना ने PNS साद को पाकिस्तान के पश्चिमी इलाके में पाया. इसे वहां छिपने के लिए भेजा गया था. इसका मकसद शत्रुता विस्तार के मामले में एक गुप्त क्षमता सुनिश्चित करना था.

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सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी

बालाकोट के समय जारी तनाव के समय भारतीय नेवी के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा था 'तीनों क्षेत्रों मे भारत की श्रेष्ठता के कारण पाकिस्तान माकरन कोस्ट में तैनाती के लिए मजबूर हुआ था. इसी कारण वह खुले समुद्र में नहीं आ सका.'

बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने विगत 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती आतंकी हमला किया था. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे.

इसके बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में असैन्य कार्रवाई कर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था.

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Last Updated : Jun 24, 2019, 12:08 AM IST
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