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कोरोना वायरस : मरीजों को बीमा कवर सुविधा देने की तैयारी - preparation for coronavirus

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस भारत पहुंच चुका है और अब तक कोराना वायरस के 29 मामले सामने आ चुके हैं. इसी बीच भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी 'कवर' हो. पढे़ं पूरा विवरण...

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मरीजों को बीमा कवर सुविधा देने की तैयारी में जुटा देश
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Published : Mar 5, 2020, 10:00 AM IST

नई दिल्ली : दुनिया के कई देशों के बाद भारत में भी कोरोना वायरस धीरे-धीरे पैर पसारता जा रहा है. देश में अब तक कुल 29 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. 29 मामलों की पुष्टि होने के साथ सरकार ने इससे बचने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो.

तैयारियां

कोरोना वायरस की जांच के लिए हवाईअड्डों पर 'प्री-इमीग्रेशन' क्षेत्र में अतिरिक्त काउंटर, चिकित्सक, चिकित्सा उपकरण तथा संशोधित फॉर्म होंगे. केंद्र की इस घोषणा के बाद कि भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी, उड्डयन सचिव पी.एस. खरोला ने विभिन्न विभागों और हवाईअड्डों के अधिकारियों के साथ चार घंटे तक बैठक की.

संशोधित फॉर्म एक डुप्लिकेट प्रति के साथ भरे जाएंगे. इनमें से एक प्रति, हवाईअड्डे के स्वास्थ्य अधिकारियों के पास होगी और दूसरी आव्रजन विभाग के पास. खरोला ने कहा कि राज्य सरकारों, आव्रजन विभागों और भारतीय विमानन प्राधिकरण की मदद से पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए.

छात्रों को एकत्र न होने का परामर्श

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी स्कूलों को परामर्श जारी किया कि वह परिसरों में बड़ी संख्या में छात्रों को एकत्र न होने दें. मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई भी छात्र अथवा स्कूल का कर्मचारी बीते 28 दिन में कोविड-19 से प्रभावित देश से आया है या ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है तो उस पर निगरानी रखी जाए और उसे 14 दिन के लिए पृथक किया जाए.

शिक्षकों से बच्चों में खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों पर नजर रखने और अभिभावकों को तुरंत सूचित करने तथा जांच कराने के लिए कहने का निर्देश दिया गया है. स्कूलों से विभिन्न स्थानों पर अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर रखने को कहा गया है.

दूसरी ओर भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी 'कवर' हो. दुनियाभर में कोरोना वायरस से हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं.

पढ़ें : कोरोना वायरस : देश में 29 मामले सामने आए, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की होगी जांच

जरूरत आधारित स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के तहत बीमा कंपनियां विभिन्न उत्पादों से संबंधित बीमारियों के लिए उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं. इनमें मच्छरों आदि से होने वाली बीमारियां शामिल हैं. देश में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है.

बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें.

इरडा ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए.

नई दिल्ली : दुनिया के कई देशों के बाद भारत में भी कोरोना वायरस धीरे-धीरे पैर पसारता जा रहा है. देश में अब तक कुल 29 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. 29 मामलों की पुष्टि होने के साथ सरकार ने इससे बचने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो.

तैयारियां

कोरोना वायरस की जांच के लिए हवाईअड्डों पर 'प्री-इमीग्रेशन' क्षेत्र में अतिरिक्त काउंटर, चिकित्सक, चिकित्सा उपकरण तथा संशोधित फॉर्म होंगे. केंद्र की इस घोषणा के बाद कि भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की चिकित्सा जांच की जाएगी, उड्डयन सचिव पी.एस. खरोला ने विभिन्न विभागों और हवाईअड्डों के अधिकारियों के साथ चार घंटे तक बैठक की.

संशोधित फॉर्म एक डुप्लिकेट प्रति के साथ भरे जाएंगे. इनमें से एक प्रति, हवाईअड्डे के स्वास्थ्य अधिकारियों के पास होगी और दूसरी आव्रजन विभाग के पास. खरोला ने कहा कि राज्य सरकारों, आव्रजन विभागों और भारतीय विमानन प्राधिकरण की मदद से पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए.

छात्रों को एकत्र न होने का परामर्श

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी स्कूलों को परामर्श जारी किया कि वह परिसरों में बड़ी संख्या में छात्रों को एकत्र न होने दें. मंत्रालय ने कहा है कि यदि कोई भी छात्र अथवा स्कूल का कर्मचारी बीते 28 दिन में कोविड-19 से प्रभावित देश से आया है या ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है तो उस पर निगरानी रखी जाए और उसे 14 दिन के लिए पृथक किया जाए.

शिक्षकों से बच्चों में खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों पर नजर रखने और अभिभावकों को तुरंत सूचित करने तथा जांच कराने के लिए कहने का निर्देश दिया गया है. स्कूलों से विभिन्न स्थानों पर अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर रखने को कहा गया है.

दूसरी ओर भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से ऐसी पॉलिसियां लाने को कहा है, जिनमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी 'कवर' हो. दुनियाभर में कोरोना वायरस से हजारों की संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं.

पढ़ें : कोरोना वायरस : देश में 29 मामले सामने आए, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की होगी जांच

जरूरत आधारित स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के तहत बीमा कंपनियां विभिन्न उत्पादों से संबंधित बीमारियों के लिए उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं. इनमें मच्छरों आदि से होने वाली बीमारियां शामिल हैं. देश में कोरोना वायरस के 28 मामलों की पुष्टि हुई है.

बीमा नियामक ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से संबंधित दावों का तेजी से निपटान करें.

इरडा ने कहा कि जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 से संबंधित मामलों का तेजी से निपटान किया जाए.

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