ETV Bharat / bharat

देसी एप डेवलपर्स ने कहा- चीनी एप बैन होने से भारत बनेगा डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर

author img

By

Published : Jul 1, 2020, 4:17 AM IST

कैट, शेयरचैट ने 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध का स्वागत किया. शेयर चैट के निदेशक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र जारी रखेगी. वहीं एक अन्य देसी (भारतीय) एप डेवलपर ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है. सरकार का यह भारत को डिजिटल रूप से भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा.

atmanirbhar bharat
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली : भारत सरकार ने चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस फैसले को व्यापारियों के संगठन कैट और घरेलू सोशल मीडिया एप शेयरचैट सहित विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिला है. भारतीय एप डेवलपर्स का कहना है कि सरकार के इस कदम से भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा. इससे देश डिजिटल तरीके से भी आत्मनिर्भर बनेगा.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके 'चीन के सामान का बहिष्कार' अभियान के लिए एक बड़ा समर्थन है.

शेयरचैट के निदेशक (सार्वजनिक नीति) बर्जेस मालू ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा कि 'गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम बन चुके प्लेटफार्मों के खिलाफ सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अपना समर्थन जारी रखेगी.'

बता दें कि शेयर चैट वीडिया बनाने के लिए भारतीय एप है. जो टिक-टॉक के समान है. एप उपयोगकर्ताओं को प्लेटफॉर्म पर अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत भी कर सकते हैं.

वर्तमान में शेयर चैट के 15 भाषाओं में 60 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता है. इसमें अधिकांश उपयोगकर्ता टियर-2 और टियर-3 शहरों(जैसे टिकटोक) से हैं, जिनमें से ज्यादातर 2 जी नेटवर्क पर निर्भर हैं

भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर शामिल हैं. सरकार ने कहा कि यह एप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.

इस मुद्दे पर एपल और गूगल ने कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को देश में इन ऐप्स को प्रतिबंधित करने के लिए अभी सरकार के आदेश का इंतजार है.

पढ़ें : टीईएमए अध्यक्ष ने बताया, क्यों आवश्यक था चीनी एप्स पर प्रतिबंध

डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म खबरी ने उन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करने का आह्वान भी किया है, जिनमें चीनी निवेशक हैं.

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इस्पाई) ने भी इस कदम की सराहना की है.

इनमोबाइल समूह के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी नवीन तिवारी ने कहा कि यह 'डिजिटल आत्मनिर्भर का क्षण है, जिसके लिए ज्यादातर भारतीय समर्थन देने को खड़े थे.'

उन्होंने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर शीर्ष वीडियो ऐप के रूप में रोपोसो इस क्षण का उपयोग करने के लिए तैयार है.

रूटर के सीईओ और संस्थापक पीयूष ने कहा, 'चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना भारतीय उपयोगकर्ताओं के डाटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने और इन राष्ट्रीय खतरों से देश की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन पहल है.'

नई दिल्ली : भारत सरकार ने चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार के इस फैसले को व्यापारियों के संगठन कैट और घरेलू सोशल मीडिया एप शेयरचैट सहित विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिला है. भारतीय एप डेवलपर्स का कहना है कि सरकार के इस कदम से भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा. इससे देश डिजिटल तरीके से भी आत्मनिर्भर बनेगा.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला उसके 'चीन के सामान का बहिष्कार' अभियान के लिए एक बड़ा समर्थन है.

शेयरचैट के निदेशक (सार्वजनिक नीति) बर्जेस मालू ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा कि 'गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम बन चुके प्लेटफार्मों के खिलाफ सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. हमें उम्मीद है कि सरकार भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को अपना समर्थन जारी रखेगी.'

बता दें कि शेयर चैट वीडिया बनाने के लिए भारतीय एप है. जो टिक-टॉक के समान है. एप उपयोगकर्ताओं को प्लेटफॉर्म पर अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत भी कर सकते हैं.

वर्तमान में शेयर चैट के 15 भाषाओं में 60 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता है. इसमें अधिकांश उपयोगकर्ता टियर-2 और टियर-3 शहरों(जैसे टिकटोक) से हैं, जिनमें से ज्यादातर 2 जी नेटवर्क पर निर्भर हैं

भारत ने सोमवार को चीन से संबंधित 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर शामिल हैं. सरकार ने कहा कि यह एप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं.

इस मुद्दे पर एपल और गूगल ने कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को देश में इन ऐप्स को प्रतिबंधित करने के लिए अभी सरकार के आदेश का इंतजार है.

पढ़ें : टीईएमए अध्यक्ष ने बताया, क्यों आवश्यक था चीनी एप्स पर प्रतिबंध

डिजिटल ऑडियो प्लेटफॉर्म खबरी ने उन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई करने का आह्वान भी किया है, जिनमें चीनी निवेशक हैं.

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (इस्पाई) ने भी इस कदम की सराहना की है.

इनमोबाइल समूह के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी नवीन तिवारी ने कहा कि यह 'डिजिटल आत्मनिर्भर का क्षण है, जिसके लिए ज्यादातर भारतीय समर्थन देने को खड़े थे.'

उन्होंने बताया कि गूगल प्ले स्टोर पर शीर्ष वीडियो ऐप के रूप में रोपोसो इस क्षण का उपयोग करने के लिए तैयार है.

रूटर के सीईओ और संस्थापक पीयूष ने कहा, 'चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना भारतीय उपयोगकर्ताओं के डाटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने और इन राष्ट्रीय खतरों से देश की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन पहल है.'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.