वाशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन ने भारत से अमेरिका आई अपनी मां की प्ररेणादायक कहानी को मंगलवार को लोगों के साथ साझा किया.
डेलावेयर के विलमिंगटन में बाइडन के सत्ता हस्तांतरण मुख्यालय में टंडन ने कहा, नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की मां श्यामला की तरह मेरी मां माया का जन्म भी भारत में हुआ था. कई पीढ़ियों के लाखों लोगों की तरह, वह बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका आईं थी.
टंडन का जन्म मैसाचुसेट्स के बेडफोर्ड में हुआ था.
उन्होंने कहा, मैं बोस्टन उपनगर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी. जब मैं पांच साल की थी तब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया और मेरी मां पर दो बच्चों की जिम्मेदारी आ गई और तब उनके पास कोई नौकरी भी नहीं थी.
टंडन ने कहा, उनके पास विकल्प था कि या तो वह भारत वापस चली जाएं जहां तलाक एक कलंक था और अवसर सीमित ... या अपने अमेरिकी सपने के लिए लड़ती रहें. वह यहीं रुकी.... हम खाने के लिए फूड स्टैम्प पर निर्भर थे. हम किराया भरने के लिए सेक्शन 8 (वाउचर) पर निर्भर थे.
उन्होंने कहा, उन्हें फिर एक ट्रैवल एजेंट की नौकरी मिली और फिर उन्होंने बेडफोर्ड में घर लिया और अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी कराई.
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टंडन ने कहा, मैं यहां आज अपनी मां का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं और साथ ही उस देश का भी जिसने हम पर विश्वास रखा.... मैं आज यहां समाजिक कार्यक्रमों की वजह से ही हूं.
अगर अमेरिकी सीनेट से भी इस पद के लिए टंडन (50) के नाम को मंजूरी मिल जाती है, तो वह व्हाइट हाउस में प्रभावशाली प्रबंधन और बजट कार्यालय की प्रमुख बनने वाली पहली अश्वेत महिला होंगी. टंडन वर्तमान में वामपंथी झुकाव वाले ‘सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.
वह अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री एवं 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की करीबी सहयोगी रही हैं. टंडन ने ओबामा सरकार में अफोर्डेबल केयर एक्ट को पारित कराने में मदद की थी.