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देश का कृषि सेक्टर कोरोना से प्रभावित नहीं हुआ : कृषि मंत्रालय

कोरोना महामारी के दौरान एक राहत भरी खबर यह है कि देश का कृषि सेक्टर कोरोना से प्रभावित नहीं हुआ है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 2020 के दौरान अच्छे दक्षिण पश्चिम मानसून के पूर्वानुमान के बाद सरकार ने फसलों की समय पर बुवाई सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए.

देश का कृषि सेक्टर कोरोना से प्रभावित नहीं
देश का कृषि सेक्टर कोरोना से प्रभावित नहीं
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Published : Jul 10, 2020, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. देश का कोई भी सेक्टर इस महामारी से अछूता नहीं है. धीरे-धीरे ही सही अर्थव्यवस्था अब अपनी पटरी पर लौट रही है और उम्मीद है कि जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी. इस नए माहौल में सभी कंपनियां नए नियमों का पालन करते हुए वापस अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश कर रही है.

इन सभी मुश्किलों के दौरान भारत का एक सेक्टर है जो अच्छा कर रहा है वो है भारत की खेती. ये देखा गया है कि खरीफ बोने के मौसम में भारतीय कृषि ने अच्छी बढ़त दर्ज की है. इसमें सरकार की कोशिशें भी सराहनीय हैं. सरकार ने यह कोशिश की कि कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन से अछूता रखा जाए जिससे हमारे किसान भाई अपने खेतों में काम कर सकें और देश में अनाज की कमी न होने दें. इसके लिए समय पर खाद और बीज सरकार ने किसानों के लिए उपलब्ध कराई है.

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर कृषि के सभी क्षेत्रों में बढ़त दिखाई है. सरकार के अनुसार 10 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 580.21 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की बुवाई की गई. यह पिछले वर्ष की तुलना में 44.13% से अधिक है. पिछले साल कुल 402.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई थी. किसानों ने पिछले साल 95.7 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 120.77 लाख हेक्टेयर पर धान बोया है. इस प्रकार चावल के क्षेत्र में 162.35% की वृद्धि दर्ज की गई है. मोटे अनाजों का क्षेत्र कवरेज भी 29.57% बढ़ कर 93.24 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल यह 71.96 लाख हेक्टेयर था. इसी तरह अन्य फसलों के लिए क्षेत्र कवरेज में भी वृद्धि हुई है.

तिलहन के मामले में 139.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है जबकि पिछले वर्ष के 75.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई थी. यहां 85.16% की वृद्धि दर्ज की गई. गन्ना की बुआई पिछले वर्ष 50.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी जबकि इस साल 50.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है. गन्ने की बुआई में 0.5% की वृद्धि दर्ज की गई. कपास की बुआई में पिछले वर्ष के 77.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले इस वर्ष 104.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानि 34.89% क्षेत्र कवरेज में वृद्धि हुई. जूट और मेस्टा के मामले में 6.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले 6.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर, यानी 0.73% की वृद्धि देश में दर्ज हुई है.

इसलिए इन संख्याओं को देखते हुए खरीफ फसलों पर COVID -19 का कोई प्रभाव नहीं है. इस साल बेहतर बारिश ने भी किसानों की मदद की है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 2020 के दौरान अच्छे दक्षिण पश्चिम मानसून के पूर्वानुमान के बाद सरकार ने फसलों की समय पर बुवाई सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए. कृषि मंत्रालय ने आवश्यकता के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उर्वरक के समय पर वितरण की व्यवस्था की जिससे खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई की प्रक्रिया में मदद मिली.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. देश का कोई भी सेक्टर इस महामारी से अछूता नहीं है. धीरे-धीरे ही सही अर्थव्यवस्था अब अपनी पटरी पर लौट रही है और उम्मीद है कि जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी. इस नए माहौल में सभी कंपनियां नए नियमों का पालन करते हुए वापस अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश कर रही है.

इन सभी मुश्किलों के दौरान भारत का एक सेक्टर है जो अच्छा कर रहा है वो है भारत की खेती. ये देखा गया है कि खरीफ बोने के मौसम में भारतीय कृषि ने अच्छी बढ़त दर्ज की है. इसमें सरकार की कोशिशें भी सराहनीय हैं. सरकार ने यह कोशिश की कि कृषि क्षेत्र को लॉकडाउन से अछूता रखा जाए जिससे हमारे किसान भाई अपने खेतों में काम कर सकें और देश में अनाज की कमी न होने दें. इसके लिए समय पर खाद और बीज सरकार ने किसानों के लिए उपलब्ध कराई है.

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर कृषि के सभी क्षेत्रों में बढ़त दिखाई है. सरकार के अनुसार 10 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 580.21 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की बुवाई की गई. यह पिछले वर्ष की तुलना में 44.13% से अधिक है. पिछले साल कुल 402.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई थी. किसानों ने पिछले साल 95.7 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 120.77 लाख हेक्टेयर पर धान बोया है. इस प्रकार चावल के क्षेत्र में 162.35% की वृद्धि दर्ज की गई है. मोटे अनाजों का क्षेत्र कवरेज भी 29.57% बढ़ कर 93.24 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल यह 71.96 लाख हेक्टेयर था. इसी तरह अन्य फसलों के लिए क्षेत्र कवरेज में भी वृद्धि हुई है.

तिलहन के मामले में 139.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई है जबकि पिछले वर्ष के 75.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई थी. यहां 85.16% की वृद्धि दर्ज की गई. गन्ना की बुआई पिछले वर्ष 50.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी जबकि इस साल 50.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है. गन्ने की बुआई में 0.5% की वृद्धि दर्ज की गई. कपास की बुआई में पिछले वर्ष के 77.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले इस वर्ष 104.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानि 34.89% क्षेत्र कवरेज में वृद्धि हुई. जूट और मेस्टा के मामले में 6.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले 6.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर, यानी 0.73% की वृद्धि देश में दर्ज हुई है.

इसलिए इन संख्याओं को देखते हुए खरीफ फसलों पर COVID -19 का कोई प्रभाव नहीं है. इस साल बेहतर बारिश ने भी किसानों की मदद की है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, 2020 के दौरान अच्छे दक्षिण पश्चिम मानसून के पूर्वानुमान के बाद सरकार ने फसलों की समय पर बुवाई सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए. कृषि मंत्रालय ने आवश्यकता के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उर्वरक के समय पर वितरण की व्यवस्था की जिससे खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई की प्रक्रिया में मदद मिली.

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