नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि वह म्यांमार की नौसेना को किलो श्रेणी की एक पनडुब्बी देगा. क्षेत्र में चीन द्वारा अपने सैन्य प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के बीच भारत ने यह कदम उठाया है.
म्यांमार की नौसेना के लिए यह पहली पनडुब्बी होगी, जो पिछले कुछ वर्षों से भारतीय नौसेना के साथ संबंधों को प्रगाढ़ कर रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा कि म्यामांर के साथ मजबूत हो रहे संबंधों के तहत समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है. इस परिप्रेक्ष्य में भारत म्यामांर की नौसैना को किलो श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुवीर की आपूर्ति करेगा.
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की दो दिवसीय म्यांमार यात्रा के कुछ दिनों बाद ही यह घोषणा की गई है. यात्रा में उन्होंने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची सहित देश के शीर्ष सैन्य एवं राजनीतिक नेताओं से वार्ता की.
श्रीवास्तव ने कहा कि हम समझते हैं कि यह म्यांमार की नौसेना के लिए पहली पनडुब्बी होगी. यह हमारे विजन सागर क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और वृद्धि, के मुताबिक है. साथ ही अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ क्षमता निर्माण एवं आत्मनिर्भर होने की प्रतिबद्धता के अनुकूल कदम है.
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म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में एक है और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के साथ इसकी 1640 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.
पिछले कुछ वर्षों से दोनों देश समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूती देने में लगे हुए हैं. किलो श्रेणी डीजल-इलेक्ट्रिक आक्रमण पनडुब्बी है जिसका पूर्ववर्ती सोवियत संघ में डिजाइन और निर्माण किया गया था.