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पैंगोंग इलाके में भारत की स्थिति मजबूत, सेना ने अपनाई आक्रामक नीति - india china talk over lac

भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री की बैठक को लेकर आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी 'दुस्साहस' से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.'

india strong hold in south coastal area of pangong tso
भारत ने पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय इलाके में अपनी उपस्थिति और मजबूत की : सूत्र
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Published : Sep 2, 2020, 7:02 AM IST

Updated : Sep 2, 2020, 12:04 PM IST

नई दिल्ली : चीन द्वारा पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय इलाके में यथास्थिति बदलने के ताजा प्रयास के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी 'दुस्साहस' से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.'

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पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय इलाके की स्थिति

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अतिरिक्त सैनिकों के साथ ही टैंकों की तैनाती करके पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय क्षेत्र के आसपास अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है.

एक सूत्र ने कहा, 'भारतीय सेना अब पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट के पास की सभी रणनीतिक पर्वत उंचाइयों पर हावी है.' उन्होंने बताया कि बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल थे.

थल सेना प्रमुख नरवणे ने बैठक में मौजूदा स्थिति, सेना की परिचालन तैयारियों और सर्दियों के महीनों में कर्मियों एवं हथियारों की मौजूदा स्थिति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी.

यह भी पढ़ें :

इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीनी पक्ष ने उन बातों की अनदेखी की जिन पर पहले सहमति बनी थी और 29 अगस्त एवं 30 अगस्त की देर रात को उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई के जरिये दक्षिणी तटीय इलाकों में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया .

इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'जैसा कि भारतीय सेना ने कल बताया, भारतीय पक्ष ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता एवं अपने हितों की रक्षा के लिये वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब दिया और उचित रक्षात्मक कदम उठाए.'

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष ने सोमवार को एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे . उन्होंने कहा, ' समय पर की गई रक्षात्मक कार्रवाई के कारण भारतीय पक्ष एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयास को रोकने में सफल रहे . '

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि साल की शुरुआत से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी पक्ष का व्यवहार और कार्रवाई स्पष्ट रूप से द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकाल का 'स्पष्ट उल्लंघन' है.

नई दिल्ली : चीन द्वारा पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय इलाके में यथास्थिति बदलने के ताजा प्रयास के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी 'दुस्साहस' से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.'

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पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय इलाके की स्थिति

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अतिरिक्त सैनिकों के साथ ही टैंकों की तैनाती करके पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तटीय क्षेत्र के आसपास अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है.

एक सूत्र ने कहा, 'भारतीय सेना अब पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट के पास की सभी रणनीतिक पर्वत उंचाइयों पर हावी है.' उन्होंने बताया कि बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल थे.

थल सेना प्रमुख नरवणे ने बैठक में मौजूदा स्थिति, सेना की परिचालन तैयारियों और सर्दियों के महीनों में कर्मियों एवं हथियारों की मौजूदा स्थिति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी.

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इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीनी पक्ष ने उन बातों की अनदेखी की जिन पर पहले सहमति बनी थी और 29 अगस्त एवं 30 अगस्त की देर रात को उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई के जरिये दक्षिणी तटीय इलाकों में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया .

इस मुद्दे पर मीडिया के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'जैसा कि भारतीय सेना ने कल बताया, भारतीय पक्ष ने अपनी क्षेत्रीय अखंडता एवं अपने हितों की रक्षा के लिये वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब दिया और उचित रक्षात्मक कदम उठाए.'

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष ने सोमवार को एक बार फिर उकसावे वाली कार्रवाई की जब स्थिति सामान्य करने के लिए कमांडर चर्चा कर रहे थे . उन्होंने कहा, ' समय पर की गई रक्षात्मक कार्रवाई के कारण भारतीय पक्ष एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयास को रोकने में सफल रहे . '

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि साल की शुरुआत से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी पक्ष का व्यवहार और कार्रवाई स्पष्ट रूप से द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकाल का 'स्पष्ट उल्लंघन' है.

Last Updated : Sep 2, 2020, 12:04 PM IST
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