ETV Bharat / bharat

1959 में एलएसी की हुई एकतरफा परिभाषा कभी स्वीकार नहीं : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कहा, 'भारत उम्मीद करता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की कोई अपुष्ट एकतरफा व्याख्या करने से बचेगा.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव
author img

By

Published : Sep 29, 2020, 6:35 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 11:10 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने कभी भी 1959 में एक तरफा रूप से परिभाषित की गई तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्वीकार नहीं किया, यह रुख लगातार बरकरार रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्त्व ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की कोशिश करते रहे चीन ने यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की.

उन्होंने चीन के इस दृष्टिकोण को खारिज किया और कहा कि बीजिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की अवधारणा पर 1959 के अपने रुख को मानता है. भारत ने साथ ही कहा कि पड़ोसी देश तथाकथित सीमा की 'अपुष्ट एकतरफा' व्याख्या करने से बचे.

भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते हुए, जिसमें दोनों पक्षों ने एलएसी को लेकर आम सहमति बनाने के लिए स्पष्टीकरण और पुष्टि के लिए प्रतिबद्धता जताई है.

श्रीवास्तव ने कहा कि वास्तव में दोनों पक्ष 2003 तक एलएसी को स्पष्ट और पुष्टि करने की कवायद में लगे हुए थे, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई, क्योंकि चीनी पक्ष ने इसे आगे बढ़ाने को लेकर इच्छा नहीं जताई.

श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय पक्ष ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया है. जैसा की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में संसद में कहा था, चीनी पक्ष ने पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न भागों में एलएसी का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया था.

प्रवक्ता ने कहा कि बीते कुछ महीनों में चीनी पक्ष को बार-बार बताया गया है कि सीमा क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार सुलझाना चाहिए.

पढ़ें-कांग्रेस से राजद की अपील- जिद छोड़ो, कर लो समझौता

विदेश मंत्रालय और उसके चीनी समकक्ष के बीच 10 सितंबर को हुए समझौते में, चीनी पक्ष ने सभी मौजूदा समझौतों का पालन करने की प्रति प्रतिबद्धता दोहराई.

गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले भी चीन के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग एलएसी की अवधारणा के बारे में 1959 के अपने रुख को मानता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने कभी भी 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्वीकार नहीं किया है. यह स्थिति बरकरार रही है और चीनी पक्ष सहित सभी इस बारे में जानते हैं.

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने कभी भी 1959 में एक तरफा रूप से परिभाषित की गई तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्वीकार नहीं किया, यह रुख लगातार बरकरार रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्त्व ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न हिस्सों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की कोशिश करते रहे चीन ने यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की.

उन्होंने चीन के इस दृष्टिकोण को खारिज किया और कहा कि बीजिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की अवधारणा पर 1959 के अपने रुख को मानता है. भारत ने साथ ही कहा कि पड़ोसी देश तथाकथित सीमा की 'अपुष्ट एकतरफा' व्याख्या करने से बचे.

भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते हुए, जिसमें दोनों पक्षों ने एलएसी को लेकर आम सहमति बनाने के लिए स्पष्टीकरण और पुष्टि के लिए प्रतिबद्धता जताई है.

श्रीवास्तव ने कहा कि वास्तव में दोनों पक्ष 2003 तक एलएसी को स्पष्ट और पुष्टि करने की कवायद में लगे हुए थे, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई, क्योंकि चीनी पक्ष ने इसे आगे बढ़ाने को लेकर इच्छा नहीं जताई.

श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय पक्ष ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया है. जैसा की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में संसद में कहा था, चीनी पक्ष ने पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न भागों में एलएसी का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया था.

प्रवक्ता ने कहा कि बीते कुछ महीनों में चीनी पक्ष को बार-बार बताया गया है कि सीमा क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार सुलझाना चाहिए.

पढ़ें-कांग्रेस से राजद की अपील- जिद छोड़ो, कर लो समझौता

विदेश मंत्रालय और उसके चीनी समकक्ष के बीच 10 सितंबर को हुए समझौते में, चीनी पक्ष ने सभी मौजूदा समझौतों का पालन करने की प्रति प्रतिबद्धता दोहराई.

गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले भी चीन के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग एलएसी की अवधारणा के बारे में 1959 के अपने रुख को मानता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत ने कभी भी 1959 में एकतरफा रूप से परिभाषित तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्वीकार नहीं किया है. यह स्थिति बरकरार रही है और चीनी पक्ष सहित सभी इस बारे में जानते हैं.

Last Updated : Sep 29, 2020, 11:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.