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तीन तलाक के खिलाफ भारत की संसद से ऐतिहासिक विधेयक पारित, जानें अन्य देशों के कानून

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Published : Jul 30, 2019, 9:40 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 11:55 PM IST

तीन तलाक विधेयक पारित होने के बाद भारत तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वाले देशों में गिना जाएगा. कई ऐसे इस्लामिक देश और गैर इस्लामिक देश हैं जहां यह प्रतिबंधित हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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नई दिल्लीः30 जुलाई 2019 को राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पेश किया गया. इसके बाद विधेयक सदन में पारित हो गया. विधेयक के पक्ष में 99 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 84 वोट पड़े. बता दें, यह विधेयक लोकसभा में 26 जुलाई को ही पास हो चुका था. इस विधेयक को पारित करने के बाद तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वाले 20 से ज्यादा देशो में भारत भी शामिल हो गया है.

दुनिया भर में कई ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक प्रतिबंधित है. जानिए कहां कैसा है प्रावधान.

इस्लामिक देश जहां तीन तलाक प्रतिबंधित हैः

मिस्र
1929 में कुरान की व्याख्या के अनुसार अपनी तलाक प्रणाली में सुधार करने वाला यह पहला देश था. तीन बार में तालक की घोषणा करना अस्वीकार्य है.

पाकिस्तान
1961 में मुस्लिम परिवार कानून अध्यादेश जारी करने के बाद पाकिस्तान में तीन तालक को समाप्त कर दिया गया था.

ट्यूनीशिया
देश के कोड ऑफ पर्सनल स्टेटस 1956 के अनुसार, विवाह राज्य और न्यायपालिका के दायरे में आता है. इससे पति को बिना कारण बताए अपनी पत्नी को मौखिक रूप से तलाक देने की इजाजत नहीं है.

बांग्लादेश
पति और पत्नी दोनों तीन चरणों में तलाक ले सकते हैं. पहले लिखित में नोटिस देना होता है जिसके बाद माध्यस्थम् बोर्ड का सामना करना पड़ता है. 90 दिनों के बाद काजी से प्रमाणपत्र ले सकते हैं.

पढ़ें-तीन तलाक के खिलाफ बनने वाले कानून में क्या है, जानें पूरा विवरण

तुर्की
1926 में मुस्तफा केमल अतातुर्क के नेतृत्व में, इस्लाम के विवाह और तलाक के कानून को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद आधुनिक स्विस नागरिक संहिता को अपनाया गया.

इंडोनेशिया
यहां तलाक को केवल अदालत के फैसले द्वारा निष्पादित किया जा सकता है. पति-पत्नी के बीच तलाक के रूप में समझौते को तलाक नहीं माना जाएगा.

etv bharat
इंडोनेशिया का कानून

इराक
यह पहला अरब देश था जिसने शरिया अदालत की जगह पर सरकार द्वारा संचालित व्यक्तिगत स्टेटस कोर्ट को स्थापित किया था.

अलजीरिया
सुलह के प्रयास के बाद ही तलाक मिल सकता है. यहां तलाक केवल अदालत द्वारा दिया जा सकता है. बता दें सुलह की अवधि तीन महीने से अधिक नहीं हो सकती.

etv bharat
अलजीरिया का कानून

अफ़ग़ानिस्तान
यहां एक बार में तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना अमान्य है.

अन्य देश जहां तीन तलाक प्रतिबंधित है- सीरिया, जॉर्डन, मलेशिया, ब्रुनेई, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, साइप्रस, ईरान, लीबिया, सूडान, लेबनान, मोरक्को और कुवैत.

श्रीलंका
श्रीलंकन ​​विवाह और तलाक (मुस्लिम) अधिनियम 1951 के तहत अगर पति अपनी पत्नी से अलग होना चाहता है तो उसे, पुनर्विचार और सुलह के लिए प्रयास करें. इसमे काज़ी के साथ-साथ अपनी पत्नी के रिश्तेदारों, बड़ों और क्षेत्र के अन्य प्रभावशाली मुसलमानों को अपने इच्छा का नोटिस देना होगा.

नई दिल्लीः30 जुलाई 2019 को राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पेश किया गया. इसके बाद विधेयक सदन में पारित हो गया. विधेयक के पक्ष में 99 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 84 वोट पड़े. बता दें, यह विधेयक लोकसभा में 26 जुलाई को ही पास हो चुका था. इस विधेयक को पारित करने के बाद तीन तलाक को प्रतिबंधित करने वाले 20 से ज्यादा देशो में भारत भी शामिल हो गया है.

दुनिया भर में कई ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक प्रतिबंधित है. जानिए कहां कैसा है प्रावधान.

इस्लामिक देश जहां तीन तलाक प्रतिबंधित हैः

मिस्र
1929 में कुरान की व्याख्या के अनुसार अपनी तलाक प्रणाली में सुधार करने वाला यह पहला देश था. तीन बार में तालक की घोषणा करना अस्वीकार्य है.

पाकिस्तान
1961 में मुस्लिम परिवार कानून अध्यादेश जारी करने के बाद पाकिस्तान में तीन तालक को समाप्त कर दिया गया था.

ट्यूनीशिया
देश के कोड ऑफ पर्सनल स्टेटस 1956 के अनुसार, विवाह राज्य और न्यायपालिका के दायरे में आता है. इससे पति को बिना कारण बताए अपनी पत्नी को मौखिक रूप से तलाक देने की इजाजत नहीं है.

बांग्लादेश
पति और पत्नी दोनों तीन चरणों में तलाक ले सकते हैं. पहले लिखित में नोटिस देना होता है जिसके बाद माध्यस्थम् बोर्ड का सामना करना पड़ता है. 90 दिनों के बाद काजी से प्रमाणपत्र ले सकते हैं.

पढ़ें-तीन तलाक के खिलाफ बनने वाले कानून में क्या है, जानें पूरा विवरण

तुर्की
1926 में मुस्तफा केमल अतातुर्क के नेतृत्व में, इस्लाम के विवाह और तलाक के कानून को समाप्त कर दिया गया था. इसके बाद आधुनिक स्विस नागरिक संहिता को अपनाया गया.

इंडोनेशिया
यहां तलाक को केवल अदालत के फैसले द्वारा निष्पादित किया जा सकता है. पति-पत्नी के बीच तलाक के रूप में समझौते को तलाक नहीं माना जाएगा.

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इंडोनेशिया का कानून

इराक
यह पहला अरब देश था जिसने शरिया अदालत की जगह पर सरकार द्वारा संचालित व्यक्तिगत स्टेटस कोर्ट को स्थापित किया था.

अलजीरिया
सुलह के प्रयास के बाद ही तलाक मिल सकता है. यहां तलाक केवल अदालत द्वारा दिया जा सकता है. बता दें सुलह की अवधि तीन महीने से अधिक नहीं हो सकती.

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अलजीरिया का कानून

अफ़ग़ानिस्तान
यहां एक बार में तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना अमान्य है.

अन्य देश जहां तीन तलाक प्रतिबंधित है- सीरिया, जॉर्डन, मलेशिया, ब्रुनेई, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, साइप्रस, ईरान, लीबिया, सूडान, लेबनान, मोरक्को और कुवैत.

श्रीलंका
श्रीलंकन ​​विवाह और तलाक (मुस्लिम) अधिनियम 1951 के तहत अगर पति अपनी पत्नी से अलग होना चाहता है तो उसे, पुनर्विचार और सुलह के लिए प्रयास करें. इसमे काज़ी के साथ-साथ अपनी पत्नी के रिश्तेदारों, बड़ों और क्षेत्र के अन्य प्रभावशाली मुसलमानों को अपने इच्छा का नोटिस देना होगा.

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Last Updated : Jul 30, 2019, 11:55 PM IST
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