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भारत कर सकता है रूसी कोविड-19 वैक्सीन का क्लीनिकल ​​परीक्षण - कोविड 19

भारत रूसी कोविड-19 वैक्सीन (स्पुतनिक वी) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण की संभावनाएं तलाश रहा है. कोविड-19 के विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि रूसी टीके पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण सकारात्मक परिणाम दे चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर...

कोविड मामलों की संख्या भारत में अभी तक स्थिर नहीं हुई
कोविड मामलों की संख्या भारत में अभी तक स्थिर नहीं हुई
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Published : Sep 8, 2020, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : भारत देश में रूसी कोविड-19 वैक्सीन (स्पुतनिक वी) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण की संभावनाएं तलाश रहा है. कोविड-19 विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत और रूसी सरकार पिछले कुछ हफ्तों से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे मित्र देश के अधिकारियों ने हमारी वैक्सीन के विनिर्माण और चरण-III के क्लीनिकल ​​परीक्षण के लिए हमसे संपर्क किया था.

पॉल ने कहा कि रूसी टीके के निर्माण के लिए पहले ही चार घरेलू कंपनियां हमसे संपर्क कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन मामले पर भारत सरकार की रूसी सरकार के साथ काफी अच्छी बातचीत हुई है. हमारे पास नियामक प्रणाली के अनुसार विशेषज्ञता है. हम रूसी टीके से जुड़े निर्माण, परीक्षण और नियमितता के मुद्दों पर विचार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि रूसी टीके पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण सकारात्मक परिणाम देते हैं. पॉल ने स्वीकार किया कि देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों में वृद्धि हुई है. अनलॉक-4 में और अधिक मामले हो सकते हैं, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा और सावधानी बरतनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि कोविड मामलों की संख्या भारत में अभी तक स्थिर नहीं हुई है. यह संख्या अभी और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि लोगों को आगे बढ़कर अपना टेस्ट कराना चाहिए. पॉल ने उन रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें रिपोर्ट मिलती है कि लक्षण वाले लोग भी टेस्ट कराने में संकोच करते हैं, जो वायरस फैलाने का स्रोत बन जाते हैं. अगर टेस्ट किया जाएगा तो इसका उपचार भी सबसे पहले किया जाएगा.

यह एक रॉकेट साइंस नहीं है. हम हर रोज दवाइयों और अन्य तरीकों के साथ प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक नया वायरस है और यह बदलता रहता है. पॉल ने कहा कि इस स्थिति को संभालने के लिए हम अपनी रणनीति भी बदल रहे हैं. पहले हम सीमित परीक्षण करते थे, लेकिन अब बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के टेस्ट किए जा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला चरण III के लिए क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अगले सप्ताह तक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के चरण III का क्लीनिकल ​परीक्षण शुरू करेगा.

यह भी पढ़ें - देशभर में 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित, जानें राज्यवार आंकडे़

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि राज्य सरकार से कई लोग शिकायत करते रहते हैं कि लोग परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. भूषण ने कहा, "जो लोग आरटीपीसीआर टेस्ट से बचकर भागते हैं, वह वायरस फैला रहे हैं. देश में अब तक पांच करोड़ से अधिक परीक्षण किए गए हैं और सप्ताह में 10 लाख से अधिक परीक्षण किए गए हैं.

नई दिल्ली : भारत देश में रूसी कोविड-19 वैक्सीन (स्पुतनिक वी) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ​​परीक्षण की संभावनाएं तलाश रहा है. कोविड-19 विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत और रूसी सरकार पिछले कुछ हफ्तों से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे मित्र देश के अधिकारियों ने हमारी वैक्सीन के विनिर्माण और चरण-III के क्लीनिकल ​​परीक्षण के लिए हमसे संपर्क किया था.

पॉल ने कहा कि रूसी टीके के निर्माण के लिए पहले ही चार घरेलू कंपनियां हमसे संपर्क कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन मामले पर भारत सरकार की रूसी सरकार के साथ काफी अच्छी बातचीत हुई है. हमारे पास नियामक प्रणाली के अनुसार विशेषज्ञता है. हम रूसी टीके से जुड़े निर्माण, परीक्षण और नियमितता के मुद्दों पर विचार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि रूसी टीके पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण सकारात्मक परिणाम देते हैं. पॉल ने स्वीकार किया कि देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों में वृद्धि हुई है. अनलॉक-4 में और अधिक मामले हो सकते हैं, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा और सावधानी बरतनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि कोविड मामलों की संख्या भारत में अभी तक स्थिर नहीं हुई है. यह संख्या अभी और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि लोगों को आगे बढ़कर अपना टेस्ट कराना चाहिए. पॉल ने उन रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें रिपोर्ट मिलती है कि लक्षण वाले लोग भी टेस्ट कराने में संकोच करते हैं, जो वायरस फैलाने का स्रोत बन जाते हैं. अगर टेस्ट किया जाएगा तो इसका उपचार भी सबसे पहले किया जाएगा.

यह एक रॉकेट साइंस नहीं है. हम हर रोज दवाइयों और अन्य तरीकों के साथ प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक नया वायरस है और यह बदलता रहता है. पॉल ने कहा कि इस स्थिति को संभालने के लिए हम अपनी रणनीति भी बदल रहे हैं. पहले हम सीमित परीक्षण करते थे, लेकिन अब बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के टेस्ट किए जा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला चरण III के लिए क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अगले सप्ताह तक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के चरण III का क्लीनिकल ​परीक्षण शुरू करेगा.

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स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि राज्य सरकार से कई लोग शिकायत करते रहते हैं कि लोग परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. भूषण ने कहा, "जो लोग आरटीपीसीआर टेस्ट से बचकर भागते हैं, वह वायरस फैला रहे हैं. देश में अब तक पांच करोड़ से अधिक परीक्षण किए गए हैं और सप्ताह में 10 लाख से अधिक परीक्षण किए गए हैं.

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