नई दिल्लीः भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी साझा करने समेत कई क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने का संकल्प सोमवार को व्यक्त किया. दोनों सामुद्रिक पड़ोसी अपनी सुरक्षा साझेदारी को नई गति देने की दिशा में प्रयासरत हैं. अधिकारियों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष जनरल प्राबोवो सुबियांतो के बीच हुई बातचीत के दौरान रक्षा और सैन्य संबंधों को और विस्तार देने के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा हुई.
इंडोनेशिया भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को कितना महत्व देता है यह इसी बात से परिलक्षित है कि सुबियांतो कोरोना वायरस महामारी के बावजूद रविवार को यहां बातचीत के लिये पहुंचे.
सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा इंडोनेशिया को ब्राह्मोस क्रूज मिसाइल का संभावित निर्यात और नौवहन सुरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के मुद्दे पर वार्ता में मुख्य रूप से चर्चा हुई.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने परस्पर सहमति वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर एक राय व्यक्त की. दोनों देशों ने रक्षा उद्योग और रक्षा प्रौद्योगिकी की पहचान सहयोग के संभावित क्षेत्रों के तौर पर की है.
बयान में कहा गया कि सिंह और सुबियांतो ने इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजूबत करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. मंत्रालय ने और विवरण दिये बिना कहा कि यह बैठक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के दायरे को और मजबूत व व्यापक बनाने की प्रतिबद्धता के साथ सकारात्मक रूप से संपन्न हुई.
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यह माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख और दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख का मामला भी इस बातचीत में उठा हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई.
बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार भी शामिल थे. रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत व इंडोनेशिया का मजबूत सहयोग तंत्र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2018 में हुई इंडोनेशिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक नया रक्षा सहयोग करार भी हुआ था.