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यूएनएचआरसी में पाक को जवाब : जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा - जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बुधवार को जिनेवा में हुई बैठक में एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.

विकास स्वरूप
विकास स्वरूप
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Published : Feb 26, 2020, 5:39 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 3:52 PM IST

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बुधवार को जिनेवा में हुई बैठक में एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी.

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में 24 फरवरी से 20 मार्च तक आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया.

विकास स्वरूप ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की, जो आतंकवादियों को निर्देश देते हैं, उन्हें नियंत्रित करते हैं, उनका वित्त पोषण करते हैं तथा उन्हें पनाह देते हैं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर उसके पड़ोसी आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हैं.

पढ़ें : पाकिस्तान का आरोप- कश्मीरियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा भारत

स्वरूप की यह टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा एक दिन पहले की गई टिप्पणी के जवाब में आई है. मंगलवार को पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने आरोप लगाया था कि भारत कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और उन्होंने भारत द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को उठाए सभी कदमों को तत्काल वापस लेने की मांग की.

गौरतलब है कि भारत ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

जिनेवा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बुधवार को जिनेवा में हुई बैठक में एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी.

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में 24 फरवरी से 20 मार्च तक आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया.

विकास स्वरूप ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की अपील की, जो आतंकवादियों को निर्देश देते हैं, उन्हें नियंत्रित करते हैं, उनका वित्त पोषण करते हैं तथा उन्हें पनाह देते हैं.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर उसके पड़ोसी आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हैं.

पढ़ें : पाकिस्तान का आरोप- कश्मीरियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा भारत

स्वरूप की यह टिप्पणी पाकिस्तान द्वारा एक दिन पहले की गई टिप्पणी के जवाब में आई है. मंगलवार को पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने आरोप लगाया था कि भारत कश्मीरी लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और उन्होंने भारत द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को उठाए सभी कदमों को तत्काल वापस लेने की मांग की.

गौरतलब है कि भारत ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था.

Last Updated : Mar 2, 2020, 3:52 PM IST

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