नई दिल्ली : सरकार ने बाघ संरक्षण के प्रयासों की सफलता का हवाला देते हुए संसद में सोमवार को बताया कि देश में बाघों की अनुमानित संख्या दो हजार 967 हो गई है और यह दुनियाभर में मौजूद बाघों की संख्या का तीन चौथाई है.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया, 'हमें भारत में विश्व के 75 प्रतिशत बाघ मौजूद होने का गौरव प्राप्त है. बाघों को संरक्षित करने के लिए देश में 50 बाघ रिजर्व स्थापित किए हैं.'
जावड़ेकर ने बताया कि देश में बाघों की स्थिति के आंकलन के लिए 2018 में पूरे किए गए चौथे चक्र के अनुसार, भारत में बाघों की अनुमानित संख्या दो हजार 967 है. देश में मौजूदा बाघ रिजर्व की स्थिति के बारे में उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अनुमोदन पर किसी राज्य में बाघ रिजर्व स्थापित किया जाता है.
इसके तहत एनटीसीए के अनुमोदन से नए बाघ रिजर्व जिन राज्यों में स्थापित किए गए उनमें ओडिशा स्थित सुनाबेदा वन्यजीव अभयारण्य, कर्नाटक में एम. एम. हिल्स वन्यजीव अभयारण्य, छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश में रातापानी वन्यजीव अभयारण्य और महाराष्ट्र में उमरेद करहांडला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं.
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उन्होंने बताया देश में सर्वाधिक छह बाघ रिजर्व महाराष्ट्र में, पांच पांच बाघ रिजर्व मध्य प्रदेश और कर्नाटक तथा असम एवं तमिलनाडु में चार-चार बाघ रिजर्व हैं.