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कुलभूषण को सशर्त काउंसलर एक्सेस PAK की चाल: पूर्व राजदूत

कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान द्वारा सशर्त काउंसलर एक्सेस का प्रस्ताव भारत ने ठुकरा दिया है. इस मसले पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुनायत ने बातचीत की है. जानें क्या है उनकी राय...

कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)
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Published : Aug 2, 2019, 10:24 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव केस में सशर्त काउंसलर एक्सेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. काउंसलर एक्सेस सहायता के दौरान पाकिस्तान ने कमरे में वीडियोग्राफी और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी का शर्त रखा है.

बता दें, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बाद कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान काउंसलर एक्सेस (कानूनी सहायता) के लिए तैयार हो गया है, लेकिन पाक ने एक शर्त रख दी है. इस मसले पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुनायत ने बातचीत में पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए त्रिगुणायत ने बताया, 'इस तरह कभी नही हुआ. मैं बहुत सारे कानूनी सहायता के दौरान मौजूद रहा हूं. कोई भी सभ्य सरकार ऐसी सुविधा देती है. बंदी से उसके स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को मिलकर जानतें हैं. पाकिस्तान अपनी तरफ से मुश्किलें पैदा करके पाक साफ निकलना चाहता है.'

सशर्त काउंसलर एक्सेस पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की राय

पूर्व नौकरशाह ने कहा, 'पाकिस्तान को 17 जुलाई के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का आदेश नहीं भूलना चाहिए, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अदालत के मृत्युदंड का फैसला निरस्त कर दिया था.'

पढ़ें- कुलभूषण जाधव: ICJ के फैसले से देश में खुशी की लहर

बकौल त्रिगुणायत ICJ ने पाक को वियना-संधि के तहत कानूनी सहायता देने के लिए भी बोला है. पाकिस्तान इस आदेश को पालन करने के लिए बाध्य है.

नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव केस में सशर्त काउंसलर एक्सेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. काउंसलर एक्सेस सहायता के दौरान पाकिस्तान ने कमरे में वीडियोग्राफी और सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी का शर्त रखा है.

बता दें, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बाद कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान काउंसलर एक्सेस (कानूनी सहायता) के लिए तैयार हो गया है, लेकिन पाक ने एक शर्त रख दी है. इस मसले पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुनायत ने बातचीत में पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए त्रिगुणायत ने बताया, 'इस तरह कभी नही हुआ. मैं बहुत सारे कानूनी सहायता के दौरान मौजूद रहा हूं. कोई भी सभ्य सरकार ऐसी सुविधा देती है. बंदी से उसके स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को मिलकर जानतें हैं. पाकिस्तान अपनी तरफ से मुश्किलें पैदा करके पाक साफ निकलना चाहता है.'

सशर्त काउंसलर एक्सेस पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत की राय

पूर्व नौकरशाह ने कहा, 'पाकिस्तान को 17 जुलाई के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का आदेश नहीं भूलना चाहिए, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अदालत के मृत्युदंड का फैसला निरस्त कर दिया था.'

पढ़ें- कुलभूषण जाधव: ICJ के फैसले से देश में खुशी की लहर

बकौल त्रिगुणायत ICJ ने पाक को वियना-संधि के तहत कानूनी सहायता देने के लिए भी बोला है. पाकिस्तान इस आदेश को पालन करने के लिए बाध्य है.

Intro:India has rejected the partial consular access proposed by Pakistan government for Kulbhushan. It has asked Pakistan to provide unimpeded consular access to Jadhav free from the fear of intimidation reprisal.


Body:India's denial came in the backdrop of conditions levied by Pakistan which talked about the videography of the entire event and presence of security official in the same room.

Discussing in detail about India's move, former ambassador Anil Trigunayat blamed Pakistan for being difficult.

He said, ' it is never done like that normally. I have attended many consular access cases. You go there and ask the person about his health and his needs. Most of the civilized governments do that. They are trying be difficult and safe from their end.'


Conclusion:Reminding Pakistan about the ICJ ruling which came on July 17 asking Pakistan to suspend death sentence given to India's former navy officer Kulbhushan Jadhav by Pakistan's Military court and granting him consular as stated in the Vienna convention, the former diplomat said that Pakistan is obliged to follow it.

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