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भारत ने म्यांमार को दिए 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों के दस्तावेज, जानें मकसद - pre fabric house

भारत और म्यांमार के बीच 2007 में सामाजिक-आर्थिक विकास के मुद्दे पर एक समझौता हुआ था. इसी के तहत भारत ने म्यांमार सरकार को 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों से संबंधित दस्तावेज सौंप दिए हैं. जानें पूरा विवरण

प्री-फैब्रिकेटेड घर प्री-फैब्रिकेटेड घर ( सौ. @MEAIndia)
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Published : Jul 10, 2019, 5:25 PM IST

नई दिल्ली: अपनी वादे को पूरा करते हुए, भारत ने म्यांमार सरकार को 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों से संबंधित दस्तावेज सौंपे दिए हैं. इन घरों को बांग्लादेश से विस्थापित हुए लोगों को आवंटित किया जाएगा. ये घर राखीन राज्य विकास कार्यक्रम (RSDP ) के तहत बनाए गए हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने माउंग में आयोजित एक समारोह में रखाइन राज्य सरकार के बिजली, उद्योग और परिवहन मंत्री को यू-आंग काव जान को प्री-फैब्रिकेटेड हुए मकानों से संबंधित दस्तावेज सौंपे.

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प्री-फैब्रिकेटेड घरों के दस्तावेज देते सौरभ कुमार ( सौ. @MEAIndia)

गौरतलब है कि भारत और म्यांमार ने 2007 में क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए RSDP पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
RSDP के तहत 250 घरों का निर्माण इसकी पहली पहल है.

भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा है कि एक अन्य 22 प्रस्तावों में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं, निर्माण से संबंधित परियोजनाएं, कृषि मशीनीकरण परियोजनाएं और क्षमता निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं, जो वर्तमान में विचाराधीन हैं.'

पढ़ें- 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

इस मौके पर म्यांमार के सामाजिक कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री विन मायत ने भारत सरकार को उसकी सहायता के लिए धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को याद किया.

बता दें कि इससे पहले भारतीय दूतावास ने जून 2019 में सिटवे कंप्यूटर विश्वविद्यालय में उपयोग के लिए 40 कंप्यूटर और खेत क्षेत्र में उपयोग के लिए 15 ट्रैक्टर और क्रॉलर में से प्रत्येक को राखीन राज्य को सौंपा था.

नई दिल्ली: अपनी वादे को पूरा करते हुए, भारत ने म्यांमार सरकार को 250 प्री-फैब्रिकेटेड घरों से संबंधित दस्तावेज सौंपे दिए हैं. इन घरों को बांग्लादेश से विस्थापित हुए लोगों को आवंटित किया जाएगा. ये घर राखीन राज्य विकास कार्यक्रम (RSDP ) के तहत बनाए गए हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

भारत के राजदूत सौरभ कुमार ने माउंग में आयोजित एक समारोह में रखाइन राज्य सरकार के बिजली, उद्योग और परिवहन मंत्री को यू-आंग काव जान को प्री-फैब्रिकेटेड हुए मकानों से संबंधित दस्तावेज सौंपे.

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प्री-फैब्रिकेटेड घरों के दस्तावेज देते सौरभ कुमार ( सौ. @MEAIndia)

गौरतलब है कि भारत और म्यांमार ने 2007 में क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए RSDP पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे.
RSDP के तहत 250 घरों का निर्माण इसकी पहली पहल है.

भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा है कि एक अन्य 22 प्रस्तावों में सौर ऊर्जा से संबंधित परियोजनाएं, निर्माण से संबंधित परियोजनाएं, कृषि मशीनीकरण परियोजनाएं और क्षमता निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं, जो वर्तमान में विचाराधीन हैं.'

पढ़ें- 'म्यांमार की सरकार रोहिंग्याओं को वापस लेने नहीं जा रही'

इस मौके पर म्यांमार के सामाजिक कल्याण, राहत और पुनर्वास मंत्री विन मायत ने भारत सरकार को उसकी सहायता के लिए धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को याद किया.

बता दें कि इससे पहले भारतीय दूतावास ने जून 2019 में सिटवे कंप्यूटर विश्वविद्यालय में उपयोग के लिए 40 कंप्यूटर और खेत क्षेत्र में उपयोग के लिए 15 ट्रैक्टर और क्रॉलर में से प्रत्येक को राखीन राज्य को सौंपा था.

Intro:Fulfilling its commitment, India has handed over documents related to 250 pre-fabricated houses to government of Myanmar. These houses will be alloted to displaced returnees from Bangladesh. They are built under Rakhine State Development Programme.


Body:The documents of the pre-fabricated houses were handed over to Rakhine State government's Minister of Electricity and Transportation U Aung Kyaw Zan by Indian Ambassador to Myanmar Saurabh Kumar.

Both India and Myanmar governments signed an MoU in 2017. In which India aimed to contribute to the socio-economic development of the area.


Conclusion:The construction of 250 houses was the first initiative under the Rakhine State Development Programme. Government of India has submitted 22 more proposals which includes solar power related projects, construction related projects, agriculture mechanisation projects and capacity building projects which are under consideration.
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