नई दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीन से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. इसी कड़ी में तनाव को लेकर हिमाचल प्रदेश को अलर्ट पर रखा गया है.
हिमाचल पुलिस ने कहा कि किन्नौर और लाहौल-स्पीति के जिलों को अलर्ट जारी किया गया है, जो चीन की सीमा पर है. अलर्ट के कारण को लेकर पुलिस ने कहा कि स्थानीय आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य की कार्रवाई की योजना बनाने के लिए ऐसा किया गया है.
चीन की सीमा से लगे इलाकों में अलर्ट जारी करने का मकसद खुफिया जानकारी एकत्र किया जाना भी है. हिमाचल पुलिस के अधिकारी खुशाल शर्मा ने कहा कि इस संबंध में सभी राज्य खुफिया इकाइयों को भी अलर्ट कर दिया गया है.
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पुलिस अधीक्षक खुशाल शर्मा ने कहा, 'लद्दाख सेक्टर में चीन और भारतीय सेना के पीएलए के बीच हालिया फेस-ऑफ को देखते हुए, किन्नौर और लाहुल-स्पीति जिलों को अलर्ट और एक सलाह जारी की गई है.' उन्होंने बताया कि स्थानीय आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जा सकें, इस मकसद से अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि खुफिया जानकारी भी एकत्र की जाएगी ताकि कार्रवाई के भविष्य की योजना बनाई जा सके.
उत्तराखंड में भी बढ़ाई गई सतर्कता
हिमाचल के अलावा उत्तराखंड के चमोली में भी भारतीय सेना ने सतर्कता बढ़ा दी है. भारत-चीन सीमा उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी है. भारत-चीन सीमा विवाद के बीच बीआरओ उत्तराखंड में उस सड़क के काम को पूरा करने के लिए तैयार हो चुका है जो भारत-चीन बॉर्डर के करीब है और रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहमियत रखती है.
वहीं, बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने चमोली से लगते भारत-चीन सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है और उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रही है. वहीं, अनलॉक-1 के दौरान चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों के चुगान की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दिया है.
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चमोली में पिछले तीन-चार दिनों से सेना की टुकड़ियां लगातार भारत-चीन सीमा की तरफ जा रही हैं. सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर पोस्ट पर सैनिकों की संख्या बढ़ाते हुए सैन्य अभ्यास भी किया जाएगा. चीन कई बार चमोली जिले से लगे सीमा क्षेत्र बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है. जिसके बाद सेना और आईटीबीपी अलर्ट हो गई है.
आपको बता दें कि चमोली जिले में माणा, नीति, मलारी और बाड़ाहोती घाटी की दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. आईटीबीपी के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं. माणा में सेना और आईटीबीपी की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर आईटीबीपी की फॉरवर्ड पोस्ट है.
बाड़ाहोती इलाके में कब-कब हुई चीन की घुसपैठ
- 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलीकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे.
- 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे.
- 2016 में सीमा के नजदीक इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था.
- 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे.
- 25 जुलाई वर्ष 2017 को सीमा क्षेत्र में चीनी सेना के 200 जवान भारतीय सीमा में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
- 10 मार्च 2018 को बाड़ाहोती में चीनी सेना के तीन हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आए.
- जुलाई 2018 में चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए थे, तब भारतीय सेना ने उन्हें खदेड़ा था.
क्या है पूरा मामला
पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि शहीदों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि कई जवान बुरी तरह घायल हैं.
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भारतीय सेना ने मंगलवार रात को जारी बयान में कहा, 'संघर्ष वाली जगह पर बुरी तरह घायल होने और शून्य से नीचे के तापमान की वजह से 17 घायल जवान शहीद हो गए, जिससे अब तक संघर्ष में शहीद होने वाले कुल जवानों की संख्या 20 हो गई.'
सेना ने कहा कि भारतीय और चीनी सेना में उस जगह झड़प हो गई, जहां दोनों सेनाएं 15 और 16 जून को आमने-सामने आ गए थे.
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झड़प की जगह पर चीनी सेना ने भारतीय सेना की छोटी टुकड़ी पर हमला किया जो कि उस समय गश्त पर थे. इसमें कमांडिंग आफिसर के साथ ही कई जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए.