नई दिल्ली : चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) के पास के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सैन्य, राजनयिक और विशेष प्रतिनिधि स्तरों पर चल रही बातचीत के बावजूद दो एशियाई दिग्गजों के राजनीतिक नेतृत्व के बीच 'माइंड गेम' खेला जा रहा है.
शुक्रवार को रक्षा मंत्री सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर चलते हुए पैंगोंग त्सो के पश्चिमी तट पर लुंगुंग में सैनिकों के मनोबल बढ़ाने के लिए फिंगर चार से लगभग 40 किलो मीटर दूर, जहां दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई थी, चीन का नाम लिए बिना सेना को संबोधित किया.
बता दें कि बीती तीन जुलाई को पीएम मोदी ने अचानक निमू की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने सेना को संबोधित किया. हालांकि पीएम ने अपने संबोधन के दौरान एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया. यह तथ्य एक सुनियोजित प्रतिक्रिया हो सकती है, क्योंकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प को लेकर दिए बयानों में एक बार भी भारत का नाम नहीं लिया था. न ही शी ने इस बात का खुलासा किया है कि वह भारत-चीन की तनाव और डी-एस्केलेशन वार्ता के बारे में क्या सोचते हैं.
शायद इसीलिए रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस मुद्दे को हल किया जाना चाहिए. हालांकि यह कब तक हल होगा मैं इसकी गारंटी नहीं ले सकता, लेकिन राजनीतिक-कूटनीतिक संकल्प पर भारतीय राजनीतिक नेतृत्व सामने आया है.
शांति पर ध्यान देते हुए सिंह ने कहा, भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने न तो किसी अन्य देश पर हमला किया है और न ही एक इंच विदेशी क्षेत्र पर कब्जा किया है. हम शांति चाहते हैं.' इसका सख्ती से पालन किया जाए. धरती पर कोई भी ताकत भारत के क्षेत्र का एक इंच भी नहीं छू सकती है.'
संक्षेप में भारतीय राजनीतिक नेतृत्व का रुख टकराव की किसी भी संभावना से बचने पर है. न ही गलवान वैली में विस्थापन चालों की कोई अंतिमता है, न पैंगॉन्ग झील में, न ही गोगरा और न ही हॉट स्प्रिंग्स क्योंकि इन चालों की प्रकृति अब केवल आंखों में आंखे डालने से बचने और गर्म टेंपर्स को ठंडा करने के लिए है.
अंतिम रूप से चीनी राजनीतिक नेतृत्व के आश्वासन के साथ ही मुहर लगाई जाएगी.
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एलएसी की यात्रा करने के बाद रक्षा मंत्री ने शुक्रवार दोपहर श्रीनगर के लिए उड़ान भरी, जहां उन्हें आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर काउंटर-इन्सर्जेंसी ऑपरेशनल मुद्दों पर चिनार कॉर्प्स कमांडर और एलओसी स्थिति के अलावा व्यवस्थाओं के लिए उपराज्यपाल के साथ समीक्षा बैठक करने के लिए रवाना किया जाएगा.
शुक्रवार की सुबह सिंह ने लद्दाख स्काउट्स के लद्दाखी सैनिकों द्वारा एक विशेष हमले की कवायद देखी, जिससे न केवल देश में बल्कि दुनियाभर में सबसे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकुओं में गिना जाता है.
यह उन लोगों में से हैं, जो शायद भारत को पर्वतीय योद्धाओं में से सबसे बड़ा देश और सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं.