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गुजरात के अलंग बंदरगाह पर हुई आईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग - INS Viraat at alang port in gujarat

भारतीय नौसेना के अलेक्जेंडर के रूप में जाने वाले आईएनएस विराट को गुजरात के भावनगर जिले में आज अंतिम विदाई दी गई. अलंग शिपब्रेकिंग यार्ड में आज समुद्र तट पर रखे जाने के बाद दोपहर करीब जब साढ़े 12 बजे विराट की शिपब्रेकिंग की गई. आईएनएस विराट की शिपब्रेकिंग पूर्ण ज्वार के बाद की गई.

आईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग
आईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग
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Published : Sep 28, 2020, 2:40 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 9:50 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के अलंग बंदरगाह पर आज आईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग की गई. एक संक्षिप्त समारोह में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे. सोमवार दोपहर करीब 12.30 बजे ज्वार शुरू होने के बाद आईएनएस विराट को भारत ने अलविदा कह दिया. इस कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह चूडास्मा भी मौजूद रहे. अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड में देश का सबसे बड़ा यार्ड है, यहां सभी पुराने जहाजों को तोड़ा जाता है.

पोत परिवहन मंत्री मनसुख मंडाविया ने यहां इस युद्धपोत को विदाई देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'इस ऐतिहासिक युद्धपोत ने 11 लाख किलोमीटर की यात्रा की है. यह पृथ्वी के 27 चक्कर लगाने के बराबर है.

उन्होंने कहा, 'आज मैं अलंग में आईएनएस विराट को सम्मान के साथ विदाई दे रहा हूं. आईएनएस विराट ने हमारे देश को 30 साल तक शानदार तरीके से सेवा दी है. आज यह युद्धपोत अलंग में रिसाइक्लिंग के लिए अपनी अंतिम यात्रा पर निकल रहा है.'

ईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग

नौसेना के इस गौरव ने पांच नौसनाध्यक्षों सहित 40 ध्वज अधिकारियों को अपनी सेवाओं के जरिये तैयार किया है.

मंत्री ने बताया कि कोचीन शिपयार्ड एक और विशाल युद्धपोत बना रहा है. उन्होंने कहा कि आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन हम इस योजना को अमलीजामा नहीं पहना सके. 'एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था यह एक दशक से अधिक नहीं टिक सकता.'

मंडाविया ने कहा, 'सरकार आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए 400 से 500 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार थी, लेकिन विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट अनुकूल नहीं थी. इस वजह से हम इसे आंसुओं के साथ विदाई दे रहे हैं. 'मंडाविया ने कहा कि हर साल वैश्विक स्तर पर करीब 30 प्रतिशत या 280 जहाजों को रिसाइकिल किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'अलंग ओड़िशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात और अन्य राज्यों के करीब 30,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है. इसके अलावा यह अन्य कारोबारी गतिविधियों के जरिये 3.5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तरीके से समर्थन देता है.'

आईएनएस विराट को 1959 में ब्रिटिश नौसेना में शामिल किया गया था. तब इसका नाम एचएमएस हर्मिस था. 1984 में इसे सेवानिवृत्त कर दिया गया. बाद में इसे भारत को बेचा गया। भारतीय नौसेना में इसे 12 मई, 1987 में शामिल किया गया.

आईएनएस विराट कई महत्वपूर्ण अभियानों में शामिल रहा. इनमें 'ऑपरेशन ज्यूपिटर' और 1989 में श्रीलंका में शांति बरकरार रखने का अभियान शामिल है.

इसके अलावा 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद यह ‘ऑपरेशन पराक्रम’ में भी शामिल रहा.

अधिकारियों ने बताया कि इस जहाज को 2012 में सेवानिवृत्त किया जाना था, लेकिन आईएनएस विक्रमादित्य के आने में देरी की वजह से इसे टालना पड़ा. आईएनएस विक्रमादित्य को 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.

अंतत: आईएनएस विराट को छह मार्च, 2017 को सेवानिवृत्त किया गया.

पढ़ें - बंगाल की खाड़ी में मालवाहक जहाज के कंटेनर में आग लगी

आईएनएस अलंग को पहले 'एचएमएस हर्मिस' के रूप में जाना जाता था. इसने नवंबर, 1959 से अप्रैल, 1984 तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी. एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा की गई एक नीलामी में इस जहाज को गुजरात के श्रीराम ग्रीन शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा 38.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया था.

आईएनएस विराट ने तत्कालीन ब्रिटेन निर्मित जहाज ने 22,58 दिनों तक समुद्र में रहकर भारतीय नौसेना की सेवा की और 590,000 समुद्री मील और 22,622 घंटे देश की सेवा में उड़ान संचालको कवर किया.

साल 1974 में ब्रिटिश सिंहासन के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ने 'एचएमएस हर्मिस' पर सवार 845 नेवल एयर स्क्वाड्रन उड़ाए थे

इससे पहले विगत 18-19 सितंबर को भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विराट सेवानिवृत्त होने के बाद गुजरात में अलंग बंदरगाह के लिए अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हुआ था.

अहमदाबाद : गुजरात के अलंग बंदरगाह पर आज आईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग की गई. एक संक्षिप्त समारोह में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे. सोमवार दोपहर करीब 12.30 बजे ज्वार शुरू होने के बाद आईएनएस विराट को भारत ने अलविदा कह दिया. इस कार्यक्रम में भूपेंद्र सिंह चूडास्मा भी मौजूद रहे. अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड में देश का सबसे बड़ा यार्ड है, यहां सभी पुराने जहाजों को तोड़ा जाता है.

पोत परिवहन मंत्री मनसुख मंडाविया ने यहां इस युद्धपोत को विदाई देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, 'इस ऐतिहासिक युद्धपोत ने 11 लाख किलोमीटर की यात्रा की है. यह पृथ्वी के 27 चक्कर लगाने के बराबर है.

उन्होंने कहा, 'आज मैं अलंग में आईएनएस विराट को सम्मान के साथ विदाई दे रहा हूं. आईएनएस विराट ने हमारे देश को 30 साल तक शानदार तरीके से सेवा दी है. आज यह युद्धपोत अलंग में रिसाइक्लिंग के लिए अपनी अंतिम यात्रा पर निकल रहा है.'

ईएनएस विराट की शिप ब्रेकिंग

नौसेना के इस गौरव ने पांच नौसनाध्यक्षों सहित 40 ध्वज अधिकारियों को अपनी सेवाओं के जरिये तैयार किया है.

मंत्री ने बताया कि कोचीन शिपयार्ड एक और विशाल युद्धपोत बना रहा है. उन्होंने कहा कि आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन हम इस योजना को अमलीजामा नहीं पहना सके. 'एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था यह एक दशक से अधिक नहीं टिक सकता.'

मंडाविया ने कहा, 'सरकार आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदलने के लिए 400 से 500 करोड़ रुपये तक खर्च करने को तैयार थी, लेकिन विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट अनुकूल नहीं थी. इस वजह से हम इसे आंसुओं के साथ विदाई दे रहे हैं. 'मंडाविया ने कहा कि हर साल वैश्विक स्तर पर करीब 30 प्रतिशत या 280 जहाजों को रिसाइकिल किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'अलंग ओड़िशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, गुजरात और अन्य राज्यों के करीब 30,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है. इसके अलावा यह अन्य कारोबारी गतिविधियों के जरिये 3.5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तरीके से समर्थन देता है.'

आईएनएस विराट को 1959 में ब्रिटिश नौसेना में शामिल किया गया था. तब इसका नाम एचएमएस हर्मिस था. 1984 में इसे सेवानिवृत्त कर दिया गया. बाद में इसे भारत को बेचा गया। भारतीय नौसेना में इसे 12 मई, 1987 में शामिल किया गया.

आईएनएस विराट कई महत्वपूर्ण अभियानों में शामिल रहा. इनमें 'ऑपरेशन ज्यूपिटर' और 1989 में श्रीलंका में शांति बरकरार रखने का अभियान शामिल है.

इसके अलावा 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद यह ‘ऑपरेशन पराक्रम’ में भी शामिल रहा.

अधिकारियों ने बताया कि इस जहाज को 2012 में सेवानिवृत्त किया जाना था, लेकिन आईएनएस विक्रमादित्य के आने में देरी की वजह से इसे टालना पड़ा. आईएनएस विक्रमादित्य को 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.

अंतत: आईएनएस विराट को छह मार्च, 2017 को सेवानिवृत्त किया गया.

पढ़ें - बंगाल की खाड़ी में मालवाहक जहाज के कंटेनर में आग लगी

आईएनएस अलंग को पहले 'एचएमएस हर्मिस' के रूप में जाना जाता था. इसने नवंबर, 1959 से अप्रैल, 1984 तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी. एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा की गई एक नीलामी में इस जहाज को गुजरात के श्रीराम ग्रीन शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा 38.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया था.

आईएनएस विराट ने तत्कालीन ब्रिटेन निर्मित जहाज ने 22,58 दिनों तक समुद्र में रहकर भारतीय नौसेना की सेवा की और 590,000 समुद्री मील और 22,622 घंटे देश की सेवा में उड़ान संचालको कवर किया.

साल 1974 में ब्रिटिश सिंहासन के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ने 'एचएमएस हर्मिस' पर सवार 845 नेवल एयर स्क्वाड्रन उड़ाए थे

इससे पहले विगत 18-19 सितंबर को भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विराट सेवानिवृत्त होने के बाद गुजरात में अलंग बंदरगाह के लिए अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हुआ था.

Last Updated : Sep 28, 2020, 9:50 PM IST
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