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पिछले 5 सालों में संयुक्त राष्ट्र में भारत-पाकिस्तान का यूं हुआ आमना-सामना

शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इमरान खान अपना-अपना पक्ष रखेंगे. इस दौरान दौनों नेता कई बड़े मुद्दों पर अपनी बात पेश करेंगे. पेश है ईटीवी भारत की खास पेशकश...

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Published : Sep 26, 2019, 5:50 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 2:56 AM IST

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत और पाकिस्तान फिर से आमने-सामने होंगे. शुक्रवार को भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान की ओर से इमरान खान अपना-अपना पक्ष रखेंगे.

आइए एक नजर डालते हैं कि पिछले पांच सालों में संयुक्त राष्ट्र आम सभा में दोनों देशों ने किस तरीके से अपना-अपना पक्ष रखा है.

2014- पाक पीएम नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीरी आवाम की कई पीढ़ियां कब्जे में रही हैं. उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता रहा है. जम्मू-कश्मीर का मूल मसला हल होना चाहिए.
शरीफ ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जवाबदेही है. हम कश्मीर पर पर्दा नहीं डाल सकते हैं.

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान से मित्रता और सहयोग बढ़ाने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण में द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हूं. लेकिन पाकिस्तान का भी ये कर्तव्य है कि वह भी शांतिपूर्ण तरीके से द्विपक्षीय वार्ता के लिए सामने आए.

पिछले 5 सालों में संयुक्त राष्ट्र में भारत-पाकिस्तान का आमना-सामना

2015- पाक पीएम नवाज शरीफ और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीरी आवाम की तीन पीढ़ियों ने वादों को टूटते देखा है. उन्हें ज्यादती का सामना करना पड़ा है. 10 हजार से ज्यादा मारे गए हैं.
उन्होंने कहा कि यहां पर संयुक्त राष्ट्र लगातार विफल रहा है. मैं भारत के साथ चार सूत्री शांति का प्रस्ताव रखता हूं.
वहीं सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान भारत के कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अपने अवैध कब्जे को वैध बनाने के लिए हमले करता है.

2016- नवाज शरीफ, पाक पीएम और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
पाक पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि उभरते हुए कश्मीरी नेता बुरहान वानी की भारतीय सैनिकों ने हत्या कर दी. वह कश्मीरी इंतेफादा का एक प्रमुख चेहरा था.
उन्होंने कहा कि मैं आम सभा को बताना चाहता हूं कि पाकिस्तान महासचिव से कुछ दस्तावेज साझा करना चाहता है.
शरीफ ने कहा कि इसमें मानवाधिकार उल्लंघन का सबूत है कि कैसे जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने कार्रवाई की.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं, जिनका आंतकवादियों को पालना शौक बन गया है. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे देश हैं जो बोते भी आतंकवाद हैं, उगाते भी आतंकवाद हैं, बेचते भी आतंकवाद हैं और निर्यात करते हैं तो वो भी आतंकवाद करते हैं.

ये भी पढ़ें: जानें, शिमला समझौते के बाद कैसे रहे हैं भारत-पाक संबंध

2017- पाक पीएम शाहिद खाकान अब्बासी और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि हम यूएन महासचिव और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के उच्चायुक्त से कश्मीर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की अपील करते हैं. ताकि मानवाधिकार उल्लंघन की सच्चाई का पता चल सके.
उन्होंने कहा कि इसके लिए यूएन महासचिव को कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त करना चाहिए.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान साथ-साथ आजाद हुए थे. भारत ने डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और स्कॉलर पैदा किये लेकिन पाकिस्तान ने दहशतर्गद और जिहादी पैदा किये.

2018- पाक विदेश मंत्री शाहिद महमूद कुरैशी और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
पाक विदेश मंत्री शाहिद महमूद कुरैशी ने पाक के पेशावर स्कूल में हुए हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसे कभी नहीं भूलेगा. साथ ही उन्होंने समझौता एक्सप्रेस हमले का भी जिक्र किया.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और मारने वालों की पैरवी करता है और जो मर जाते हैं उनकी मौत पर चुप्पी साध लेता है.

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत और पाकिस्तान फिर से आमने-सामने होंगे. शुक्रवार को भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान की ओर से इमरान खान अपना-अपना पक्ष रखेंगे.

आइए एक नजर डालते हैं कि पिछले पांच सालों में संयुक्त राष्ट्र आम सभा में दोनों देशों ने किस तरीके से अपना-अपना पक्ष रखा है.

2014- पाक पीएम नवाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीरी आवाम की कई पीढ़ियां कब्जे में रही हैं. उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता रहा है. जम्मू-कश्मीर का मूल मसला हल होना चाहिए.
शरीफ ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जवाबदेही है. हम कश्मीर पर पर्दा नहीं डाल सकते हैं.

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान से मित्रता और सहयोग बढ़ाने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण में द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार हूं. लेकिन पाकिस्तान का भी ये कर्तव्य है कि वह भी शांतिपूर्ण तरीके से द्विपक्षीय वार्ता के लिए सामने आए.

पिछले 5 सालों में संयुक्त राष्ट्र में भारत-पाकिस्तान का आमना-सामना

2015- पाक पीएम नवाज शरीफ और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
नवाज शरीफ ने कहा कि कश्मीरी आवाम की तीन पीढ़ियों ने वादों को टूटते देखा है. उन्हें ज्यादती का सामना करना पड़ा है. 10 हजार से ज्यादा मारे गए हैं.
उन्होंने कहा कि यहां पर संयुक्त राष्ट्र लगातार विफल रहा है. मैं भारत के साथ चार सूत्री शांति का प्रस्ताव रखता हूं.
वहीं सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान भारत के कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अपने अवैध कब्जे को वैध बनाने के लिए हमले करता है.

2016- नवाज शरीफ, पाक पीएम और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
पाक पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि उभरते हुए कश्मीरी नेता बुरहान वानी की भारतीय सैनिकों ने हत्या कर दी. वह कश्मीरी इंतेफादा का एक प्रमुख चेहरा था.
उन्होंने कहा कि मैं आम सभा को बताना चाहता हूं कि पाकिस्तान महासचिव से कुछ दस्तावेज साझा करना चाहता है.
शरीफ ने कहा कि इसमें मानवाधिकार उल्लंघन का सबूत है कि कैसे जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना ने कार्रवाई की.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि दुनिया में कुछ ऐसे देश हैं, जिनका आंतकवादियों को पालना शौक बन गया है. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे देश हैं जो बोते भी आतंकवाद हैं, उगाते भी आतंकवाद हैं, बेचते भी आतंकवाद हैं और निर्यात करते हैं तो वो भी आतंकवाद करते हैं.

ये भी पढ़ें: जानें, शिमला समझौते के बाद कैसे रहे हैं भारत-पाक संबंध

2017- पाक पीएम शाहिद खाकान अब्बासी और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि हम यूएन महासचिव और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के उच्चायुक्त से कश्मीर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की अपील करते हैं. ताकि मानवाधिकार उल्लंघन की सच्चाई का पता चल सके.
उन्होंने कहा कि इसके लिए यूएन महासचिव को कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त करना चाहिए.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और पाकिस्तान साथ-साथ आजाद हुए थे. भारत ने डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और स्कॉलर पैदा किये लेकिन पाकिस्तान ने दहशतर्गद और जिहादी पैदा किये.

2018- पाक विदेश मंत्री शाहिद महमूद कुरैशी और भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
पाक विदेश मंत्री शाहिद महमूद कुरैशी ने पाक के पेशावर स्कूल में हुए हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इसे कभी नहीं भूलेगा. साथ ही उन्होंने समझौता एक्सप्रेस हमले का भी जिक्र किया.

वहीं सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और मारने वालों की पैरवी करता है और जो मर जाते हैं उनकी मौत पर चुप्पी साध लेता है.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 2:56 AM IST
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