नई दिल्ली : भारत और चीन पूर्व लद्दाख में वास्तविक नियंत्र रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद के समाधान के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं.
इसी क्रम मंगलवार (30 जून) को भारतीय क्षेत्र चुशूल में भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता हुई. एलएसी पर प्रमुख मोर्चों से पीछे हटने और सीमा पर तनाव कम करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की यह तीसरी बैठक थी. भारत और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच 12 घंटे तक बातचीत चली. सुबह 10.30 बजे शुरू हुई बैठक मंगलवार रात के 11 बजे समाप्त हुई.
दोनों पक्षों के बीच यह बैठक चुशूल में हुई हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक, इसका कोई प्रभावी नतीजा सामने निकलकर नहीं आया है, लेकिन दोनों पक्षों ने प्राथमिकता के साथ त्वरित और चरणबद्ध तरीके से तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष के बीच 17 जून को बातचीत के दौरान हुए समझौते के तहत वार्ता की गई, जिसमें कहा गया था कि दोनों देश जिम्मेदारी के साथ समग्र स्थिति का समाधान करेंगे और दोनों पक्ष छह जून को सैन्य स्तर की बैठक में हुए सीमा से पीछे हटने के समझौते को ईमानदारी से लागू करेंगे.
दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच मंगलवार को लंबी बैठक हुई और कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक तरीके से आयोजित की गई.
बैठक में एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता उभर कर सामने आई. एलएसी पर पीछे हटने की की प्रक्रिया जटिल है और ऐसे मामलों में काल्पनिक और अप्रमाणित रिपोर्टों से बचने की आवश्यकता है.
पारस्परिक सहमति पर पहुंचने और द्विपक्षीय समझौतों व प्रोटोकॉल के अनुसार एलएसी पर शांति सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच भविष्य में सैन्य और राजनयिक स्तर पर और बैठकों की उम्मीद की जाती है.