जम्मू : जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर सांबा जिले में हाल में स्थापित किये गये सरोर टोल प्लाजा को हटाने की मांग को लेकर निजी ट्रांसपोर्टर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. ऑल जम्मू एंड कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एजेकेटीडब्ल्यूए) की ओर से 'चक्का जाम' के आह्वान पर समूचे जम्मू क्षेत्र में निजी यात्री वाहन नहीं चले. इस हड़ताल के चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया.
इससे पहले जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर अपने वाहन चलाने वाले निजी ट्रांसपोर्टर सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये थे और टोल प्लाजा की स्थापना के खिलाफ उन्होंने अपना प्रदर्शन जारी रखा.
सरकार ने इस हड़ताल के दौरान लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए राज्य पथ परिवहन निगम (एसआरटीसी) के वाहनों को विभिन्न मार्गों पर सड़क पर उतारा था. इसके बावजूद निजी यात्री वाहनों के नहीं होने की वजह से छात्रों को स्कूल जाने और कर्मचारियों को कार्यालय जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
शहर में कुछ मार्गों पर ऑटो रिक्शा का संचालन भी जारी रहा जबकि लोगों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए घंटों वाहनों का इंतजार करते तथा दूसरे वाहनों पर लिफ्ट लेते देखा गया.
राज्य प्रशासन पर 'ट्रांसपोर्टरों की वाजिब मांगों पर आंखें मूंदने' का आरोप लगाते हुए एजेकेटीडब्ल्यूए के अध्यक्ष टी.एस. वजीर ने कहा कि वे लखनपुर से कश्मीर तक 'चक्का जाम' के लिए मजबूर हुए.
वजीर ने कहा, 'एसोसिएशन ने सरोर में टोल प्लाजा को हटाने सहित यात्री ट्रांसपोर्टरों की अर्से से लंबित मांगों को पूरा करने के संबंध में सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को लेकर चुप्पी साध रखी है, जिससे वे हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए.'
एसोसिएशन नये मोटर वाहन अधिनियम को रद करने की मांग कर रही है, जिसमें नये वाहनों के पंजीकरण के लिए नौ फीसदी एक बार का कर और यातायात पुलिस का कथित उत्पीड़न खत्म करना भी शामिल है.
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सरोर टोल प्लाजा का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने 11 अक्टूबर को उद्घाटन किया था, जिस पर समाज के सभी वर्गों और भाजपा समेत राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बीजेपी ने इसे हटाने के संबंध में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को दो पृष्ठ का पत्र भी लिखा था. कांग्रेस, नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी), नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी ने भी टोल प्लाजा को तत्काल खत्म करने की मांग की है.
हालांकि एनएचएआई ने मंगलवार को अपने निर्णय का बचाव किया था और वाहनों के बिना अड़चन संचालन का लोगों को आश्वासन दिया था. फिलहाल चौथे दिन गुरुवार को भी विक्रम चौक सहित कई स्थानों पर ट्रांसपोर्टरों ने धरना-प्रदर्शन जारी रखा.