करतारपुर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा के लिए शनिवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे का उद्घाटन किया.
करतारपुर गलियारे के उद्घाटन अवसर पर भारत सहित दुनियाभर के हजारों सिख श्रद्धालु उपस्थित रहे. समारोह में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए.
इमरान खान ने करीब 12000 श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कहा, 'मेरा विश्वास कीजिए, मुझे इस जगह के महत्व का कोई अंदाजा नहीं था. मुझे एक साल पहले पता चला, गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष करतारपुर साहिब में व्यतीत किए, जो अब दुनिया का सबसे बड़ा सिख गुरुद्वारा बन गया है.'
अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान इमरान ने कश्मीर मुद्दे को उठाया और कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच 70 साल की नफरत हुई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान से भारत और पाकिस्तान की समृद्धि और आपसी विकास होगा.
इमरान ने घाटी में धारा 370 और संचार सेवाओं को समाप्त करने का जिक्र करते हुए कहा भारत को कश्मीर के लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध सुधरेंगे.
पैगंबर मुहम्मद, नेल्सन मंडेला और सूफी संतों का हवाला देते हुए, खान ने कहा कि एक सच्चा नेता हमेशा लोगों को एक साथ लाता है.
उन्होंने कहा, 'मैं सिख समुदाय को देखकर हमेशा बहुत खुश होता हूं. ईश्वर हम सभी के दिलों में बसता है. सभी दूत, जो दुनिया में आए, वे केवल दो संदेश लाए हैं, शांति और न्याय.'
इससे पहले, खान ने गुरुद्वारा दरबार साहिब की विभिन्न इकाइयों का दौरा किया और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे का स्वागत किया.
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इतना ही नहीं इस दौरान खान ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाया और बातचीत की.
इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान से कहा, 'आपने दिल जीत लिया है.'
वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले गुरदासपुर में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया, इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के खुलने के बाद दरबार साहिब गुरुद्वारे में शीश नवाना आसान होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि गलियारे के खुलने और एकीकृत चेक पोस्ट से लोगों को दोहरी खुशी मिलेगी.
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बता दें कि करतारपुर गये पहले 'जत्थे' में अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल शामिल हैं.
इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और मंत्रियों सहित पंजाब के सभी 117 विधायक और सांसद भी पहले 'जत्थे' का हिस्सा हैं.
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गौरतलब है कि गलियारे का उद्घाटन भारत और पाकिस्तान के बीच अगस्त में नई दिल्ली के जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले के बीच हुआ.
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में कड़वाहट के बावजूद पिछले महीने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद करतारपुर गलियारे के उद्घाटन का मार्ग प्रशस्त किया गया.
यह समझौता प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति देगा, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे.